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                                            स्वास्थ्य मनुष्य का गहना होता है, इसे विभिन्न आयामों से देखा जाता है जिसमें शारीरिक के साथ-साथ स्थानिक वातावरण भी निहित होता है। आदि काल से ही मनुष्यों में कई महामारियों ने जन्म लिया और लाखों की संख्या में इससे लोग प्रभावित भी हुए। ऐसी बीमारियों के प्रसार में मौसम का एक बड़ा योगदान होता है। मौसम के बदलने के साथ-साथ कई नयी बीमारियों का भी जन्म होता है। हम अक्सर इस शिकायत से जूझते हैं कि मौसम के परिवर्तित होते ही बुखार, वायरल (Viral) आदि हो जाता है। मौसम का एक अन्य भी रूप है जिसमें यह विभिन्न बीमारियों को बढ़ने से रोकने का भी कार्य करता है।
अब जब इस बात को दृढ़ता से देखें तो पता चलता है कि सर्दी के महीनों में फ़्लू (Flu) और शीत वाइरस (Cold Virus) बड़े पैमाने पर फैलता है और जैसे ही गर्म मौसम आता है वे सभी वाइरस अपने आप ही मर जाते हैं। ऐसा अनुभव अक्सर हम सब करते हैं।अभी हाल ही में दुनिया भर में तब खलबली मच गयी जब कोरोना (Corona) नामक वाइरस चीन से फैलना शुरू किया। यह एक ऐसी बिमारी है जो एक मनुष्य से दूसरे को फैलती है। पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (Pennsylvania State University) के सेंटर फॉर इन्फेक्शियस डिज़ीज़ डायनेमिक्स (Centre for Infectious Disease Dynamics) की निर्देशक एलिज़ाबेथ मैकग्रा (Elizabeth McGraw) के अनुसार कोरोना वायरस सर्दियों से जुड़ा हुआ एक वाइरस है जो कि सर्दियों में फैलता है।
इसके फैलने का एक कारण यह है कि ठण्ड में ज्यादा संख्या में लोग एक स्थान पर रहते हैं जिससे यदि कोई भी व्यक्ति इस वाइरस की चपेट में आता है तो उससे यह वाइरस बड़े पैमाने पर फैलने लगता है। वाइरस सांस और खांसते हुए या छींकते हुए मुँह से निकले हुए थूक के कणों से भी फैलता है। सर्दियों में जुखाम और खांसी आम सी बात हो जाती हैं जिससे इस वाइरस को फैलने का समुचित समय मिल जाता है। हर एक कोरोना वाइरस समान रोग प्रसार के नियमों से सम्बंधित नहीं होता है तथा यह जानवरों आदि के माध्यम से फैलता है तथा इसमें मौसम का योगदान नहीं होता है। हाल ही में आये कोरोना जो कि COVID-19 के नाम से जाना जाता है के प्रसार के लिए मौसमी ठण्ड अत्यंत आवश्यक होती है। मौसम एक बिंदु है जिसने इस वाइरस को फैलने में अत्यंत मदद प्रदान की है।
कई वैज्ञानिकों का मानना है कि गर्मी के दौर में इस वाइरस के प्रसार में रोक लगेगी जिससे यह रोग मृत हो जाएगा। जिन इलाकों में सर्द का ज्यादा माहौल था उस क्षेत्र में इस रोग का फैलाव हमने बड़े स्तर पर देखा अतः यह वैज्ञानिकता के आधार पर हम कह सकते हैं कि इस वाइरस को फैलने के लिए सर्दी का मौसम सबसे अधिक महत्वपूर्ण था। इसी आधार पर वैज्ञानिकों ने माना कि गर्मी के शुरुआत से इस रोग में कमी दिखनी शुरू हो जायेगी। हांलाकि यह विचार मात्र एक विचार ही है क्यूंकि इस नए कोरोना वाइरस के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं प्राप्त है। गर्मियों का विचार लेकिन एक बड़े पैमाने पर माने जाने योग्य है, कारण कि इसके पहले जितने भी रोगों का आदान प्रदान इस प्रकार से हुआ है वे सब गर्मियों के आते ही थमना शुरू हो जाते हैं।
सन्दर्भ:
1. https://n.pr/3ah7NSP
2. https://s.nikkei.com/2Pn2TeD
3. https://bit.ly/3a92Efw
चित्र सन्दर्भ:
1. https://pixnio.com/fr/media/soins-de-sante-patient-masque-maladie-yeux
2. https://www.flickr.com/photos/niaid/14702416040
3. youtube.com/watch?v=B93uZPvThKc