
समयसीमा 267
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 1005
मानव व उसके आविष्कार 801
भूगोल 239
जीव - जन्तु 296
Post Viewership from Post Date to 14- Jul-2025 (31st) Day | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
3359 | 73 | 0 | 3432 | |
* Please see metrics definition on bottom of this page. |
गर्मियों की तपती दोपहर, झुलसाती लू और थकान भरी गर्म हवाएं शरीर और मन को थका देती हैं। ऐसे में हमें किसी कृत्रिम उपाय की नहीं, बल्कि प्रकृति की ओर लौटने की ज़रूरत होती है—जहाँ खस (Vetiver) जैसे पौधे हमारी रक्षा में खड़े होते हैं। खस न केवल शीतलता प्रदान करता है, बल्कि यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और मानसिक शांति से भी गहरा जुड़ा हुआ है। गर्मियों में इसका उपयोग न केवल पारंपरिक है, बल्कि आज के समय में भी वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित लाभकारी उपायों में से एक है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि खस पौधा गर्मियों में किस प्रकार उपयोगी है, इसके क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ हैं, खस के पर्यावरणीय और घरेलू उपयोग क्या हैं, और साथ ही जानेंगे कि शरीर को ठंडा रखने के लिए और कौन-कौन से प्राकृतिक उपाय अपनाए जा सकते हैं। अंत में हम यह भी समझेंगे कि आधुनिक जीवनशैली में खस जैसे पारंपरिक उपायों का पुनः प्रयोग क्यों आवश्यक है।
खस का पौधा: प्राकृतिक सुगंध और ठंडक का स्रोत
खस एक बारहमासी, गंधयुक्त औषधीय पौधा है जिसकी जड़ें अत्यंत सुगंधित होती हैं। इसका वानस्पतिक नाम वेटिवेरिया जिज़ानियोइड्स (Vetiveria zizanioides) है और यह विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के गर्म और शुष्क क्षेत्रों में उगता है। इसकी जड़ों से निकाला गया तेल इत्र, साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों में प्रयोग होता है। खस की जड़ों से बनी चटाइयाँ और पर्दे जलवायु नियंत्रण के लिए आदिकाल से घरों में उपयोग की जाती रही हैं। पानी से भीगी हुई इन चटाइयों से निकलने वाली ठंडी और सुगंधित हवा मन और शरीर दोनों को ठंडक देती है।
गर्मियों में खस के स्वास्थ्य लाभ
खस सिर्फ बाहरी वातावरण को शीतल नहीं बनाता, यह शरीर के अंदरूनी तापमान को भी नियंत्रित करता है। आयुर्वेद में खस को 'उशीरा' कहा गया है और इसे पित्त दोष को शांत करने वाली प्रमुख जड़ी-बूटी माना गया है। खस शरबत शरीर को हाइड्रेट करता है और लू से बचाव में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से मूत्र विकार, अपच, थकान, जलन और चक्कर जैसी समस्याओं में भी राहत मिलती है। यह रक्त को शुद्ध करने, ह्रदय को स्वस्थ रखने, और पाचन तंत्र को सशक्त बनाने में भी सहायक है। इसकी शीतल तासीर मस्तिष्क को ठंडक देती है और नींद को बेहतर बनाती है।
खस का घरेलू उपयोग: ठंडा वातावरण और स्वच्छता का संयोजन
खस की जड़ों से बने पर्दे और चटाइयाँ घरों के दरवाजों और खिड़कियों पर लगाई जाती हैं। पानी से गीली की गई ये चटाइयाँ न केवल ठंडी हवा का प्रवाह सुनिश्चित करती हैं बल्कि वातावरण में एक प्राकृतिक सुगंध भी घोल देती हैं, जिससे मानसिक शांति मिलती है। वॉटर कूलर की जालियों में खस की चटाइयाँ लगाने से उनमें बैक्टीरिया और फफूंदी के विकास को भी रोका जा सकता है। इसके अलावा, खस के रेशों से बनी टोपी और चप्पल भी बाजार में उपलब्ध हैं, जो शरीर को बाहरी गर्मी से बचाने में उपयोगी हैं।
शरीर को ठंडा रखने के अन्य प्राकृतिक उपाय
खस के अलावा कई और प्राकृतिक उपाय भी हैं जो गर्मियों में शरीर को ठंडा रखते हैं:
खस: आधुनिक जीवनशैली में पारंपरिक समाधान
आज की तेज़ और व्यस्त जीवनशैली में लोग ठंडक पाने के लिए मशीनों और रासायनिक उत्पादों पर निर्भर हो गए हैं, लेकिन ये उपाय अक्सर महंगे और पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसे में खस एक ऐसा पारंपरिक उपाय है जो आज भी बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। खस की जड़ों से बने पर्दे, चटाइयाँ, शरबत और तेल न सिर्फ शरीर को ठंडक देते हैं, बल्कि घर की हवा को भी साफ और सुगंधित रखते हैं। यह एक सस्ता, प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित विकल्प है, जिसे हम आसानी से अपने रोज़मर्रा के जीवन में शामिल कर सकते हैं। खस हमें यह याद दिलाता है कि पुराने तरीके, आज भी हमारे लिए सबसे अच्छे समाधान हो सकते हैं।
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Messaging Subscribers - This is the total viewership from City Portal subscribers who opted for hyperlocal daily messaging and received this post.
D. Total Viewership - This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
E. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.