हमारे पास ऐसे कई उपन्यास मौजूद हैं, जिनमें एक काल्पनिक समाज को दिखाया जाता है। एल्डस हक्सले (Aldous Huxley) की “ब्रेव न्यू वर्ल्ड” (Brave New World) भी इन्हीं में से एक है। इस क्लासिक उपन्यास को 1932 में प्रकाशित किया गया था, जिसमें भविष्य का समाज कैसा होगा, इस बात की कल्पना की गई थी।“ब्रेव न्यू वर्ल्ड” ब्रिटिश लेखक ऐल्डस हक्स्ले का पाँचवा उपन्यास था। इस कहानी की पृष्ठभूमि लन्दन शहर की है, जिसमें सन् 2450 के समय की कल्पना की गई है। इसमें भविष्य विज्ञान के कई पहलु हैं जिनमें पारम्परिक मनाव समाज से हटकर एक बहुत ही भिन्न और कुछ हद तक घृणा-योग्य संस्कृति दिखाई गई है। कुछ समीक्षकों के अनुसार यह 20वीं सदी के 100 सब से अच्छे अंग्रेज़ी उपन्यासों में से एक है। इसमें एक ऐसे विश्व की कल्पना की गई है, जहां केवल एक सरकार है। इस समय तक विश्व जनसंख्या जो वर्तमान समय की प्रमुख समस्याओं में से एक है, पर काबू पा लिया गया है।समाज पाँच वर्णों में विभाजित है, जिनमें अल्फ़ा (alpha), बीटा (Beta), गामा (Gamma), डेल्टा (Delta) और एप्सिलन (Epsilon) शामिल है। उपन्यास में प्रजनन प्रौद्योगिकी, स्लीप लर्निंग (sleep-learning),मनोवैज्ञानिक हेरफेर और क्लासिकल कंडीशनिंग (conditioning) में बहुत अधिक वैज्ञानिक प्रगति दिखाई देती है।इस प्रकार के समाज में स्त्रियों में गर्भ का अभाव होता है।अल्फ़ा शिशुतीव्र-बुद्धि, आकर्षक चेहरे और ऊंचे क़द के होते हैं, जबकि बाकी शिशुओं में कुछ रसायनों के उपयोग से उनकी बुद्धि और शरीर के विकास में बाधाएँ डाली जाती हैं। इन निचले वर्णों के शिशुओं को जन्म के बाद शारीरिक श्रम करने और अपनी आकांक्षाएं कम रखने की शिक्षा दी जाती है, जबकि अल्फ़ा श्रेणी के लोग राज करते हैं।ऐल्डस हक्स्ले भारतीय संस्कृति से वाकिफ़ थे इसलिए उन्होने यहाँ वेदों में जिक्र किये गए एक पदार्थ का प्रयोग किया। इस समाज में प्राकृतिक रूप से जन्म होना, विवाह, स्त्रियों का गर्भ धारण करना और माता बनाना, सभी को घृणा की दृष्टि से देखा जाता है। समाज में स्थिरता और अनुशासन रखने के लिए सबको बताया जाता है के सब व्यक्ति एक-दूसरे की सम्पति हैं। अकेले रहने या अकेला रहना चाहने को पागलपन की निशानी समझा जाता है। तो आइए इस वीडियो के जरिए इस उपन्यास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।