केवल लखनऊ में मनाया जाता है, श्री हनुमान को समर्पित अनूठा त्यौहार बड़ा मंगल

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
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केवल लखनऊ में मनाया जाता है, श्री हनुमान को समर्पित अनूठा त्यौहार बड़ा मंगल

हिंदू परिवारों में सप्ताह के प्रत्येक दिवस को किसी खास उद्देश्य के लिए महत्त्वपूर्ण माना गया है। हफ्ते का हर दिन किसी न किसी हिन्दू देवता को समर्पित है। सप्ताह के सभी दिनों में विशेषतौर पर मंगलवार एवं शनिवार को अत्यंत पवित्र माना गया है। इसकी पवित्रता का अंदाज़ा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिंदू समाज में इन दोनों दिवसों के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा और विशेषतौर पर मांसाहरी भोजन पूर्णतः वर्जित होता है! चलिए समझते हैं कि आखिर क्यों मंगलवार और शनिवार धार्मिक दृष्टि से इतने महत्त्वपूर्ण दिवस होते हैं?
जैसा की मंगलवार के पवित्र नाम से ही स्पष्ट हैं "शुभता का दिवस" अथवा शुभ दिन! हिंदू धर्म में इस दिवस के शुभ होने के पीछे एक अत्यधिक ठोस एवं आध्यात्मिक कारण निहित है, जिनका नाम है "श्री हनुमान"! धरती पर भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले केसरी और अंजना के पुत्र, श्री हनुमान का जन्म मंगलवार को चैत्र के हिंदू महीने के दौरान पूर्णिमा के दिन हुआ था। हर साल जब चैत्र मास की पूर्णिमा आती है, तो उनका जन्मदिन मनाया जाता है, जिसे श्री हनुमान जयंती कहा जाता है। मंगलवार को भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए बहुत ही शुभ दिन माना जाता है, इसलिए सभी भक्त मंगलवार को बेहद पवित्र और शुभ दिवस के रूप में मानकर पवनपुत्र हुनमान की स्तुति एवं आराधना करते हैं।
भारत सहित पूरे विश्व में हनुमान के जन्मदिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। यदि हम अंग्रेजी कैलेंडर (ग्रेगोरियन कैलेंडर) के अनुसार देखते हैं, तो हनुमान जयंती मार्च या अप्रैल के किसी एक दिवस पर पड़ती है। यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि शनि देवता के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए भी भक्त शनिवार को भगवान हनुमान की पूजा करते हैं। दरअसल मंगलवार की ही भांति शनिवार को भी एक पवित्र दिन माना जाता है। यह दिन विशेष तौर पर हिंदू देवता शनिदेव को समर्पित है, लेकिन शनि देव और हनुमान से जुड़ी कथा के कारण शनिवार को अधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। श्री हनुमान और शनिदेव से जुड़ी हुई कथा से शनिवार और मंगलवार के सम्बंध स्पष्ट हो जाते हैं। इस संदर्भ में प्रचलित लोकप्रिय कहानियों में से एक के अनुसार, सतयुग के दौरान लंकापति रावण इतना शक्तिशाली हो गया था कि वह अपनी इच्छा के अनुसार ग्रहों की गति को नियंत्रित कर सकता था। अपने पुत्र मेघनाद के जन्म के समय रावण चाहता था कि उसकी जन्मपत्री इतनी प्रभावशाली हो कि वह जीवन भर अजेय रह सके।
भगवान शिव और ब्रह्मा के वरदान ने रावण को अजेय बना दिया। वह अपने बेटे मेघनाथ के लिए भी ऐसा ही भाग्य चाहता था। इसलिए जब वह पैदा होने वाला था, तब रावण ने सभी 9 ग्रहों का अपहरण कर लिया और उन्हें 11 वें स्थान पर रख दिया, ताकि उसका नवजात बच्चा भी अमर और अजेय हो सके। इसलिए उसने शनि, (शनि देव) सहित सभी ग्रहों को ऐसी जगह बंद कर दिया, जहाँ से उनका बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो गया।
वहीँ जब श्री हनुमान माता सीता की खोज में लंका गए, तो उन्हें मदद के लिए रोते हुए शनि देवता की आवाज सुनाई दी। श्री हनुमान संकट में शनि की मदद के लिए आगे बढ़े और इस तरह उन्हें रावण के चंगुल से बचाया। इसलिए, श्री हनुमान को उनके सहायता के लिए धन्यवाद देने के लिए, शनि देवता ने वादा किया कि वह कभी भी उन पर अपना प्रभाव नहीं डालेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग शनिवार को भगवान हनुमान की पूजा करेंगे उन्हें उनके प्रतिकूल प्रभावों से राहत मिलेगी। यही कारण है कि हिंदू धर्म में शनिवार को भी हनुमान मंदिर में जाकर पूजा की जाती है। शनिवार को मंदिर में दर्शन करने से कुछ विशेष लाभ होते हैं इसलिए इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन अवश्य किया जाना चाहिए। जैसे जल्दी उठाकर स्नान करके और साफ सुथरे कपडे पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें तथा भगवान शनि को तिल के तेल का दीपक चढ़ाएँ और हनुमान चालीसा का जाप करें। इस दौरान आप भगवान हनुमान को समर्पित कोई अन्य श्लोक भी गा सकते हैं।
यद्दपि श्री हनुमान समूचे हिंदू समाज में अति पूजनीय हैं, वंही हमारे लखनऊ में हनुमान को समर्पित बड़ा मंगल नामक एक अनूठा त्यौहार अति लोकप्रिय है। यह ऐसा दिन है जब भगवान हनुमान की पूजा की जाती है। यह लखनऊ के लिए एक विशेष त्यौहार है और देश के किसी अन्य हिस्से में हनुमान भक्त इस अवसर को नहीं मनाते हैं। वास्तव में, बड़ा मंगल त्यौहार लखनऊ की गंगा-जमुनी तहज़ीब से सम्बंध रखता है। मान्यता है कि इसकी उत्पत्ति लगभग 400 साल पहले मुगल शासन के दौरान हुई थी। बड़ा मंगल हिंदू महीने ज्येष्ठ के प्रत्येक मंगलवार को केवल लखनऊ में मनाया जाता है। लखनऊ के सभी हनुमान मंदिरों में लोग बड़ा मंगल मनाते हैं। लेकिन अलीगंज में हनुमान मंदिर, जहाँ से यह अनुष्ठान शुरू हुआ कहा जाता है, वह सभी भक्तों के लिए केंद्र बिंदु है। लंबी कतारों के साथ-साथ गर्मी से बचने के लिए भक्त आमतौर पर मंदिर में सुबह जल्दी या देर रात आना पसंद करते हैं। इस अवसर पर शहर भर में बड़े-बड़े भंडारे भी आयोजित किये जाते हैं, जहाँ से वे सभी को प्रसाद और पानी वितरित करते हैं। साथ ही छोला-चवाल, हलवा-पूरी, कचौरी-आलू, जलेबी-खस्ता, कढ़ी-चावल और जूस से लेकर स्वादिष्ट प्रसाद इस भंडारे में ग्रहण करने को मिलते हैं।

संदर्भ

https://bit.ly/343CXPN
https://bit.ly/3g7UZTt
https://bit.ly/3KX7KhS
https://bit.ly/3AMBjOK

चित्र संदर्भ   
1. दक्षिणमुखी हनुमान मंदिरलखनऊ को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. शनि हनुमान मंदिर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. शनि- हनुमान के मिश्रित रूप को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. श्री वर्दानी हनुमान जी मंदिर तेलीबाग लखनऊ को दर्शाता एक चित्रण (youtube)