डैश डाइट और शाही पुल की सुबह की सैर से, जौनपुर वासी रखें ब्लड प्रेशर नियंत्रण में!

विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा
17-05-2025 09:30 AM
डैश डाइट और शाही पुल की सुबह की सैर से, जौनपुर वासी रखें ब्लड प्रेशर नियंत्रण में!

गोमती नदी के किनारे बसे हमारे शहर जौनपुर की हवा में तहज़ीब घुली है! शाही पुल और जामा मस्जिद जैसी ऐतिहासिक धरोहरों के आसपास, हज़ारों ज़िंदगियाँ बेफ़िक्री से  सांस ले रही हैं! लेकिन अब हमारे शहर में भी कई गंभीर बीमारियाँ ख़ामोशी से अपने पैर पसार रही हैं। उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर (High blood Pressure) भी इन्हीं में से एक है। हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआत में अक्सर कोई लक्षण नज़र नहीं आते, लेकिन अगर समय रहते इसे न रोका जाए तो यह हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी फेलियर जैसे गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता हैं। हालाँकि घबराने की ज़रूरत नहीं है। कुछ साधारण आदतों में बदलाव लाकर हम खुद को और अपने परिवार को इस 'खामोश खतरे' से बचा सकते हैं। साथ ही, नियमित जांच और रक्तचाप की निगरानी हमें समय रहते सचेत कर सकती है। आज हम इस लेख में हम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली डैश (DASH) डाइट के बारे में गहराई से जानेंगे! आगे हम जानेंगे कि कैसे अपनी छोटी-छोटी आदतों में बदलाव लाकर हम अपनी सेहत में बड़े बदलाव ला सकते हैं।

यह सैंडविच, साबुत अनाज वाली ब्रेड और कम सोडियम व कम वसा वाले मांस या पनीर से बना है। इसके साथ फल, सब्जियाँ और बिना वसा वाला दूध लिया गया है। यह भोजन DASH डायट के उद्देश्यों को पूरा कर सकता है। | चित्र स्रोत : Wikimedia 

आइए सबसे पहले जानते हैं कि डैश डाइट (DASH diet) क्या है?

डैश या “उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार संबंधी दृष्टिकोण (Dietary Approaches to Stop Hypertension (DASH)” डाइट एक विशेष आहार योजना है! इसे उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को कम करने के लिए विकसित किया गया। जब शोधकर्ताओं ने देखा कि “शाकाहारी और पौधे आधारित आहार खाने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप बहुत कम देखने को मिलता है”, तब उन्होंने डैश डाइट की नीवं रखी। डैश डाइट के तहत ज़्यादा से ज़्यादा फलों और सब्ज़ियों का सेवन करने पर ज़ोर दिया जाता है! हालाँकि इसमें लीन प्रोटीन (lean protien) स्रोत जैसे चिकन, मछली और बीन्स भी शामिल होते हैं। इस आहार में रेड मीट (red meat), नमक, अतिरिक्त चीनी और वसा युक्त भोजन के इस्तेमाल से परहेज किया जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए यह डाइट फ़ायदेमंद हो सकती है, क्योंकि इसमें सोडियम (नमक) की मात्रा प्रति दिन 3/4 चम्मच (टी एस पी) या 1,500 मिलीग्राम (एम जी) से अधिक नहीं होती है।

चित्र स्रोत : Wikimedia 

रक्तचाप को कम करने के अलावा, डैश डाइट से कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हो सकते हैं:

  • रक्तचाप में सुधार: कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि डैश डाइट, रक्तचाप को कम करने में प्रभावी साबित होती है।
  • वज़न घटाना: 2020 के एक अध्ययन में पाया गया कि डैश डाइट का पालन करने से 65 वर्ष से अधिक उम्र के मोटापे से ग्रस्त लोगों को शरीर की चर्बी घटाने में मदद मिली। 2023 के एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया कि यह आहार पेट की चर्बी को कम करने में सहायक हो सकता है।
  • कैंसर का जोखिम कम करना: 2019 में किए गए एक अध्ययन से पता चला कि डैश डाइट अपनाने से स्तन, यकृत, एंडोमेट्रियल और फेफड़ों के कैंसर का जोखिम भी कम हो सकता है। कोलोरेक्टल कैंसर पर किए गए एक अन्य अध्ययन में भी ऐसे ही परिणाम मिले।
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम का जोखिम कम करना: शोध से यह भी पता चला है कि डैश डाइट, मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम को लगभग 50% तक कम कर सकती है।
  • मधुमेह से बचाव: इस आहार का पालन करने वाले लोगों में मधुमेह का जोखिम होने की संभावनाएं भी कम होती हैं। इसके अलावा, यह आहार इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार भी कर सकता है।
  • हृदय रोग का जोखिम कम करना: 2019 की समीक्षा में पाया गया कि डैश डाइट का पालन करने से हृदय रोग होने का खतरा कम हो सकता है। यह आहार रक्त कोलेस्ट्रॉल, शर्करा और वसा को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं।

डैश आहार के साथ-साथ आप अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव लाकर भी रक्तचाप के खतरे को कई गुना कम कर सकते हैं! 

