इन्टरनेट का प्रभाव रोज़गार पर

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण
06-08-2018 04:00 PM
इन्टरनेट का प्रभाव रोज़गार पर

दुनिया भर में आज वर्तमान काल में यदि देखा जाए तो तकनीकी विषय बड़े रूप में उभर कर सामने आया है। यह उपनिवेशवाद की यह एक महत्वपूर्ण देन है, यह वह समय था जब पूरा विश्व किसी न किसी प्रकार का अन्वेषण कर रहा था। दुनिया भर के कई वस्तुएं है जो इसी काल में बनायीं गयी थी।

उपनिवेशवाद पूर्व कुछ दशक बाद इन्टरनेट (Internet) का जन्म हुआ, और आज दुनिया भर में इसकी पकड़ पहुच चुकी है। यह अन्य नयी तकनीक, उपनिवेशवाद की खोजों की तरह ही रोज़गार पैदा करने वाली और रोज़गार ख़त्म करने वाली की भूमिका का निर्वहन करता है। इन्टरनेट आज एक बड़ी क्रांति के रूप में उभर कर सामने आई है।

यह एक बड़े क्षेत्र में नौकरियां तो प्रतिपादित की ही परन्तु दूसरी तरफ देखा जाए तो इससे कई नौकरियों की हत्या भी हुयी। यह सोचना अत्यंत जरूरी है या फिर इस विषय पर चर्चा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइये जानते हैं इस विषय को और गहराई से। आई ओ टी (IOT) एक शब्द है जिसका पूर्ण रूप है सभी चीजों का इन्टरनेट (Internet of Things)-- इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स। यहां इन्टरनेट का प्रयोग लगभग मानव जीवन से जुड़ी प्रत्येक चीजों में है चाहे वो कृषि का कार्य हो या मेडिकल का। जैसा की हम देखते हैं की आज वर्तमान में हमें दवाई लेने के लिए दुकान तक जाने की भी जरूरत नहीं होती बल्कि इन्टरनेट के जरिये ही वह घर तक आ जाता है। हालिया दशक में पूरा विश्व इन्टरनेट के प्रति जागरूक हुआ है और विभिन्न कल कारखानों आदि में इन्टरनेट का प्रयोग होना शुरू हो गया है। आज वर्तमान में यह एक जरूरत के रूप में उभर कर सामने आया है।

आज पूरे विश्व में इन्टरनेट से जुड़े रोज़गारों की उपलब्धता है परन्तु यह भी डर है की यदि सब चीजें इन्टरनेट सँभालने लगेगा तो रोज़गार में कमी आ जायेगी। इस विषय में कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण दिए गए हैं जैसे की- ऑनलाईन (Online) खरीदारी के सामानों को पहुचाने की लिए जल्द ही ड्रोन (Drone) की मदद ली जाएगी, यदि यह संभव हुआ तो यह अवश्य ही एक बड़े पैमाने पर रोज़गार पर मार देगा, जैसे बुलडोज़र (Bulldozer) के खोज के बाद विश्व भर में कई कामगारों का रोज़गार छिना था, कपड़ों आदि को बनाने की मशीनों के आने के बाद भी कई रोजगारों पर प्रभाव पड़ा था आदि प्रकार की संभावनाएं इस जगत से जुड़ी हैं।

भारत विश्व की आई टी आउटसोर्स (IT Outsource) की राजधानी कही जाती है। यहाँ पर विश्व भर की आई टी कंपनियों के अनेकों काम किये जाते हैं जिससे यहाँ पर कुछ दशकों में इन्टरनेट से जुड़ी नौकरियों की बाड़ सी आ गई। वर्तमान काल में इस क्षेत्र में एक रुकाव सा लगा है जिसका सीधा प्रभाव रोज़गार पर पड़ा है।

यह देखने योग्य है की आम आई टी रोज़गारों में रुकाव आया है और वहीँ इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स से जुड़ी वस्तुओं में तेज़ी देखने को मिली है। आज भारत में करीब 65% स्टार्टअप (Start Up) इसी क्षेत्र में कार्यरत हैं जिससे रोज़गार में भी वृद्धि देखने को मिली है। आज विश्व की जनसँख्या 900 करोड़ तक पहुँच रही है। आई ओ टी को एक नए रोज़गार उत्पादित करने वाले उद्यम के रूप में देखा जा सकता है; यह अनुमानित रूप से 10-15 मिलियन (1 से 1.5 करोड़) नौकरियां पैदा करने का माद्दा रखता है आने वाले दशक में।

संदर्भ:
1.चित्र: Poster vector created by Macrovector - Freepik.com
2.https://www.entrepreneur.com/article/300400
3.https://www.linkedin.com/pulse/iot-job-killer-creator-people-finder-internet-of-things-/
4.http://www.pbsnow.com/cisco-news/internet-of-everything-may-be-a-job-creator/
5.https://www.wired.com/insights/2015/02/internet-of-everything-your-next-tech-job/