सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी साधन है, पैपर स्प्रे

हथियार और खिलौने
15-03-2021 10:24 AM
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सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी साधन है, पैपर स्प्रे
पेपर स्प्रे (Pepper sprays) सुरक्षा की दृष्टि से एक बहुत ही उपयोगी साधन है। हालांकि, कई देशों में पेपर स्प्रे प्रतिबंधित है, लेकिन भारत में इसे कानूनी रूप से उपयोग किया जा सकता है तथा इसे खरीदने के लिए किसी लाइसेंस (License) या दस्तावेज की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, इसे बनाने वालों को सरकारी लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसके एक कनस्तर (Canister) की कीमत 150 रुपये से 1,000 रुपये तक हो सकती है। वर्तमान समय में दुनिया भर में पेपर स्प्रे का उपयोग जहां हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए किया जा रहा है, वहीं जानवरों या मानव हमलों के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए भी किया जाता है। पेपर स्प्रे के नाम से ऐसा प्रतीत होता है कि, स्प्रे में मिर्च पाउडर होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। ओलियोरसिन (Oleoresin), कैपसिकम (Capsicum) स्प्रे आदि नाम से जाना जाने वाला यह स्प्रे एक लैक्रिमेट्री एजेंट (Lachrymatory agent - एक यौगिक जो आंखों में जलन, दर्द, और अस्थायी अंधापन पैदा करता है) है। इसमें मौजूद रासायनिक पदार्थ को कैप्साइसिन (Capsaicin) कहा जाता है, जो शिमला मिर्च या मिर्च जैसे पौधों के फलों से प्राप्त होता है। कैप्साइसिन को एक राल में परिवर्तित कर इसे पायसीकारकों (Emulsifier) और पानी के साथ मिलाया जाता है, और अच्छी तरह से पैक कर दिया जाता है।
एक कैन (Can) में पेपर स्प्रे की लगभग 50-100 मिलीलीटर मात्रा होती है। जब किसी व्यक्ति के चेहरे पर स्प्रे किया जाता है, तो कैप्साइसिन के कारण उसकी आंखें बंद हो जाती हैं, उसके फेफड़ों में जलन होती है तथा साँस लेने में दिक्कत आती है। इसके अलावा स्प्रे के प्रभाव से खाँसी और नाक बहने की समस्या भी उत्पन्न होती है। चूंकि कैप्साइसिन घुलनशील नहीं है, इसलिए हमले के बाद आंखों को धोने के बाद भी इसका असर कम नहीं होता। समय ही इसका उपचारक है, अर्थात व्यक्ति के स्वास्थ्य के आधार पर एक या दो घंटे में ही स्प्रे का असर कम होता है। स्प्रे आंखों को जलाती नहीं, यह केवल आंखों में जलन उत्पन्न करती है। इसलिए अधिकारी दंगों या भीड़ को आसानी से नियंत्रित कर पाते हैं, या फिर आत्मरक्षा के लिए खतरे की स्थिति में इसका उपयोग करते हैं। पुलिस बल द्वारा इसका उपयोग कानून और व्यवस्था को बनाए रखने, दंगों और भीड़ को नियंत्रित करने तथा आत्मरक्षा में किया जाता है। सामान्य तौर पर पेपर स्प्रे को भालू और अन्य खतरनाक शिकारियों से बचने के लिए इस्तेमाल किया गया था, लेकिन आज इसे विभिन्न कारणों की वजह से उपयोग में लाया जाता है। इसके आविष्कारक कामरान लोगमैन (Kamran Loghman) हैं, जिन्होंने इसे दंगों के नियंत्रण के लिए विकसित किया था। लोगमैन ने पेपर स्प्रे के उपयोग के सम्बन्ध में पुलिस विभागों के लिए एक गाइड (Guide) भी लिखी है। यूं तो, इसका उपयोग सफलतापूर्वक किया गया, लेकिन कुछ स्थानों पर जहां इसकी जरूरत नहीं थी, में भी पुलिस द्वारा इसका इस्तेमाल किया गया, जो इसके दुरुपयोग को दर्शाता है। कई लोगों का मानना है कि, इसका उपयोग रासायनिक हथियार कन्वेंशन (Chemical Weapons Convention - CWC) द्वारा निषिद्ध है, लेकिन यह वास्तव में एक रासायनिक हथियार नहीं है, और इसे CWC की परिभाषा के अनुसार "दंगा नियंत्रण एजेंट (Riot Control Agent)" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
भारत की बात करें तो, भारतीय दंड संहिता का 96 से लेकर 106 अनुभाग नागरिकों को निजी रक्षा का अधिकार प्रदान करते हैं। इसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को निजी रक्षा का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार तभी प्राप्त होगा, जब व्यक्ति किसी खतरे की स्थिति में हो और वह कोई पुलिस सहायता प्राप्त न कर सकता हो। वह अपने बचाव में प्रहार केवल तब ही कर सकता है, जब प्रहार करना बहुत आवश्यक हो गया हो, अर्थात यदि कोई आपको थप्पड़ मारने वाला है, तो उस स्थिति में आप किसी हथियार से उस व्यक्ति को नहीं मारेंगे। भारत में भले ही पेपर स्प्रे का उपयोग करना कानूनी है, लेकिन इसका उपयोग करने से पहले निजी रक्षा की पूरी जानकारी अत्यंत आवश्यक है। उदाहरण के लिए यदि कोई आप पर चाकू या किसी खतरनाक हथियार से प्रहार करता है या करने वाला है, तो उस स्थिति में पेपर स्प्रे का उपयोग किया जा सकता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति आपको कुछ बुरा या गलत कहता है, तो उस स्थिति में उसे नुकसान पहुंचाने के लिए आप पेपर स्प्रे का उपयोग नहीं कर सकते। ऐसा करने पर आपको मुआवजा भरना पड़ सकता है। ब्रिटेन (Britain) और कई अन्य यूरोपीय (European) देशों में, पेपर स्प्रे को एक हथियार के रूप में वर्गीकृत किया गया है और गृह सचिव की अनुमति के बिना किसी को भी इसका उपयोग करने की अनुमति नहीं है। बलात्कारों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए भारत में पेपर स्प्रे की बिक्री बढ़ गई है। हालांकि, दिल्ली पुलिस महिलाओं को उचित निर्देशों के साथ मुफ्त में पेपर स्प्रे बांटती है, लेकिन मेट्रो (Metro) में सफर करने वाली महिला यात्रियों को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा मेट्रो में पेपर स्प्रे रखने की अनुमति नहीं दी गयी है। पेपर स्प्रे का उपयोग गैर घातक हथियार के रूप में किया जा सकता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3cpSBoO
https://bit.ly/38u46dS
https://bit.ly/2OnbuAL
https://bit.ly/38wdcqr
https://bit.ly/3ckwO23

चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र कीचेन के साथ पेपर स्प्रे दिखाता है। (पिक्साबे)
दूसरी तस्वीर आत्मरक्षा पेपर स्प्रे दिखाती है। (विकिपीडिया)
तीसरी तस्वीर में सिक्योरिटी के पास पेपर स्प्रे दिखाया गया है। (विकिपीडिया)

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