चित्र स्रोत : pexels 

इन छोटे-छोटे बदलावों में शामिल हैं:

  1. स्वस्थ आहार लें: प्रतिदिन पाँच या आदर्श रूप से 7-9 प्रकार के फल और सब्ज़ियाँ अवश्य खाएँ। इनसे न केवल शरीर को पोषण मिलता है, बल्कि रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है।
  2. सही भोजन का चुनाव करें: आपके अधिकांश भोजन का एक तिहाई हिस्सा स्टार्च-आधारित खाद्य पदार्थ (जैसे अनाज, साबुत अनाज की रोटी, आलू, चावल, पास्ता) और फल-सब्ज़ियाँ होना चाहिए।
  3. वसायुक्त भोजन से बचें: वसायुक्त मांस, पनीर, फुल-क्रीम दूध, तला हुआ भोजन और मक्खन से दूर रहें, ताकि रक्तचाप नियंत्रित रहे।
  4. नमक का सेवन कम करें: हमें खाने में नमक कम डालना चाहिए, क्योंकि यह सीधे रक्तचाप को प्रभावित करता है। अधिक नमक के कारण उच्च रक्तचाप हो सकता है!  स्वाद बढ़ाने के लिए नमक की बजाय जड़ी-बूटियाँ और मसाले प्रयोग करें।
  5. शराब का सेवन सीमित करें: अत्यधिक शराब का सेवन करना आपके लिए इसलिए भी हानिकारक हो सकता है, क्यों कि यह रक्तचाप को बढ़ा सकता है। इसे सीमित करना आपके स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है।
  6. धूम्रपान और उच्च रक्तचाप: धूम्रपान सीधे रक्तचाप को प्रभावित नहीं करता, लेकिन यदि आपको पहले से ही उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो धूम्रपान आपके स्वास्थ्य को और अधिक खतरे में डाल सकता है। 
  7. नियमित शारीरिक गतिविधि: हर दिन कोई न कोई शारीरिक गतिविधि या व्यायाम जरूर करें। इससे हमें सिस्टोलिक रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

आइए अब जानते हैं कि नियमित व्यायाम आपके रक्तचाप को कैसे कम करता है?

नियमित तौर पर व्यायाम करने से आपके दिल को मजबूती मिलती है, जिससे कम मेहनत में ज़्यादा खून पंप होता है और धमनियों पर दबाव घटता है। नतीजतन आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आ जाता है!

"पारे के मिलीमीटर (mmHg)" का इस्तेमाल ,रक्तचाप को मापने वाले पैमाने के तौर पर किया जाता है। 

इसमें दो अंक होते हैं:

  1. ऊपर वाला (सिस्टोलिक (Systolic)): दिल की धड़कन के दौरान दबाव दिखाता है!
  2. नीचे वाला (डायस्टोलिक (Diastolic)): दिल के आराम के दौरान दबाव दिखाता है!

विश्वसनीय स्वास्थ्य संस्थाओं (अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ कार्डियोलॉजी और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन) के अनुसार, स्वस्थ रक्तचाप 120/80 mmHg से कम होना चाहिए। नियमित एक्सरसाइज से सिस्टोलिक प्रेशर (Systolic Pressure) 4-10 mmHg और डायस्टोलिक प्रेशर (Diastolic Pressure) 5-8 mmHg तक कम हो सकता है! हालाँकि, यह प्रभाव हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। व्यायाम आपके वज़न को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। सिर्फ़ 2.3 किलो (5 पाउंड) वज़न घटाने से भी ब्लड प्रेशर में गिरावट आ सकती है! लेकिन याद रखें, ये सभी लाभ तभी टिकाऊ हैं जब आप लगातार एक्टिव रहें। आमतौर पर, व्यायाम का असर आपके रक्तचाप पर 1-3 महीनों में दिखने लगता है।

 

संदर्भ
https://tinyurl.com/242l9m7p 

https://tinyurl.com/2xov7blz 

https://tinyurl.com/ydgd3npu

मुख्य चित्र में जौनपुर के शाही पुल और डैश डाइट का स्रोत : प्रारंग चित्र संग्रह, wikimedia 

पिछला / Previous


Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.

D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.