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पक्षी कई मायनों में अन्य जीव-जंतुओं अथवा पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। जहां इनकी सुंदरता मनमोहक
होती है, वहीं परीतस्थितिक तंत्र में इनकी भूमिका बेहद अहम् हो जाती है। ऐसा ही एक बेहद सुंदर प्रवासी पक्षी "बड़ा
राजहंस" अथवा ग्रेटर फ्लेमिंगो (Greater flamingo) भी है। जिसकी अनूठी खासियतें उसे विशिष्ट पक्षियों की
श्रेणियों में खड़ा कर देती हैं।
ग्रेटर फ्लेमिंगो विश्व में राजहंस (राजहंस ऐसे पक्षी “फीनिकोप्टरिफोर्मीज़ (Phoenicopteriformes” होते हैं जो कम
गहराई वाले जल से मछली अथवा जलीय जीव खाते हैं।) की सबसे विस्तृत (फैली हुई ) प्रजाति है, जो कि मुख्यतः
अफ्रीका, भारतीय उपमहाद्वीप, मध्य पूर्व और दक्षिण यूरोप में पाई जाती है। राजहंस कि पूरी दुनिया में लगभग 6
प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमे से भारत में दो प्रजाति ग्रेटर फ्लेमिंगो(Greater Flamingo) तथा लैसर फ्लेमिंगो(
Lesser Flamingo) भारत में मौजूद है। इस पक्षी का वर्णन पहली बार सन 1811 में पीटर साइमन पलास (Peter
Simon Pallas) द्वारा किया गया। चूँकि यह एक अन्य अमेरिकी पक्षी फ्लेमिंगो फीनिकोप्टेरस रूबर
(Phoenicopterus ruber) की प्रजाति का ही है, परंतु रंगों में भिन्नताओं के कारण इन दोनों को की प्रजाति को
अलग-अलग वर्गीकृत किया गया है।
जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है "यह अपनी प्रजाति का सबसे बड़ा पक्षी है ", जिसका वजन 2 से 4 किलोग्राम तथा
लम्बाई 43-59 इंच तक हो सकती है। अब तक के ज्ञात सबसे बड़े राजहंस कि लम्बाई 74 इंच और वजन 4.5
किलोग्राम पाया गया। इसके पंख सुन्दर गुलाबी और सफ़ेद रंग के होते हैं, परंतु उड़ने के लिए यह प्राथमिक और
द्वितीयक पंखो का इस्तेमाल करता है, जिनका रंग का काला होता है। देखने में केवल इसकी चोंच की नोक काली
होती है, इसके अलावा बची हुई चोंच और पैर दोनों आकर्षक गुलाबी रंग के होते हैं।
इनके चूजे प्रायः हल्के भूरे रंग के होते हैं, और चूजों को भोजन खिलाने के दौरान पेरों को छोड़कर इन् पक्षियों का रंग
भी हल्का फीका पड़ जाता है। दरअसल इनके चटकीले गुलाबी का प्रमुख कारण, इन्हें भोजन से मिलने वाले
कैरोटीनॉयड (carotenoid) वर्णक हैं। प्रजनन के मौसम में इनके शरीर कि यूरोपीगियल ग्रंथि में कैरोटीनॉयड वर्णक
का स्राव अधिक तीव्र हो जाता है, जिस कारण उन दिनों यह अधिक चटकीले गुलाबी रंग के दिखाई पड़ते हैं, अर्थात
यूरोपीगियल ग्रंथि में होने वाला स्राव इनके मेक-उप का काम करता है।
यह एक सामाजिक पक्षी है जो कॉलोनियां बनाकर रहते हैं, इनकी एक कालोनी में हजारों नर तथा मादाएं हो सकती
हैं। नर और मादा अपने चूजों का लालन-पालन मिलकर करते हैं, नर पक्षी घोंसले बनाने तथा अंडों को सेंकने में मादा
पक्षी की सहायता करते हैं। इनके द्वारा अपने चूजों को तीन से चार हफ़्तों तक भोजन कराया जाता है, और लगभग
75 से 80 दिनों में यह नन्हे चूजे उड़ने योग्य हो जाते हैं।
आमतौर पर यह पक्षी अफ्रीका, दक्षिणी एशिया (बांग्लादेश,पाकिस्तान, भारत और श्रीलंका के तटीय क्षेत्रों), मध्य पूर्व
(बहरीन, साइप्रस, इराक, ईरान, इजरायल, कुवैत, लेबनान, फिलिस्तीन, कतर, तुर्की समेत दुनिया के कुछ अन्य क्षेत्रों
में भी पाया जाता है। भारत में यह पक्षी सर्दियों के दौरान गुजरात के, नाल सरोवर पक्षी अभयारण्य, खगड़िया पक्षी
अभयारण्य, फ्लेमिंगो सिटी और थोल पक्षी अभयारण्य में देखे जा सकते हैं। यह गुजरात का राज्य पक्षी भी है। साथ
ही यह सुन्दर पक्षी दिल्ली और हरियाणा में ओखला और सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य में पाया जाता है।
इन पक्षियों का जीवन काल भी रोमांचित करता है, क्यों कि "बासेल (Basel) चिड़ियाघर के अनुसार, “चिड़ियाघरों में
सीमित रखे जाने पर यह पक्षी 60 वर्ष से अधिक जी सकता है, परंतु जंगली जीवन व्यतीत करने पर इनकी औसत
आयु करीब 30 से 40 वर्ष ही रह जाती है।” अभी तक के ज्ञात सबसे पुराना ग्रेटर फ्लेमिंगो ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड
चिड़ियाघर में, जो लगभग 83 वर्ष तक जीवित रहा। ग्रेटर फ्लेमिंगो कि दो उप-प्रजातियां होती हैं. पहली कैरेबियन
फ्लेमिंगो जिसका वैज्ञानिक नाम फोनीकॉप्टरस रूबर(Phoenicopterus ruber) है, तथा दूसरी ओल्ड वर्ल्ड
फ्लेमिंगो (Old World Flamingo) जिसका वैज्ञानिक नाम फोनीकॉप्टरस रूबेर (Phoenicopterus ruber) है।
हालाँकि इस आकर्षक पक्षी का संरक्षण अधिक चिंताजनक विषय नहीं है, परंतु इंसानों द्वारा भोजन के तौर पर इन्हें
खाया जाना तथा जलवायु परिवर्तन, जानलेवा रोंगों और इनके निवास स्थान के जलस्तर में होने वाली वृद्धि से
इनका जीवन नकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है। साथ ही फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित जल अथवा अन्य
प्रकार की मानव जनित विषम परिस्थितियों के कारण भी इनकी स्थिति दयनीय होती जा रही है।
संदर्भ
https://bit.ly/3ipaPeZ
https://bit.ly/2CyNQYu
https://bit.ly/3xlIcUj
चित्र संदर्भ
1. बड़ा राजहंस (ग्रेटर फ्लेमिंगो) का एक चित्रण (wikimedia)
2. भोजन की तलाश करते हुए ग्रेटर फ्लेमिंगो पक्षी का एक चित्रण (wikimedia)
3. ग्रेटर फ्लेमिंगो पक्षी के चूजे का एक चित्रण (wikimedia)