प्राचीन समय में शारीरिक रूप से संचालित किए जाते थे पंखे

अवधारणा II - नागरिक की पहचान
29-05-2020 10:00 AM
प्राचीन समय में शारीरिक रूप से संचालित किए जाते थे पंखे

वर्तमान समय में जब हमें गर्मी लगती है तो उससे राहत पाने के लिए हम पंखे, ए.सी. (A.C) या कूलर (Cooler) को खोलकर उसके नीचे बैठ जाते हैं, लेकिन पंखे, कूलर और ए.सी. के आविष्कार से पहले गर्मी से राहत पाने के लिए मानव द्वारा संचलित पंखों का उपयोग किया जाता था। जब से बिजली के पंखों ने घरों और दफ्तरों में प्रवेश किया है, तब से पंखे चलाने वाले सेवकों ने अपना पेशा खो दिया ह––। दरअसल पहले के समय में पंखा वाला उस व्यक्ति को कहा जाता था जो शारीरिक रूप से पंखे को संचालित करते थे। वहीं इस कार्य के लिए उस समय आमतौर पर बधिर व्यक्ति का चयन किया जाता था, क्योंकि एक पंखा वाला हमेशा गोपनीय वार्तालापों के वक्त भी मौजूद रहता था।

ऐतिहासिक रूप से सबसे पहले नकली हवा की शुरुआत अश्शूर और मिस्र के शाही और धनी व्यक्तियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने गर्मी के दिनों में ठंडक प्राप्त करने के लिए विशाल पत्तियों को लहरवाने के लिए सेवकों के एक छोटे दल को नियुक्त किया था। हस्तचलित पंखे, जो आज भी देखे जाते हैं, मसीह के जन्म के आसपास अस्तित्व में आए थे। वहीं एक जापानी तह पंखा ‘अकोमोगी (Akomeogi)’ छठी शताब्दी ईस्वी का माना जाता है। भारत में, मोर के पंखों का एक बड़ा पंखा शासक की शाश्वत सतर्कता का प्रतीक था। यूरोप में हस्तचलित पंखे मध्य युग में आए और लोकप्रिय हुए थे। वहीं 1750 के दशक के मध्य तक अकेले पेरिस में 150 पंखे के निर्माता थे।

औद्योगिक क्रांति के कारखानों में यांत्रिक पंखों का सफल उपयोग विकसित किया गया था। कारखानों में कार्य करने वाले मजदूरों द्वारा गर्मी लगने पर कारखानों के शीर्ष में लकड़ी या धातु के ब्लेड (Blade) को चक्करदार दस्ते (जो उपकरणों को चलाने के लिए उपयोग किया जाता था) में जोड़कर इस्तेमाल किया गया था। वहीं बिजली चलित पंखे का आविष्कार वर्ष 1882 में “शूलर एस व्हीलर” ने किया था। जिसके कुछ साल बाद ही फिलिप डाइहाल ने एक सिलाई मशीन की मोटर पर पंखे की ब्लेड लगाकर और उसे छत से जोड़ कर छत वाले पंखे का आविष्कार किया, उनके द्वारा इसे 1887 में पेटेंट (Patent) करवाया गया था। बाद में, उन्होंने छत वाले पंखे में एक हल्की स्थिरता को जोड़ा।

ब्रिटिश राज के दिनों के पंखे वालों की कुछ तस्वीरें आप इंडिया विज़ुअल की इस लिंक (https://bit.ly/3gzxfH8) में भी जा कर देख सकते हैं। वहीं इसमें हिगिनबोटहम्स के मद्रास विषय पर पोस्टकार्ड (Postcards) भी मौजूद हैं। वहीं वर्तमान समय में पंखा वाला उस व्यक्ति को कहा जाता है जो हाथ से चलने और बिजली वाले पंखों का निर्माण या मरम्मत करते हैं।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में एक पंखे वाले को पंखा झलते हुए दिखाया गया है। (British Museum, Public Library)
2. दूसरे चित्र में कोलोनिअल भारत में एक पंखे वाले और एक अन्य सेवक को दिखाया गया है। (Pinterest)
3. तीसरे चित्र में एक पंखे वाला अर्धनिद्रा में पंखा झेल रहा है। (Indiavisual FB Page)
4. चौथे चित्र में दो पंखे वाले लेटकर पंखा झेल रहे हैं। (Royal Society for Asian Affairs, London/Bridgeman)
5. अंतिम चित्र में जोधपर किले में टंगे हुए हस्त पंखे को दिखाया गया है। (Wikipedia)

संदर्भ :-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Punkah_wallah
2. http://dailym.ai/2X9KjuY
3. https://web.archive.org/web/20160309015436/
4. http://newsfinder.org/site/more/ceiling_fans
5. https://bit.ly/3gzxfH8