दिवाली का त्योहार भारत ही नही अपितु विश्व के कई देशों में भी मनाया जाता है। अमेरिका से लेकर मॉरिशस तक इस त्योहार को मनाया जाता है। इस त्योहार को अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में देखा जाता है। यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम के संदेश को फैलाता है। बुराई के समूल नाश के प्रतीक के रूप में इस पर्व को देखा जाता है। सनातन धर्म में इस पर्व से सम्बन्धित कई कथाओं का वर्णन है जैसे राजा राम का अयोध्या लौटना, नर्कासुर का कृष्ण द्वारा वध आदि। यह पर्व सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से मनाए जाने वाला ऐसा विशिष्ट पर्व है जो धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विशिष्टता रखता है। भारत के हर प्रांत या क्षेत्र में दीवाली कई प्रकार व कई तरीकों से मनाई जाती है तथा कई जगहों पर दिवाली मनाने के कई कारण भी पाये जाते हैं। लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है। लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ़ करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं। मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बाँटते हैं, एक दूसरे से मिलते हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनायी जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है। बड़े छोटे सभी इस त्योहार में भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश का विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। हर प्रांत या क्षेत्र में दीवाली मनाने के कारण एवं तरीके अलग हैं पर सभी जगह कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है। लखनऊ में दिवाली बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाई जाती है।