रामपुर के खेतों के खामोश रक्षक: वो कीट जो ज़हर नहीं, ज़मीन से ज़िंदगी जोड़ते हैं

तितलियाँ व कीड़े
14-07-2025 09:21 AM
रामपुर के खेतों के खामोश रक्षक: वो कीट जो ज़हर नहीं, ज़मीन से ज़िंदगी जोड़ते हैं

रामपुर के किसान भाइयों और बागवानी प्रेमियों के लिए एक ज़रूरी सवाल है – क्या हर कीट वाकई आपकी फसलों का दुश्मन होता है? अधिकांश किसान जैसे ही फसलों पर कोई कीट देखते हैं, तुरंत कीटनाशकों का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं, लेकिन कई बार वे ऐसे कीटों को भी खत्म कर देते हैं जो फसल के लिए लाभकारी होते हैं। रामपुर में विशेष रूप से आलू, गोभी और टमाटर जैसी सब्ज़ियों में कुछ कीट – जैसे लेडीबग्स (Ladybugs), ग्राउंड बीटल (Ground Beetles) और होवर मक्खी (Hover Flies) – वास्तव में हानिकारक कीटों जैसे एफिड्स (Aphids), कैटरपिलर्स (Caterpillars), और थ्रिप्स (Thrips) को खाकर फसलों की रक्षा करते हैं।

लेसविंग्स (Lacewings) और ड्रैगनफ़्लाइज़ (Dragonflies) भी कीट नियंत्रण में बेहद सहायक होते हैं। इसके अलावा मकड़ियाँ (Spiders) और मधुमक्खियाँ (Bees)जैसे कीट परागण में मदद करते हैं जिससे उपज बढ़ती है। यदि रामपुर के किसान इन मित्र कीटों की पहचान करना सीख लें, तो जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा, कीटनाशकों पर खर्च कम होगा और फसलें ज्यादा सुरक्षित और उत्पादक बनेंगी। 

इस लेख में हम सबसे पहले जानेंगे कि मित्र और शत्रु कीटों में अंतर करना क्यों जरूरी है। इसके बाद हम लेडीबग्स, ग्राउंड बीटल, लेसविंग और ड्रैगनफ्लाइ जैसे लाभकारी कीटों की भूमिका को समझेंगे। साथ ही हम देखेंगे कि ये कीट किस प्रकार एफिड्स, कैटरपिलर और अन्य हानिकारक कीटों को नियंत्रित करते हैं। अंत में यह भी जानेंगे कि इन लाभकारी कीटों को कैसे आकर्षित किया जा सकता है ताकि हमारे खेतों और बगीचों को रसायनों की आवश्यकता कम पड़े।

मित्र कीट बनाम शत्रु कीट: किसानों के लिए सही पहचान क्यों आवश्यक है?
प्रत्येक कीट हानिकारक नहीं होता – यह समझना किसानों के लिए अत्यंत आवश्यक है। कई बार जैसे ही किसी कीट को देखा जाता है, किसान रासायनिक छिड़काव या अन्य उन्मूलन के उपाय अपनाने लगते हैं। इससे वे अज्ञानता में उन कीटों को भी मार डालते हैं जो उनके खेतों के प्राकृतिक रक्षक होते हैं। उदाहरण के लिए, लेडीबग्स और होवर मक्खियाँ एफिड्स जैसे घातक कीटों को खा जाती हैं, जिससे पौधों को बिना रसायनों के राहत मिलती है। यदि किसान मित्र और शत्रु कीटों की पहचान करना सीख जाएँ, तो वे न केवल उत्पादन बढ़ा सकते हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा, इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलता है और मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है।
सही पहचान से न केवल मित्र कीटों का संरक्षण संभव होता है बल्कि शत्रु कीटों के नियंत्रण में भी संतुलन बना रहता है। जैविक नियंत्रण पद्धति अपनाने से किसानों की लागत घटती है और दीर्घकालिक उपज में वृद्धि होती है। कृषि विश्वविद्यालयों और कीट विज्ञानी संस्थाओं द्वारा इस विषय पर प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं, जिससे किसान अधिक वैज्ञानिक तरीके से निर्णय ले सकें। ग्रामीण विस्तार केंद्रों के माध्यम से कीट-पहचान किट भी अब किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।

लेडीबग्स (Ladybugs): एफिड्स और कीट अंडों के प्राकृतिक शिकारी
लेडीबग्स, जिन्हें लेडी बीटल या लेडीबर्ड बीटल भी कहा जाता है, दिखने में आकर्षक होती हैं और बच्चों की किताबों में अक्सर चित्रित की जाती हैं। परंतु ये कीट खेतों में शत्रु कीटों के खिलाफ एक शक्तिशाली हथियार भी होती हैं। इनका पसंदीदा आहार एफिड्स (Aphids), स्पाइडर माइट्स (Spider Mites) और माइलबग्स (Mealybugs) हैं। ये कीड़े पौधों का रस चूसते हैं और फसल को बर्बाद कर सकते हैं, लेकिन लेडीबग्स इन पर नियंत्रण रखती हैं। कुछ प्रजातियाँ तो यूरोपीय कॉर्न बोरर (European Corn Borer) और कोलोराडो आलू भृंग (Colorado Potato Beetle) के अंडों तक को खा जाती हैं। लेडीबग्स के अधिकतम संरक्षण के लिए रसायनों का उपयोग सीमित करना आवश्यक है ताकि वे प्राकृतिक रूप से खेत में अपनी भूमिका निभा सकें। लेडीबग्स का जीवन चक्र अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क रूप में होता है और लार्वा अवस्था में ही वे सबसे अधिक शिकार करते हैं। प्रति दिन एक लेडीबग लार्वा 50 से अधिक एफिड्स खा सकता है। इन्हें आकर्षित करने के लिए यारो (Yarrow), डिल (Dill) और फेनेल (Fennel) जैसे पौधे लगाए जा सकते हैं। जैविक बागवानी में इनका उपयोग सफल और सुलभ कीट नियंत्रण का मार्ग खोलता है।

