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मेरठ के नागरिकों, आपने ओ टी टी शब्द तो सुना ही होगा और इन प्लेटफ़ॉर्मों पर फ़िल्में या नाटक भी अवश्य देखे होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ओ टी टी मेसेजिंग (OTT Messaging) क्या है ? ओ टी टी "ओवर-द-टॉप" (Over-the-Top) मेसेजिंग का संक्षिप्त रूप है, जो वॉट्सऐप, फ़ेसबुक मेसेंजर और टेलीग्राम जैसे पारंपरिक सेलुलर नेटवर्क के बजाय एक टेक्स्ट-आधारित संचार प्लेटफ़ॉर्म हैं , जो संदेश प्रसारित करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं। जबकि, भारत में दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications (DoT)) द्वारा दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ओ टी टी संचार ऐप्स को विनियमित नहीं किया गया है, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India (TRAI)) वर्तमान में उनके विनियमन पर विचार कर रहा है, और जल्द ही एक नई रूपरेखा की घोषणा की संभावना है। तो आइए आज, जानते हैं कि ओ टी टी मेसेजिंग क्या है और यह कैसे कार्य करता है। इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे कि कि ओ टी टी मेसेजिंग पारंपरिक एस एम एस से कैसे भिन्न है। हम भारत में सबसे लोकप्रिय ओ टी टी मेसेजिंग ऐप और प्लेटफॉर्म के बारे में भी जानेंगे। इसके अलावा, हम भारत में ओ टी टी मेसेजिंग प्लेटफार्मों के विनियमन की आवश्यकता और उन्हें विनियमित करने में चुनौतियों के बारे में बात करेंगे। अंत में, हम यह पता लगाएंगे कि ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India (TRAI)) के नवीनतम लाइसेंसिंग नियम भारत में ओ टी टी मेसेजिंग सेवाओं को कैसे प्रभावित करते हैं और व्यवसाय एवं उपभोक्ता इनमें क्या बदलाव चाहते हैं।
ओ टी टी मेसेजिंग क्या है:
ओ टी टी मेसेजिंग एक प्लेटफ़ॉर्म पर टेक्स्ट-आधारित संचार है जिसमें संदेश प्रसारित करने के लिए मौजूदा इंटरनेट सेवाओं का उपयोग किया जाता है। इसमें फ़ेसबुक मेसेंजर, वॉट्सऐप, टेलीग्राम, लाइन और वीचैट जैसे त्वरित मेसेजिंग एप्लिकेशन शामिल हैं। व्यापक संदर्भ में, ओ टी टी उन प्रौद्योगिकियों को संदर्भित करता है जो मौजूदा संदेश वितरण प्रणाली से भी ऊपर हैं। उदाहरण के लिए, यह मीडिया (जैसे, Roku डिवाइस) और कॉलिंग (जैसे, Skype) पर लागू हो सकता है। स्मार्टफ़ोन या टैबलेट और इंटरनेट कनेक्शन वाले किसी भी व्यक्ति की पहुंच के कारण इस प्रकार के एप्लिकेशन दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। ओ टी टी मेसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म न केवल परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ने के लिए बेहतरीन हैं, बल्कि व्यवसायों के साथ बातचीत करने का एक लोकप्रिय तरीका भी बन रहे हैं।
ओ टी टी मेसेजिंग एस एम एस से कैसे भिन्न है:
ओ टी टी मेसेजिंग और एस एम एस के बीच मुख्य अंतर यह है कि मेसेजिंग सेवाएं इंटरनेट आधारित हैं; जबकि एस एम एस संचार के लिए उपयोगकर्ताओं को एक मोबाइल नेटवर्क की आवश्यकता होती है। इन दोनों में अंतर को निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
भारत में लोकप्रिय ओ टी टी मेसेजिंग ऐप्स और प्लेटफ़ॉर्म्स:
ट्राई द्वारा भारत में ओ टी टी मेसेजिंग प्लेटफ़ॉर्मों के विनियमन की आवश्यकता:
भारत के दूरसंचार नियामक ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा सुरक्षा और स्पैम नियंत्रण के संबंध में चिंताएं व्यक्त जाने के बाद, वॉट्सऐप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे ओवर-द-टॉप (ओ टी टी) संचार प्लेटफ़ॉर्मों के लिए संरचित विनियमन की सिफारिश की है। ‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ (The Economic Times) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्राई का कहना है कि ओ टी टी संचार प्लेटफ़ॉर्मों को एक संरचित नियामक ढांचे के तहत आना चाहिए। दुनिया भर के नियामकों को नवाचार को बढ़ावा देने और निष्पक्ष, प्रतिस्पर्धी बाज़ार बनाए रखने के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, खासकर ओ टी टी सेवाओं की सीमा पार प्रकृति को देखते हुए। यह संतुलन महत्वपूर्ण है क्योंकि ओ टी टी प्लेटफ़ॉर्मों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।
ओ टी टी संचार प्लेटफ़ॉर्मों को विनियमित करने में चुनौतियां:
हालाँकि, दूरसंचार विभाग और ट्राई दोनों को ओ टी टी प्लेटफ़ॉर्मों पर स्पैम और ऑनलाइन घोटालों को रोकने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, क्योंकि दूरसंचार विभाग और ट्राई दोनों के पास ही वर्तमान में संभावित अपराधियों के खिलाफ़ कार्रवाई लागू करने का अधिकार नहीं है। इसके बजाय, 'इलेक्ट्रॉनिक्स और आई टी मंत्रालय' (Ministry of Electronics & Information Technology) आई टी अधिनियम के मध्यस्थ नियमों के तहत इन प्लेटफ़ॉर्मों की देखरेख करता है। ट्राई के नियामक दबाव के विपरीत, दूरसंचार विभाग ने इस साल अगस्त में स्पष्ट कर दिया कि उसका वॉट्सऐप और टेलीग्राम जैसे ओ टी टी संचार प्लेटफ़ॉर्मों को विनियमित करने का इरादा नहीं है।
ट्राई के नवीनतम लाइसेंसिंग नियमों का भारत में ओ टी टी मेसेजिंग सेवाओं पर प्रभाव:
ट्राई ने दूरसंचार अधिनियम के तहत लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से नई सिफ़ारिशें प्रस्तावित की हैं। ट्राई ने महत्वपूर्ण रूप से इस लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत वॉट्सऐप, गूगल के आर सी एस (Rich Communication Services), टेलीग्राम और ऐसे अन्य प्लेटफ़ॉर्मों जैसी ओवर-द-टॉप सेवाओं को बाहर रखा है। नई सिफ़ारिशों में विभिन्न सेवाओं और क्षेत्रों में एकल, एकीकृत प्राधिकरण प्रणाली "एक राष्ट्र एक प्राधिकरण" ढांचे पर जोर दिया गया है।
ट्राई की सिफ़ारिश के अनुसार, यह प्राधिकरण रखने वाली कोई भी इकाई अखिल भारतीय आधार पर मोबाइल सेवा, इंटरनेट सेवा, ब्रॉडबैंड सेवा, लैंडलाइन टेलीफ़ोन सेवा, लंबी दूरी की सेवा, उपग्रह संचार सेवा, मशीन टू मशीन (M2M) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स ((IoT) सेवा प्रदान कर सकती है।
संदर्भ
चित्र स्रोत : flickr