मेरठ कई प्रकार के संसाधनों से निहित था, जिस वजह यह भारत के इतिहास का एक अहम शहर था।
मुग़ल साम्राज्य के दौरान अकबर के शासनकाल मे मेरठ मे ताम्बे की टकसाल का निर्माण किया गया था। यहाँ पर मुग़ल वास्तुकला का विकास कम हुआ था। 1739 मे जब नादिर शाह ने आक्रमण कर के इस भूभाग पर अपना राज्य स्थापित किया तो यहाँ पूरे राज्य मे अराजकता फ़ैल गयी। इस दौरान मेरठ पूरी तरह तबाह हो गया। यहाँ के लोग पलायन करने लगे और मेरठ ने अपना सारा आकर्षण खो दिया|
परन्तु जब अंग्रजों ने 1803 मे दिल्ली पर कब्ज़ा किया तो लार्ड लेक ने मेरठ में छावनी स्थापित करवाई जो की व्यापक और बहुत मजबूत थी| इसके बाद इस शहर ने अपना गौरव व प्रतिष्ठा फिर से प्राप्त कर ली और उत्तर भारत के सबसे समृद्ध व सुरक्षित शहर में से एक बना।
1857 के गदर में यहाँ का मुग़ल शासन ढहा गया।