समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 1005
मानव व उसके आविष्कार 796
भूगोल 220
जीव - जन्तु 284
उत्तर प्रदेश की राजधानी, लखनऊ एक ऐसा नगर है जहाँ पर इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता बड़े ही सुंदर ढंग से घुले-मिले हैं। अपनी समृद्ध विरासत, शानदार इमारतों और जीवंत परंपराओं के लिए मशहूर लखनऊ, अपने अतीत के वैभव और आज की तरक्की का जीता-जागता प्रमाण है। अवध के नवाबों ने लखनऊ की सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत को बनाने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अवध के चौथे नवाब, आसफ़-उद-दौला को उनके योगदानों के लिए खास तौर पर याद किया जाता है, जिनमें प्रसिद्ध बड़ा इमामबाड़ा का निर्माण भी शामिल है। नवाबों के दौर में मुगल और फ़ारसी प्रभावों का मिश्रण देखने को मिलता था, जो आज भी शहर के भोजन, भाषा और कला में साफ़ दिखाई देता है। लखनऊ को अक्सर उत्तर भारत की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। इस शहर को अपने शास्त्रीय संगीत, नृत्य शैलियों, शायरी और लाजवाब खानपान के लिए जाना जाता है। आज हम एक ऐसे सफ़र पर निकलेंगे, जिसे देखकर आप अंदाज़ा लगा पाएंगे कि आज से सैकड़ों साल पहले लखनऊ शहर कैसा दिखाई देता था।
आज के इस पहले वीडियो में आपको 1800 के दशक की लखनऊ की कई दुर्लभ तस्वीरें देखने को मिलेंगी! उस समय भारत में ब्रिटिश शासनकाल का था। यह तस्वीरें देखकर आप ज़रूर हैरान हो जाएंगे।
यह अगला वीडियो भी आपको 1800 और 1900 के दशक के पुराने लखनऊ की अनदेखी झलकियां दिखाएगा। इसमें ब्रिटिश शासनकाल के दौरान लखनऊ शहर और एक सदी पहले के लखनऊ शहर की कई भव्य इमारतों की सुंदर वास्तुकला देखने को मिलती है।
यह आखिरी चलचित्र भी लखनऊ की दुर्लभ और अद्वितीय वास्तुकला को समर्पित है! इसमें भी आँखों को सुकून देने वाली लखनऊ की कुछ पुरानी झलकियाँ दिखाई गई हैं, जो शहर की जीवंतता को दर्शाती हैं। इसमें यहाँ-वहाँ भागते लोग, ब्रिटिश रेजीडेंसी, छोटा इमामबाड़ा और भूल भुलैया जैसी शहर की मशहूर इमारतों को देखने का मौका मिलता है। इसके अलावा सड़कों के बीच चलती गायें, फुटपाथों पर फल बेचते हुए लोग, थोड़ा अस्त-व्यस्त यातायात, तांगे की सवारी और सर्दियों की धूप का आनंद लेते बुज़ुर्ग भी यहाँ आसानी से दिख जाते हैं।
संदर्भ :
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.