समय - सीमा 261
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1055
मानव और उनके आविष्कार 830
भूगोल 241
जीव-जंतु 305
| Post Viewership from Post Date to 14- Apr-2021 (5th day) | ||||
|---|---|---|---|---|
| City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
| 705 | 57 | 0 | 762 | |
| * Please see metrics definition on bottom of this page. | ||||
आधुनिक तकनीकी विकास ने उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को समझने और इससे संबंधित रोगों जैसे दिल के दौरे, स्ट्रोक (Stroke), मधुमेह, कैंसर, सीने में दर्द और गठिया को नियंत्रित करने के उपायों में काफी प्रगति कर दी है। इस प्रकार, प्रत्येक व्यक्ति अब असीमित स्वास्थ्य और अवसर से भरे 100 या अधिक वर्षों के युवा, उत्पादक जीवनकाल की आशा कर रहा है। विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध में उम्र बढ़ने की प्राकृतिक क्रम के विरूद्ध जाने का प्रयास किया है। इस प्रकार की प्रक्रियाओं में शामिल हैं एंटी-एजिंग गोलियां (Anti-aging pills), प्रतिबंधित भोजन का उपभोग और युवा रहने के लिए शरीर के अंगों की क्लोनिंग (Cloning) और जैविक उम्र बढ़ने में देरी।
हाल ही में नेमाटोड वर्म कैनेओर्हडाइटिस एलिगेंस (nematode worm Caenorhabditis) (उम्र बढ़ने से संबंधित अनुसंधान के लिए एक सामान्य जीव) का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने जैव रासायनिक मार्गों में हेरफेर करने में कामयाब रहे। परिणामस्वरूप कीड़े 20 दिनों के अपने विशिष्ट जीवन काल की तुलना में पांच गुना अधिक जिये। टेलोमेयर (telomere ) की लंबाई में इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कोशिका के भीतर एक छोटी संरचना होती है जो क्रोमोसोम (chromosomes) को खराब होने से बचाती है। एक अध्ययन में पाया गया कि टेलोमेयर में तीव्रता से कमी मनुष्यों सहित कई प्रजातियों का जीवनकाल कम कर देती है। इससे पता चला कि हम इस प्रकार की संरचनाओं की सुरक्षा कर अपने जीवनकाल को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, टेलोमेयर का रखरखाव एक जटिल प्रक्रिया है। इसके अलावा, टेलोमेरेस कितनी जल्दी कम हो सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे शरीर के किस हिस्से पर स्थित हैं।
सामान्यत: टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) को प्रबंधित करने के लिए निर्धारित दवा मेटफोर्मिन (metformin) को आयु संबंधी अन्य बीमारियों के मार्ग को अवरूद्ध करने में भी कारगर सिद्ध हुयी, जिससे स्वास्थ्य अवधि बढ़ गयी, इसका प्रत्यक्ष प्रभाव हमारी आयु पर पड़ा। अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन (Albert Einstein College of Medicine ) में इंस्टीट्यूट फॉर एजिंग रिसर्च (Institute for Ageing Research) के निदेशक नीर बरज़िलाई (Nir Barzilai) ने उम्र बढ़ने के उपचार के लिए मेटफ़ॉर्मिन के पहले नैदानिक परीक्षण के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (US Food and Drug Administration ) से मंजूरी मांगी है। लेकिन अन्य शोधकर्ता इसको लेकर चिंतित हैं, क्योंकि मेटफॉर्मिन का सेवन विटामिन बी (B vitamin) की कमी के उच्च जोखिम से जुड़ा हुआ है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि इससे संज्ञानात्मक शिथिलता हो सकती है। 2018 के एक अध्ययन में पाया गया कि मेटफॉर्मिन एरोबिक क्षमता को कम कर सकता है और एक्सर्साइज़ (excercise) के लाभों को भी कम कर सकता है - जो कि हमारे बुढ़ापे के प्रभावों से लड़ने में मदद करने के लिए जानते हैं।
आयुर्वेद, दुनिया के सबसे मान्य मानसिक-शारीरिक-आत्मीय औषधीय प्रणालियों में से एक है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया की विभिन्न अवधारणाओं को प्रस्तुत करता है। चिकित्सा की इस प्रणाली में स्वस्थ उम्र बढ़ने के लिए उपचार शामिल हैं ताकि एक इष्टतम स्वास्थ्य बनाया जा सके और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहकर किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति को लंबा किया जा सके। यह समीक्षा जरा और वृद्धावस्था के आयुर्वेदिक ग्रंथ के साथ आधुनिक चिकित्सा द्वारा परिभाषित उम्र बढ़ने के विज्ञान की तुलना करके उम्र बढ़ने और दीर्घायु के विभिन्न पहलुओं का पता लगाएगी। बीसवीं सदी के प्रारंभिक चरण में अधिकांश औद्योगिक देशों में जीवन प्रत्याशा 50 वर्ष से कम थी। इक्कीसवीं सदी के आने तक यह 75-वर्ष की सीमा को पार करके लगभग 50% बढ़ गयी। यह नाटकीय वृद्धि ज्यादातर बेहतर स्वच्छता प्रथाओं, महामारी और संक्रामक रोगों को कम करने में सफलता और शिशु मृत्यु दर में तेज गिरावट के परिणामस्वरूप हुई। मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और बुढ़ापे में जीवित रहने के लिए अधिक से अधिक लोगों को सक्षम बनाने में आधुनिक तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।