जब भविष्य में बिकने लगेगी प्राणवायु

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
29-07-2018 12:00 PM

वर्तमान में मनुष्य जिस गति से आगे बढ़ रहा है और तकनीकी विकसित कर रहा है, उसे देखते हुए यदि भविष्य की कल्पना की जाए तो भविष्य काफी उज्जवल दिखाई पड़ता है। परन्तु इस गति के चलते काफी हानियाँ भी मनुष्य को झेलनी पड़ रही हैं जिनमें से मुख्य है प्रदूषण। तो आइये आज देखते हैं ऐसी ही एक शोर्ट फिल्म (Short Film) जो मानव के संभावित भविष्य की कल्पना को प्रस्तुत करती है।

ऊपर दी गयी फिल्म का शीर्षक है ‘कार्बन’ (Carbon)। फिल्म में मुख्य किरदार निभाते हुए नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और जैकी भगनानी दिखाई देते हैं। यह फिल्म करीब 25 मिनट लम्बी है। जैसा कि नाम से ही अनुमान लगाया जा सकता है, इस फिल्म का मुख्य विषय है धरती पर बढ़ते प्रदूषण के चलते सन 2067 में धरती की अवस्था को दर्शाना। क्या आप सोच सकते हैं एक ऐसे समय के बारे में जब प्राणदायी ऑक्सीजन (Oxygen) भी एक उत्पाद के रूप में उपलब्ध होने लग जाए, जब ऑक्सीजन इतनी कीमती हो जाए कि उसकी तस्करी तक होने लगे। ऐसे ही एक समय की कल्पना इस फिल्म में की गयी है।

हाल ही में येल यूनिवर्सिटी (Yale University) और कोलंबिया यूनिवर्सिटी (Columbia University) ने नवीनतम एनवायरनमेंटल परफॉरमेंस इंडेक्स (Environmental Performance Index) प्रस्तुत किया। यह एक तरीका होता है किसी भी देश की पर्यावरणीय परिस्थिति को मापने और संख्यात्मक रूप से प्रस्तुत करने का। आप जानकार हैरान रह जाएंगे कि 180 देशों की इस सूची में भारत 177वें स्थान पर खड़ा होता है। इसी सूची में भारत ने वर्ष 2016 में 141वां स्थान पाया था। यदि सिर्फ वायु प्रदूषण की बात की जाये तो भारत 178वें स्थान पर आता है। इतना ही नहीं, डब्लू।एच।ओ। (World Health Organization) की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत का योगदान 14 शहरों का है जिनमें से दिल्ली के बाद लखनऊ ने ही स्थान ग्रहण कर रखा है।

तो क्लिक करें ऊपर दी गयी वीडियो पर और अपने रविवार में से 25 मिनट निकालकर इस महत्वपूर्ण विषय पर चिंतन करें।

संदर्भ:
1.https://www.youtube.com/watch?v=zMVpwc1nO2k
2.https://www.hindustantimes.com/india-news/india-4th-worst-country-in-curbing-environmental-pollution/story-VWjWupzHcy8H5VdNGbp32J.html
3.https://www.bbc.com/news/world-asia-india-43972155