मेरठ की प्राचीनता

मध्यकाल : 1450 ई. से 1780 ई.
01-06-2017 12:00 PM
मेरठ की प्राचीनता
मेरठ जिले की प्राचीनता सैन्धव सभ्यता तक जाती है| आलमगीरपुर, सिन्धु सभ्यता से जुड़ा एक पुरातात्विक स्थल है- पुरातात्विक उत्खनन से इसके ठोस प्रमाण मिलते है। मेरठ जिला मौर्य काल में बोद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र था| जामा मस्जिद के आस-पास कई बौद्ध अवशेष प्राप्त हुये हैं| मुग़ल सल्तनत के दौरान भी मेरठ एक महत्वपूर्ण केंद्र था| आइन -ए-अकबरी मे भी मेरठ का उल्लेख मिलता है। मेरठ मे कांसे के सिक्को का टकसाल भी अकबर के समयकाल में बनाया गया था| मेरठ मे रोहिल्लाओं और जाटों का भी प्रभाव बड़े पैमाने पर रहा था| ब्रिटिश साम्राज्य के वाल्टर रिन्हार्ड ने मेरठ के सरधना मे अपना साम्राज्य स्थापित किया था और उनकी मृत्यु के बाद बेगम समरू ने इस जगह का कार्यभार संभाला| महाभारत मे पांडवो की राजधानी हस्तिनापुर थी जो की मेरठ जिले मे ही है| मेरठ का वर्णन रामायण मे भी है| 1857 के गदर मे मेरठ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है| दिल्ली चलो का नारा भी यही मेरठ से निकला था| इसलिए मेरठ का इतिहास बहुत ही गौरवनित रहा है जिससे मेरठ ने इतिहास के पन्नों में अपनी गौरवशाली छाप छोडी है| 1. 1857 की क्रान्ति और मेरठ: डॉ. के.डी.शर्मा, डॉ. अमित पाठक