ग्राउंड बीटल (Ground Beetle): सतही शिकारियों का छुपा हुआ योगदान
ग्राउंड बीटल, जो कोलॉप्टेरा (Coleoptera) वर्ग के होते हैं, मिट्टी की सतह पर रहने वाले अत्यंत उपयोगी शिकारी कीट हैं। ये कई प्रकार के शत्रु कीटों जैसे कटवर्म (Cutworm), कोलोराडो आलू भृंग, गोभी के कीड़े और स्लग को अपना आहार बनाते हैं। आमतौर पर ये काले रंग के, चमकदार और कठोर खोल वाले होते हैं, जिनकी लंबाई एक-आठवीं इंच से डेढ़ इंच तक होती है। ये दिन में छिपे रहते हैं और रात में शिकार करते हैं। खेतों में नम और जैविक रूप से सक्रिय मिट्टी का होना इनकी संख्या बढ़ाने में सहायक होता है। यदि किसान स्थायी बारहमासी पौधों और घासों का समावेश करें, तो ये कीट अधिक लंबे समय तक खेत में टिके रह सकते हैं। ग्राउंड बीटल सालभर सक्रिय रहते हैं और रात के समय ज्यादा सक्रियता दिखाते हैं। इनकी उपस्थिति के लिए गीली पत्तियाँ, मल्चिंग और कंपोस्ट का प्रयोग सहायक होता है। कुछ प्रजातियाँ कीटों के अंडों को भी खाती हैं जिससे कीटों की अगली पीढ़ी नियंत्रित होती है। वे खेत के जैविक संतुलन को बनाए रखते हैं और पेस्टिसाइड्स की आवश्यकता को घटाते हैं।

लेसविंग (Lacewing): फूलों से जुड़े सौंदर्यवान कीट और उनके फायदे
लेसविंग, जिनके पंख पारदर्शी और फीते जैसे होते हैं, न केवल देखने में सुंदर होते हैं बल्कि खेतों के सच्चे रक्षक भी होते हैं। इनके लार्वा को ‘एफिड लायन’ (Aphid Lion) कहा जाता है क्योंकि वे एफिड्स, कैटरपिलर, थ्रिप्स (Thrips), मोथ के अंडे और माइट्स का शिकार करते हैं। ये कीट मुख्यतः फूलों के पास रहते हैं और पराग से भी पोषण प्राप्त करते हैं। लेसविंग को आकर्षित करने के लिए फूलों की विविधता और कीटनाशकों का न्यूनतम उपयोग आवश्यक होता है। ये छोटे लेकिन शक्तिशाली कीट प्राकृतिक रूप से कीट नियंत्रण में सहायता करते हैं और जैविक बागवानी के लिए अत्यंत लाभकारी हैं।
लेसविंग की वयस्क अवस्था में ये रात को उड़ते हैं और प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए कोरिएंडर, एंजेलिका, और कॉस्मोस जैसे फूल उपयोगी होते हैं। खेत में पंखुड़ी वाले पौधों की अधिकता लेसविंग की स्थिर उपस्थिति बनाए रखती है। बाजार में इनके लार्वा जैविक कीटनियंत्रक के रूप में भी उपलब्ध हैं।

ड्रैगनफ्लाइ (Dragonfly): कीट नियंत्रण के साथ मच्छर उन्मूलन में सहायक
ड्रैगनफ्लाइ सुंदरता और शक्ति का अद्भुत संयोजन हैं। ये न केवल एफिड्स जैसे कीटों का शिकार करते हैं, बल्कि मच्छरों की जनसंख्या को भी नियंत्रित करते हैं। खासकर खेतों के पास मौजूद जल स्रोतों और दलदली क्षेत्रों में ये अधिक सक्रिय होते हैं। इनकी उपस्थिति बागवानी के लिए दोहरा लाभ देती है – कीट नियंत्रण और मच्छर उन्मूलन। ड्रैगनफ्लाइ को आकर्षित करने के लिए जल स्रोतों और घनी वनस्पतियों का होना आवश्यक है। ड्रैगनफ्लाइ का जीवन चक्र जल में अंडों से शुरू होकर लार्वा अवस्था में महीनों तक रहता है। इनके लार्वा भी जल में मच्छरों के लार्वा को खाकर सफाई करते हैं। इनकी उपस्थिति जल-जैव विविधता और कीट नियंत्रण दोनों को मजबूती देती है। राइस फील्ड्स और तालाबों में इनका प्राकृतिक विकास होता है, जिससे बिना रसायनों के मच्छर नियंत्रण संभव हो पाता है। 

 

संदर्भ-

https://tinyurl.com/5ymauw6j 

https://tinyurl.com/2f9xcpty 

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