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आज से लाखों करोड़ों साल पहले पूरी पृथ्वी पर डायनासोर का साम्राज्य स्थापित था। आज इन बड़े जीवों को हम टी.वी. के माध्यम से या संग्रहालयों के जरिये ही देख सकते हैं। भारत में भी बड़े संख्या में इन डायनासोर के अस्तित्व को देखा जा सकता है। यही कारण है कि लगभग दो डायनासोर की प्रजातियों के नाम भी हिंदी और संस्कृत शब्द में हैं- राजासोरस और बृहदकायसोरस। बृहदकायसोरस एक शाकाहारी प्रजाति का डायनासोर था। यह कृटेशियस (Cretaceous) अवधि में पाया जाता था और भारत में तमिलनाडु जैसे स्थानों में इसके जीवाश्म पाए गए हैं।
बृहदकायसोरस सभी डायनासोरों में सबसे बड़ा हो सकता है या तो फिर नहीं हो सकता है अभी तक इसपर संदेह है। दक्षिणी भारत में केवल एक ही जीवाश्म नमूने का पता अभी तक लगा है, और यह तब से खो गया है या सुनामी से नष्ट हो गया। जो कुछ आज बचा है वह कुछ सार चित्र है, जो जानवर के आकार के बारे में किसी भी दावे को काफी संदेह देता है।
जब यह मूल रूप से खोजा गया था तब यह अपने उत्कर्षकों द्वारा ट्रामानोसॉरस रेक्स के समान एक थेरेपीड और कार्नोसौर के रूप में दिखाई दिया था। हालांकि बाद के शोधकर्ताओं ने ठोस तर्क दिया कि इसकी हड्डियां एक सायरोपॉड से संबंधित है। बृहदकायसोरस का वजन 100 टन से अधिक होने का अनुमान है, लेकिन अध्ययन करने के लिए किसी भी शेष जीवाश्मों के बिना यह अंदाजा लगाया गया है।
बृहदकायसोरस गोल छाती वाला सायरोपॉड जिसके चार स्तंभों की तरह पैर और एक लंबी गर्दन और पूंछ वाले शरीर का दिखाया गया है। हालांकि, बृहदकायसोरस की खोज के आसपास के विवाद और कलात्मक प्रस्तुतियों के आधार के लिए शेष सबूतों की कमी के कारण केवल अनुमान माना जा सकता है। अभी तक इस प्रजाति से सम्बंधित कोई ठोस प्रमाण की प्राप्ति नहीं हो पाई है परन्तु इस तथ्य को नाकारा भी नहीं जा सकता कि एक वक़्त ये भारत में निवास करते थें।
1. इंडिका - प्रणय लाल
2. http://www.prehistoric-wildlife.com/species/b/bruhathkayosaurus.html
3. http://dinosaurpictures.org/Bruhathkayosaurus-pictures