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औली उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमालय की गोद में बसा एक सुंदर स्की स्थल है। इसे गढ़वाली में औली बुग्याल कहा जाता है, जिसका अर्थ है चरागाह या घास का मैदान। समुद्र तल से लगभग 2,500 से 3,050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित औली से नंदा देवी, कामेत और दूनागिरी जैसे विशाल पर्वतों के मनमोहक दृश्य दिखाई देते हैं। जोशीमठ से यहाँ तक सड़क या रोपवे के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। जनवरी से मार्च के बीच यहाँ की ढलानें मोटी बर्फ की चादर से ढक जाती हैं, और लगभग 3 किलोमीटर लंबी तथा 500 मीटर की ऊंचाई अंतर वाली स्की ट्रैक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन मानी जाती है। ऊँचे बर्फीले पहाड़ों का शानदार दृश्य स्कीइंग के रोमांच को कई गुना बढ़ा देता है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहाँ स्की महोत्सव और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं। हालांकि स्कीइंग (skiing) यहाँ की मुख्य गतिविधि है, लेकिन पर्यटक केबल कार राइड (Cabel Car Ride), रोप लिफ्ट (Rope Lift), बर्फ में खेलना, स्नोमैन (Snowman) बनाना और स्नोबॉल फाइट (Snowball Fight) जैसी गतिविधियों का भी आनंद लेते हैं।
औली लगभग 2,800 मीटर की ऊँचाई पर घने ओक और चीड़ के जंगलों से घिरा हुआ है, और यहाँ से भारत के सबसे ऊँचे पर्वतों में से एक नंदा देवी चोटी को बेहद साफ़ देखा जा सकता है। यह नंदा देवी और वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क (Valley of Flowers National Park) का प्रवेश द्वार भी है, जहाँ से घूमसों बुग्याल, पांगेरचुल्ला, तपोवन और हेमकुंड साहिब तक के ट्रेक्स (treks) किए जाते हैं। स्की प्रेमियों के लिए जनवरी से मार्च का समय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, जबकि प्रकृति प्रेमी यहाँ अक्टूबर से मार्च के बीच आ सकते हैं। औली के पास घूमसों बुग्याल, चत्त्राकुंड झील, विश्व की सबसे ऊँची कृत्रिम औली झील और क्वानी बुग्याल जैसे बेहद खूबसूरत स्थान हैं, जहाँ हर मौसम में अलग तरह की प्राकृतिक सुंदरता दिखाई देती है। इसके अलावा यहाँ धोली गंगा घाटी की ओर का प्रसिद्ध औली रोपवे भारत के सबसे लंबे और सबसे ऊँचे रोपवेज़ में से एक है, जो जोशीमठ से होते हुए बर्फीले पर्वतों के ऊपर से गुजरता है और दिल को छू लेने वाले शानदार दृश्य दिखाता है। गर्म पानी के झरने और स्थानीय मंदिरों के लिए प्रसिद्ध तपोवन गाँव भी औली के पास स्थित है, जहाँ लोग स्थानीय संस्कृति और आतिथ्य का भी अनुभव कर सकते हैं।
स्कीइंग के अलावा औली से नंदा देवी, मान पर्वत और दूनागिरी जैसे हिमालयी शिखरों तक ट्रेकिंग की जा सकती है। चाहे बर्फ से ढंके रास्तों पर चलना हो या गर्मियों में हरे भरे बुग्यालों पर, औली का प्राकृतिक सौंदर्य हर मौसम में अनोखा अनुभव कराता है। कुल मिलाकर, औली रोमांच, प्रकृति, शांति और पहाड़ी संस्कृति का एक सुंदर संगम है, जहाँ की हर सुबह बादलों की चादर में लिपटी पहाड़ियों के बीच और हर शाम सुनहरी धूप की गर्माहट में खो जाने के लिए आमंत्रित करती है।
संदर्भ-
https://tinyurl.com/3sefvf4a
https://tinyurl.com/aax2xxe8
https://tinyurl.com/5yfwdfcs
https://tinyurl.com/4ff8ftzy
https://tinyurl.com/4b3pwp3d
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