स्वास्थ्य कि समस्या से निजात पाना हर शहर जिला व देश की एक सबसे बड़ी जरूरतों मे से एक है।
पूरा विश्व स्वास्थ्य व उससे जुड़ी दिक्कतों से लड़ने के लिये खुद को सजग कर रहा है। दिन ब दिन नयी-नयी मशीन व इलाज के तरीकों को इजात किया जा रहा है परन्तु एक बिमारी का इलाज यदि मिला तो दूसरी कोई बिमारी जन्म ले लेती है और यह कार्यक्रम अनवरत चलते रहता है।
जनसंख्या विस्फोट इसमे अहम भूमिका निभाता है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है उपचार के साधनों की मांग भी वैसे ही बढ़ती जा रही है।
लखनऊ मे यदि देखा जाए तो यहाँ पर कुल अंग्रेजी अस्पतालों की संख्या 38 है जिसमे करीब 4787 बिस्तरों का इंतजाम है। आयुर्वेदिक अस्पतालों की संख्या 39 है तथा यहाँ पर मात्र 168 बिस्तरों का इंतजाम है। युनानी अस्पतालों की संख्या मात्र 6 है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या यहाँ पर 9 है तथा प्रारंभिक स्वास्थ्य केन्द्र 26 हैं।
औषधालयों की संख्या 17 तथा उप-स्वास्थ्य केन्द्र 328 हैं। यहाँ पर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय की भी उपस्थिति है जो यहाँ के 45 लाख की जनसंख्या को स्वास्थ्य संबन्धित परेशानियों से निजात दिलाने मे कार्यरत हैं।
1 एम. एस. एम. ई. 2011
2 जनगणना 2011