मेरठ एवं आसपास के क्षेत्रों में हो रही वर्तमान पशुधन गणना, पहले से किस प्रकार बेहतर है ?

स्तनधारी
04-06-2025 09:24 AM
मेरठ एवं आसपास के क्षेत्रों में हो रही वर्तमान पशुधन गणना, पहले से किस प्रकार बेहतर है ?

जबकि वर्तमान समय में इक्कीसवीं पशुधन गणना (21st Livestock Census) जारी है, 2019 में आयोजित बीसवीं पशुधन गणना (20th Livestock Census) के अनुसार, हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में कुल 18.8 मिलियन मवेशी (cattle) आबादी थी। इसी गणना के अनुसार, हमारे मेरठ ज़िले में बकरियों की कुल संख्या 43470 थी, तथा कुल मवेशी आबादी 244585 पाई गई थी। दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश राज्य की उन्नीसवीं  पशुधन गणना (19th Livestock Census) से पता चला है कि, मेरठ ज़िले में भैंसों, बकरियों और भेड़ों की संयुक्त आबादी, 894070 थी। इसलिए, आज आइए देखें कि, पशुधन गणना क्या होती है, और यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। फिर, हम भारत में इस तरह की गणना को आयोजित करने के पीछे मौजूद, मुख्य उद्देश्यों पर कुछ प्रकाश डालेंगे। उसके बाद, हम मेरठ ज़िले में, बीसवीं पशुधन गणना में पशुधन और मवेशियों से संबंधित दर्ज किए गए, कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों का पता लगाएंगे। इसके बाद, हम इस गणना से कुछ प्रमुख विवरणों का विश्लेषण करेंगे, ताकि इस क्षेत्र में व्यापक रुझानों को समझा जा सके। इसके अलावा, हम आगामी इक्कीसवीं पशुधन गणना के दायरे का पता लगाएंगे, और जांच करेंगे कि डेटा संग्रह, प्रौद्योगिकी और नीतिगत ध्यान के संदर्भ में, यह पिछली गणनाओं से कैसे अलग होगी। 

चित्र स्रोत : Wikimedia

पशुधन गणना क्या होती है?

कोई ‘पशुधन गणना’, किसी देश या क्षेत्र में पशुधन और पोल्ट्री की पूरी गिनती होती है। आमतौर पर हर पांच वर्षों में, इसे नियमित अंतराल पर आयोजित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य, पशुधन की संख्या, प्रकार और स्थान पर डेटा एकत्र करना होता है। इस डेटा का उपयोग, पशुधन क्षेत्र  हो रहे विकास पर नज़र रखने और नीतिगत निर्णयों को सूचित करने के लिए किया जाता है।
पशुधन गणना के मुख्य उद्देश्य:

1.देश में पशुधन आबादी के बारे में सटीक जानकारी एकत्र करना।

2.समय के साथ पशुधन की आबादी में हो रहे बदलाव को ट्रैक करना एवं पशुधन विकास से संबंधित नीतियों और योजनाओं की योजना तथा कार्यान्वयन में मदद करना।

3.पशुधन जनसंख्या डेटा का ज़िला-वार और ग्रामीण-शहरी विश्लेषण प्राप्त करना तथा पशुधन विकास के लिए धन और संसाधनों के उचित आवंटन हेतु मदद प्राप्त करना।

4.पशुधन की विभिन्न नस्लों के बारे में जानकारी एकत्र करके, उनके संरक्षण और सुधार को  बढ़ोतरी देने में मदद करना।

5.पोल्ट्री आबादी और कृषि मशीनरी के बारे में डेटा प्राप्त करना, जिससे कृषि प्रभावित होती है।
बीसवीं पशुधन गणना के अनुसार, मेरठ ज़िले में पशुधन और मवेशियों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े:

1.विदेशी मवेशी संख्या: 198215

2.स्वदेशी  मवेशी संख्या: 46370

3.भैंसों की संख्या: 515704

4.बकरियों की संख्या: 43470

चित्र स्रोत : pexels

बीसवीं पशुधन गणना से प्रमुख विवरणों का विश्लेषण:

1.देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन  थी, जो पशुधन गणना, 2012 की तुलना में 4.6% वृद्धि दर्शाती है।

2.पश्चिम बंगाल में 23% की उच्चतम वृद्धि दर्ज की गई  , जिसके बाद तेलंगाना(22%) का स्थान आता है।

3.देश में मवेशियों की कुल संख्या ने, 0.8% की वृद्धि देखी ।

4.कुल विदेशी या संकर मवेशियों की संख्या में, 27% की वृद्धि हुई ।

5.हालांकि, कुल स्वदेशी मवेशी आबादी में 6% की गिरावट देखी गई ।

6. देश में कुल मवेशियों की जनसंख्या में लगभग 75% मादाएं थीं। दूध उत्पादक मवेशियों के लिए डेयरी किसानों की पसंद का, यह एक स्पष्ट संकेत है।
इक्कीसवीं पशुधन गणना के दायरे की खोज:

1.एन्यूमरेटर टास्क फ़ोर्स (Enumerator Task Force): 

लगभग 87,000 एन्यूमरेटर या गणनाकार, आवासीय क्षेत्रों, गौशालाओं (मवेशी आश्रय), डेयरी फ़ार्म, पोल्ट्री फ़ार्म, पशु चिकित्सा संस्थानों और रक्षा प्रतिष्ठानों सहित, लगभग 30 करोड़ घरों और प्रतिष्ठानों को कवर करेंगे।

2.पशु श्रेणियां: 

यह जनगणना, 16 पशु प्रजातियों की गणना के लिए ज़िम्मेदार होगी, जिसमें मवेशी, भैंस, मिथुन, याक, भेड़, बकरियां, सूअर, ऊंट, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधे, कुत्ते, खरगोश और हाथी शामिल हैं। जबकि, पोल्ट्री प्रकार में फ़ाउल, चिकन, बत्तख, टर्की, गीज़, बटेर, शुतुरमुर्ग, और ईमू आदि शामिल हैं।

3.नस्लों की जानकारी: 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (National Bureau of Animal Genetic Resources (ICAR-NBAGR)) द्वारा मान्यता प्राप्त, 219 स्वदेशी पशु नस्लों की जानकारी इसमें एकत्रित की जाएगी।

मवेशियों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी वाले क्यूआर कोड इयरटैग | चित्र स्रोत : Wikimedia

इक्कीसवीं पशुधन गणना, पिछली समान गणनाओं से कैसे अलग  है?

1.2019 की तुलना में, यह गणना पूरी तरह से डिजिटल  है । इसमें ऑनलाइन डेटा संग्रह के लिए, एक मोबाइल एप्लिकेशन (Mobile application) का उपयोग करना, और डिजिटल डैशबोर्ड (Digital dashboard) के माध्यम से निगरानी करना शामिल है।

2.यह गणना,   पहली बार देहाती लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के साथ पशुधन क्षेत्र में उनके   योगदान पर डेटा एकत्र  कर रही है।

3.यह गणना उन घरों (लोगों) के अनुपात का पता  लगा रही है, जिनकी प्रमुख आय, पशुधन क्षेत्र से आती है।

 

संदर्भ 

https://tinyurl.com/35zfymmt

https://tinyurl.com/rw8384xt

https://tinyurl.com/mrpvzmep

https://tinyurl.com/bde6tm6e

https://tinyurl.com/3bm38w73

मुख्य चित्र स्रोत : Wikimedia 

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