समयसीमा 267
मानव व उनकी इन्द्रियाँ 1006
मानव व उसके आविष्कार 801
भूगोल 239
जीव - जन्तु 296
Post Viewership from Post Date to 25- Jul-2025 (5th) Day | ||||
---|---|---|---|---|
City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
2951 | 104 | 0 | 3055 | |
* Please see metrics definition on bottom of this page. |
इसमें कोई शक नहीं कि मेरठ के लोगों को चिप्स बहुत पसंद हैं। ये हल्के और स्वादिष्ट स्नैक्स, हमारे खाद्य पदार्थों का एक आम हिस्सा बन गए हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि चिप्स कैसे बनते हैं? चिप्स बनाने के लिए, किसान अब एक विशेष प्रकार के आलू उगा रहे हैं, जो कि आकार में लंबे होते हैं। उन्हें आसानी से काटा जा सकता है। इन आलूओं में शर्करा (sugar) कम तथा स्टार्च (starch) अधिक होता है, जिसकी वजह से आलू अंदर से फूले रहते हैं और बाहर से तलने पर हल्के भूरे रंग के हो जाते हैं। आलू चुनने के बाद, उन्हें चिप्स कंपनियों को बेच दिया जाता है। आलू को एक ऐसे वातावरण में संग्रहीत किया जाता है, जहां तापमान नियंत्रित किया जा सके। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो उनका स्टार्च, शर्करा में बदल जाएगा और चिप्स बनाने के लिए, आलू उपयुक्त नहीं रहेगा। आलू को इस तरह से लगभग 4 महीने तक संग्रहित किया जा सकता है। इसके बाद, आलू को धोया जाता है तथा मशीन से उसके बाह्य आवरण या त्वचा को अलग कर लिया जाता है। आलुओं को फिर एक स्लाइसिंग मशीन (slicing machine) में ले जाते हैं, जहां उन्हें एक रेज़र -शार्प ब्लेड से काटा जाता है। रिपल आलू (Ripple potato) के चिप्स को दाँतेदार ब्लेड से काटा जाता है। आलू के स्लाइस को धोया जाता है ताकि कटने के बाद आलू के किनारे पर रिसने वाले स्टार्च से छुटकारा मिल सके। फिर आलू को 190ºC (375ºF) के तापमान पर वनस्पति तेल में तला जाता है। जैसे ही आलू के चिप्स पकते हैं, उनके अंदर का पानी भाप में बदल जाता है। जब चिप्स पक जाते हैं तो आलू में मौजूद स्टार्च भूरा हो जाता है। जब चिप्स का सही रंग आ जाता है, तब उन्हें तेल से बाहर निकाल लिया जाता है। इसके बाद, चिप्स को नमकीन और स्वादिष्ट बनाने के लिए, अन्य स्वाद सामग्रियां उनके ऊपर डाली जाती हैं। फिर चिप्स को बड़े कंटेनरों में डाला जाता है, तौला जाता है और पैकेटों में भरा जाता है।
पहले वीडियो और नीचे दिए गए वीडियो के ज़रिए हम देखेंगे कि चिप्स कैसे बनाए जाते हैं।
अगर आप सोचते हैं कि रोज़ाना थोड़े-बहुत चिप्स खाना नुकसान नहीं करेगा, तो ज़रा रुकिए और सोचिए दोबारा। आलू के चिप्स सिर्फ "स्नैक" नहीं हैं — ये आपकी सेहत पर धीरे-धीरे बड़ा असर डाल सकते हैं। शोध बताते हैं कि इनमें मौजूद ज्यादा नमक (Excess Sodium), ट्रांस फैट (Trans Fat), और ऐक्रिलेमाइड (Acrylamide) जैसे रसायन सिर्फ ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि दिल की बीमारियाँ (Heart Diseases), स्ट्रोक (Stroke), यहां तक कि कैंसर (Cancer) और बांझपन (Infertility) जैसे गंभीर जोखिम भी पैदा कर सकते हैं। लगातार इनका सेवन न सिर्फ वज़न (Weight) तेजी से बढ़ाता है, बल्कि आपकी मानसिक सेहत (Mental Health) को भी प्रभावित कर सकता है।
नीचे दिए गए लिंक के ज़रिए आइए समझते हैं कि चिप्स खाने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या क्या प्रभाव पड़ते हैं।
संदर्भ-
A. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Messaging Subscribers - This is the total viewership from City Portal subscribers who opted for hyperlocal daily messaging and received this post.
D. Total Viewership - This is the Sum of all Subscribers (FB+App), Website (Google+Direct), Email, and Instagram who reached this Prarang post/page.
E. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.