व्‍यवसाय के रूप में राखी बन रही है एक बेहतर विकल्‍प

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
14-08-2019 02:52 PM
व्‍यवसाय के रूप में राखी बन रही है एक बेहतर विकल्‍प

भारत में हर पर्व को मनाने का अंदाज़ ही निराला है। यहां के हर पर्व के पीछे कोई रोचक कथा या विशेष कारण जुड़ा हुआ है। कल भी हम ऐसे ही एक खूबसूरत पर्व रक्षाबंधन को मनाने जा रहे हैं, जो मुख्‍यतः भाई-बहन के पवित्र रिश्‍ते को समर्पित है और लगभग 6,000 साल पहले से मनाया जा रहा है। यह त्‍यौहार मात्र एक धागा बांधने का नहीं वरन् एक रक्षा का बंधन होता है। प्राचीन समय में राजा महाराजा युद्ध के दौरान ईश्‍वर का आर्शीवाद प्राप्‍त करने के लिए यज्ञ करते थे तथा उनकी बहनें उनके हाथ में रक्षासूत्र बांधती थीं, जो युद्ध के मैदान में उन्‍हें उनके कर्तव्‍यों की याद दिलाता था। आज भी बहने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधती हैं, जिसके माध्‍यम से वे भाई से सदा उनकी रक्षा करने का प्रण दिलवाती हैं।

देश का बाज़ार हफ्ते भर पहले से रंग बिरंगी राखियों से सज गया है। लोग आज राखी के रूप में एक बेहतर व्‍यवसाय को ढूंढ रहे हैं। व्‍यवसायिक दृष्टि से इसका काफी विस्‍तार हो रहा है। आज लोग महंगी से महंगी राखी खरीदने में कोई संकोच नहीं कर रहे हैं। इन राखियों को कीमती पत्‍थरों, सोने, चांदी और मोतियों से बनाया जा रहा है। देश में तीन-तीन लाख रूपये की भी राखी बेची जा चुकी है। हमारे देश में 50 लाख रूपये की राखी भी बनाई जा चुकी है, जिसे 14 कैरेट के सफेद सोने और 500 गोल हीरे से बनाया गया है।

पहले के समय में राखी के नाम पर एक सामान्‍य सा रेशम का धागा होता था, लेकिन आज टीवी (TV), इंटरनेट (Internet) के विस्‍तार ने राखी के डिज़ाइन (Design) में भी परिवर्तन ला दिया है। अर्थात टीवी, इंटरनेट पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के माध्‍यम से नए-नए डिज़ाइन की राखियों का प्रसार किया जा रहा है। इसके साथ ही बच्‍चे अपने प्रिय कार्टून (Cartoon) वाले डिज़ाइन की राखी खरीदना पसंद कर रहे हैं। बाज़ार में ताज़े फूलों की राखियां भी लायी जा रही हैं। राखियों का कॉम्बो पैक (Combo Pack) भी 499 से 4,000 रूपये तक में मौजूद है।

ऑनलाइन (Online) राखी के व्‍यवसाय को बढ़ाने के लिए कई विक्रेता 1,000 रूपये से अधिक की राखी पर 250 रूपये तक का उपहार दे रहे हैं, जिससे ग्राहकों को रिझाया जा सके। चॉकलेट (Chocolate) विक्रेताओं ने ग्राहकों को रिझाने के लिए उन्‍हें भावनात्‍मक रूप से अपने उत्‍पाद के साथ जोड़ दिया है, जिसके लिए उन्‍होंने रक्षाबंधन का सहारा लिया है और अब चॉकलेट भी रक्षाबंधन की मिठाई का हिस्‍सा बन गयी है।

विक्रताओं द्वारा पिछले वर्ष की अपेक्षा राखी की कीमतों में मामूली सा बदलाव किया गया है। किंतु इससे इसकी ब्रिकी में कोई गिरावट नहीं आयी है और अधिकांश व्‍यापारियों द्वारा इस वर्ष अच्‍छे लाभ की आशा की जा रही है। अतः भावी उद्योगपतियों के लिए यह एक अच्‍छा व्‍यवसाय हो सकता है।

संदर्भ:
1.https://www.hindustantimes.com/india/a-rs-50-lakh-rakhi-any-takers/
2.https://www.indianretailer.com/article/Rakhi-Festival-of-business-profit.a1714/