दिमाग की नसों को हिला देने वाला "रूबिक्स क्यूब "

हथियार और खिलौने
20-08-2018 12:52 PM
दिमाग की नसों को हिला देने वाला "रूबिक्स क्यूब "

विश्व में अधिकांश लोग अपने आप को शरीरिक रुप से फ़िट और स्वस्थ रखने के लिए कई प्रयास करते हैं। हमारे शरीर की तरह, आपको सक्रिय और सतर्क रहने के लिए मस्तिष्क कसरत की भी आवश्यकता होती है। जितना अधिक आप अपने मस्तिष्क का उपयोग करेंगे उतना ही वह स्वस्थ रहेगा। सबसे अच्छी मस्तिष्क कसरत वो होती है, जो आपके मस्तिष्क के सामने नई चुनौतियाँ प्रस्तुत कर साथ ही उसको उत्तेजित, सक्रिय, और मनोरंजित करती है। मौजूदा वक्त में मस्तिष्क का अभ्यास करने के लिए बहुत सारे तरीके उपलब्ध है, उनमें से सबसे लोकप्रिय रूबिक्स क्यूब है।

हम सभी जानते हैं कि रुबिक्स क्यूब को हल करना एक मस्तिष्क चुनौती है। इसे हल आवश्यक एल्गोरिदम (Algorithm)और तकनीकों की संख्या द्वारा मस्तिष्क को उत्तेजित करके किया जाता है। यह इतना आकर्षक है कि अगर किसी की दृष्टि इस पर पड़ जाए तो इसे हल करने कि उत्सुकता स्वाभाविक रुप से उत्त्पन हो जाती है, लेकिन दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग होंगे जो इसे तेजी से हल कर सकते हैं। इस अद्दभूद खेल की उत्पत्ति कहाँ और किसने की होगी यह सवाल तो आपके मन में आ ही रहा होगा, तो चलिए जानते हैं इसके निर्माता के बारे में,

इसकी उत्पत्ति सर्वप्रथम कनाडा में 1972 में 2x2x2 के रूप में हुयी तथा कुछ वर्ष पश्‍चात एक अन्‍य अविष्‍कारक ने "गोलाकार 3x3x3" के रूप में इसका अविष्‍कार किया लेकिन वास्‍तविक स्‍वरूप 1974 में मूर्तिकार इरनो रूबिक द्वारा तैयार किया गया, इसे पहले "मैजिक क्यूब" के नाम से जाना जाता था। उन्होंने अपने स्टूडेंट्स को ज्योमेट्री सिखाने के लिए इसका निर्माण किया, लेकिन वे खुद इसे हल करना भूल गए, महीने भर तक चली मशक्कत के बाद आखिरकार वह इसका हल ढ़ूढ़ने में कामयाब रहे। 1980 में इस खिलौने को ‘आइडियल टॉय कंपनी’ ने बड़े रूप से दुनिया के सामने लाने का मन बनाया। इसने अपने सफ़र में कई पुरस्कार भी जीते और साथ ही विश्व में अपनी लोकप्रियता भी हासिल की है।

रुबिक क्यूब को हल करना अपने आप में एक चुनौती थी, इसलिए इस चुनौती को एक अलग मुकाम पर ले जाने के लिए रुबिक क्यूब हल करने की प्रतियोगिताएं भी शुरू की गई। ‘स्पीड क्यूबिंग’ नाम की एक ऐसी ही प्रतियोगिता बहुत ही मशहूर है। भारत में भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड को वर्तमान में “उज्जवल पबरेजा” ने सबसे तेज 6.38 सेकेंड़ में हल कर विजय बने हैं। यह एक ऐसा खेल है कि समय बीतने के साथ इसका महत्‍व कम नहीं होगा इसका रोमांच लोगों में समान रूप से बना रहेगा। इसके उपयोग से हमारे मस्तिष्क पर काफ़ी हद तक अच्छा प्रभाव होता है, साथ ही यह बच्चों के लिए भी काफ़ी लाभदायक सिद्ध हुआ है।

संदर्भ:

1.https://www.redbull.com/in-en/cubing-community-in-india
2.http://www.indiancubeassociation.in/
3.https://www.telegraph.co.uk/technology/google/10840482/Rubiks-cube-invention-40-years-old-and-never-meant-to-be-a-toy.html
4.http://www.80sfashion.org/history-of-the-rubiks-cube/
5.https://www.thoughtco.com/rubik-and-the-cube-1992378