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आज 15 अगस्त को हम अपना 73वाँ स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। भारत में 1947 से 15 अगस्त की तारीख भारतीय इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन बन गया है। यह वर्ष 1947 का सबसे भाग्यशाली दिन था, जब भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन संघर्ष और बलिदान के बाद भारत स्वतंत्र हुआ। हमने कड़े संघर्ष के बाद आजादी हासिल की, जो कि वर्षो के निरंतर प्रयासों का परिणाम था, जिसकी मुख्य नीव वर्ष 1942 में रखी गई थी। आज इस शुभ अवसर पर प्रारंग उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, और अगस्त 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन से कुछ दुर्लभ चित्र प्रस्तुत कर रहा है।
सशस्त्र पुलिस की तस्वीर जिसे लोगों द्वारा 'पत्थर फेंकने' के बाद बुलाया गया और शांति बनाए रखने के लिए उन्हें लोगों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया गया।
उस समय नई आई आंसू गैस के दस्ते की तस्वीर।
पुलिस ने एकजुट होकर संयुक्त हमला किया, जो सुबह के अंधेरे में शुरू हुआ। 9 अगस्त को बॉम्बे के लोग सुबह जबतक जागे तबतक उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था और अज्ञात स्थानों पर भेजा जा चुका था। कांग्रेस के खेमे में कोई भ्रम नहीं था, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष ने लोगों को पहले से निर्देशित कर रखा था, कि यदि उनकी या अन्य नेताओं की गिरफ्तारी हो जाती है, तो हर किसी को स्वयं को कांग्रेस अध्यक्ष मानना है और अधिनियम के अनुरूप ही कार्य करना है। लोगों का पहला कर्तव्य उस कार्यक्रम को पूरा करना था, जो पहले ही घोषित किया जा चुका था- सुबह गोवालिया टैंक मैदान में ध्वजारोहण और शाम को शिवाजी पार्क मैदान में जनसभा। सुबह जवाहरलाल नेहरु को आना था और शाम को गांधी जी जनसभा को संबोधित करने वाले थे।
इसलिए हजारों लोग और स्वयंसेवक गौवालिया टैंक मैदान में एकत्रित हुए कि भले ही जवाहरलाल नेहरु को गिरफ्तार कर लिया गया हो, लेकिन झंडा फहराया जाना चाहिए।