
समयसीमा 245
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 1005
मानव व उसके आविष्कार 798
भूगोल 222
जीव - जन्तु 285
लखनऊ के नागरिकों, हमारा देश भारत घने उष्णकटिबंधीय वर्षावनों से लेकर मध्य भारत में पाए जाने वाले पर्णपाती वनों, और तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव वनों से लेकर हिमालय में अल्पाइन वनों तक कई अलग-अलग प्रकार के जंगलों का घर है, जिनमें से प्रत्येक प्रकार वन्य जीवन और प्राकृतिक सुंदरता से समृद्ध है। मोंटेन वन, जिन्हें पर्वतीय वन भी कहा जाता है, उच्च ऊंचाई पर पाए जाने वाले अद्वितीय पारिस्थितिक तंत्र हैं। ये वन ठंडी जलवायु वाले उच्च इलाकों में पाए जाते हैं, जो आमतौर पर निचले इलाकों में पाए जाने वाले उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जंगलों से काफ़ी भिन्न होते हैं। ये पर्वतीय वन अपनी समृद्ध जैव विविधता, और अद्वितीय वनस्पति के कारण पारिस्थितिक दृष्टि से विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। तो आइए आज, मोंटेन वनों के बारे में जानते हुए, पर्वतीय वनों के पारिस्थितिक महत्व पर प्रकाश डालते हैं। इसके साथ ही, हम इन संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा के उद्देश्य से प्रमुख संरक्षण प्रयासों पर प्रकाश डालेंगे। अंत में, हम पर्वतीय वन परिवेश में पनपने वाली विविध वनस्पतियों और जीवों पर एक नज़र डालेंगे।
भारत में मोंटेन वन:
मोंटेन वन, जिन्हें पर्वतीय वनों के रूप में भी जाना जाता है, पर्वतीय क्षेत्रों में उच्च ऊंचाई पर पाए जाने वाले वन पारिस्थितिकी तंत्र हैं। इन वनों की जलवायु आसपास के तराई क्षेत्रों की तुलना में ठंडी और नमीयुक्त होती है। भारत में, ये वन मुख्य रूप से हिमालय और पश्चिमी घाट पर्वत श्रृंखलाओं में पाए जाते हैं, जो देश के वन क्षेत्रों के एक महत्वपूर्ण हिस्से के अंतर्गत आते हैं।
भारत में पर्वतीय वनों के प्रकार:
भारत में ऊंचाई, जलवायु और वनस्पति संरचना के आधार पर तीन प्रकार के पर्वतीय वन पाए जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक की अलग-अलग विशेषताएं हैं और ये वन विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल पौधों और जानवरों की प्रजातियों की एक अनूठी श्रृंखला का समर्थन करते हैं।
मोंटेन उपोष्णकटिबंधीय वन (Montane subtropical forests):
उपोष्णकटिबंधीय पर्वतीय वन हिमालय की निचली ऊंचाई पर पाए जाते हैं, आमतौर पर समुद्र तल से 1000 से 2000 मीटर के बीच। यहां का तापमान मध्यम और वर्षा मध्यम से भारी के बीच होती है। इन वनों में चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार, शंकुधारी और पर्णपाती वृक्षों का मिश्रण देखा जाता है। यहां आमतौर पर पाई जाने वाली वृक्ष प्रजातियों में ओक (oak), चेस्टनट (chestnut), मेपल (maple) और देवदार शामिल हैं। भारत में उपोष्णकटिबंधीय पर्वतीय वन अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में पूर्वी हिमालय क्षेत्र में पाए जाते हैं।
मोंटेन शीतोष्ण वन (Montane temperate forests): ये वन हिमालय में उच्च ऊंचाई पर, आमतौर पर समुद्र तल से 2000 से 3000 मीटर के बीच स्थित होते हैं। यहां का तापमान ठंडा एवं वर्षा मध्यम से भारी के बीच होती है। यहां चौड़ी पत्ती वाले पर्णपाती, शंकुधारी और फूलों वाले बोरंश प्रजातियों के के पेड़ पाए जाते हैं। ये वन अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए वन जाने जाते हैं। भारत में समशीतोष्ण पर्वतीय वन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू और कश्मीर के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
मोंटेन अल्पाइन वन (Montane Alpine Forests): ये वन हिमालय की उच्चतम ऊंचाई पर पाए जाते हैं, आमतौर पर समुद्र तल से 3000 मीटर से ऊपर। इन वनों का तापमान बेहद ठंडा और वर्षा कम से मध्यम तक होती है। यहां कठोर जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल बौनी झाड़ियाँ, और घास जैसी बौनी वनस्पति पाई जाती है। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, ये वन अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों का समर्थन करते हैं। भारत में अल्पाइन पर्वतीय वन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख के उच्चतम पर्वतीय हिस्सों में पाए जाते हैं।
मोंटेन वनों का पारिस्थितिक महत्व
मोंटेन वन पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और कई पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
हालाँकि पारिस्थितिक महत्व के बावजूद, पर्वतीय वनों को वनों की कटाई, जलवायु परिवर्तन आक्रामक प्रजातियों, मानव अतिक्रमण, अत्यधिक दोहन जैसे कई खतरों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण इन वनों का अस्तित्व अब खतरे में आ गया है।
पर्वतीय वनों के संरक्षण के प्रयास:
पर्वतीय वनों के महत्व को पहचानते हुए, इन पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा और पुनर्स्थापन के लिए विभिन्न संरक्षण प्रयास किए जा रहे हैं:
मोंटेन वनों में वनस्पति:
पर्वतीय वनों की वनस्पति यहां की विशिष्ट जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल होती है। यहां आमतौर पर काई (moss) और फर्न (Fern) के साथ-साथ शंकुधारी पेड़, चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार और पर्णपाती पेड़ पाए जाते हैं। जंगलों में अक्सर अलग-अलग परतों वाली एक स्तरीकृत संरचना होती है, जो अलग-अलग पौधों की प्रजातियों का समर्थन करती हैं।
पर्वतीय वनों में जीव-जंतु:
मोंटेन वन विविध प्रकार के वन्य जीवन का समर्थन करते हैं। भालू, हिरण और चीते जैसे स्तनधारी इन क्षेत्रों में निवास करते हैं, जबकि कई पक्षी प्रजातियाँ, कीड़े और उभयचर समग्र जैव विविधता में योगदान करते हैं। पर्वतीय वनों में संरक्षण के प्रयास अक्सर इन अनोखी और कभी-कभी लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा पर केंद्रित होते हैं।
संदर्भ
मुख्य चित्र में पनामेनियन पर्वतीय वन का स्रोत : Wikimedia
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership — This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.