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लखनऊ काफी समय से अपने विशेष ‘कबाब’ के लिए जाना जाता है। यह कबाब अद्वितीय और गुप्त व्यंजनों का एक गहरा संरक्षित रहस्य हैं। ऐसा माना जाता है कि इन्हें बनाने में 120 से भी अधिक सामग्रियां उपयोग की जाती हैं, जोकि व्यंजन को इनके जाने-माने अपरिवर्तनीय स्वाद प्रदान करती हैं। कबाब बनाने की सबसे पुरानी विभिन्न विधियों का उल्लेख ‘नीमतनामा’ नामक एक पुस्तक में भी किया गया है। यह पुस्तक मांडू के सुल्तानों की 600 साल पुरानी पांडुलिपि है। नीमतनामा या ‘द बुक ऑफ प्लेज़र्स’ (The Book of Pleasures) 15 वीं शताब्दी में मालवा के सुल्तान घियाथ शाही की एक व्यंजन पुस्तक है जिसे उनके बेटे और उत्तराधिकारी नासिर शाह ने एकत्रित किया था। इस पुस्तक में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को पकाने की विधियों का उल्लेख किया गया। इसके साथ ही पुस्तक में रोगों के उपचार, सुपारी बनाने की विधियों आदि का भी वर्णन किया गया है।
घियाथ शाही के सुल्तान बनने के 30 वर्षों के भीतर ही उसने अपने बेटे, नासिर शाह को राज्य के मामलों को चलाने के लिए प्रतिनियुक्त किया तथा खुद को सुख और संतुष्टि की तलाश में व्यस्त कर दिया। नीमतनामा उनकी निरंतर सुख की तलाश का ही परिणाम है। शाह को खाने में गहरी दिलचस्पी थी जोकि उनकी इस व्यंजन पुस्तक में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। उनके इस कार्य में विभिन्न खाद्य और पेय पदार्थों के व्यंजन, इत्र और दवाएं बनाने की विधियां भी शामिल हैं। वर्तमान में नीमतनामा को लंदन में ‘इंडिया ऑफिस लाइब्रेरी’ (India Office Library) में रखा गया है। इन व्यंजनों में कबाब बनाने की पाक विधियां भी बहुत विस्तृत और आकर्षक हैं जिसका एक उदाहरण निम्नलिखित है:
मीट कबाब:
• सबसे पहले मांस को बहुत बारीक काट लें। इसके बाद इसे हल्दी वाले पानी से अच्छी तरह धो लें तथा उबालें।
• इस मिश्रण में फिर नमक, हींग और कटे हुए प्याज़ डालें तथा कुछ समय तक उबालें।
• जब मिश्रण अच्छी तरह से पक जाये तो मिश्रण को धागे से एक साथ बाँध लें तथा सभी शाकों के साथ अच्छे से मिलाकर इसमें नींबू का रस मिलाएं।
• अब इसे कई घंटों के लिए छोड़ दें। कुछ समय तक छोड़ने के बाद मिश्रण को भूनें।
• जब मीट में मिले शाक लाल और अवशोषित हो जाएं तो घी में कस्तूरी, कपूर और गुलाब-जल को भूनें। इस मिश्रण को मांस पर रगड़ें तथा एक बार फिर भूनें।
• जब यह अच्छी तरह से पक जाये तो धागे को निकाल दें तथा व्यंजन को परोसें।
कबाब के लिए आप मछली, बकरी, भेड़ आदि का मांस भी प्रयोग कर सकते हैं।
नीमतनामा पुस्तक में मांस के व्यंजनों को बनाने की अन्य बहुत सारी विधियां हैं जिनमें से एक निम्नलिखित है-
केसर मांस की विधि:
• सबसे पहले मांस को अच्छी तरह से धों ले।
• खाना पकाने के बर्तन में मीठे-महक वाले घी को डालकर उसमें मांस डाल दें।
• घी गर्म हो जाने पर इसमें केसर, गुलाबजल और कपूर मिलाएं।
• मांस को केसर के साथ मिलाएं और जब यह अच्छी तरह से मिल जाए तो इसमें थोड़ी मात्रा में पानी मिलाएं।
• इलायची, लौंग, धनिया, सौंफ, दालचीनी, कैसिया (Cassia), जीरा और मेथी को लेकर उनके टुकड़े करें और सबको एक मलमल के कपड़े में बाँधकर उन्हें मांस के साथ डालें।
• बादाम, देवदार गुठली, पिस्ता, और किशमिश को इमली के राब में पकाएं और उन्हें मांस में मिलाएं।
• इसमें गुलाबजल, कपूर, कस्तूरी और एम्बरग्रीस (Ambergris) डालें और परोसें।
इसी विधि से तीतर, बटेर, चिकन और कबूतर के मांस को भी पकाएं।
नीमतनामा की लिपि नस्ख है, जोकि अरबी वर्णमाला में लिखने की एक सुलेख शैली है। इसमें फारसी-तुर्क शैली में 50 अद्भुत लघु चित्र किए गए हैं जिन्हें आप निम्न लिंक पर जाकर देख सकते हैं:
https://bit.ly/31StOmw
संदर्भ:
1. https://bit.ly/33MZXh6
2. https://bit.ly/2KNGwNW