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क्या आपने कभी सोचा है कि विभिन्न प्रकार के मोबाइल उपकरणों, कंप्यूटर मॉनिटरों, टेलीविज़न और मुद्रण उपकरणों में अनन्य विविधता होते हुए भी रंगों की समरूपता कैसे बनाई रखी जाती है? वास्तव में रंगों में स्थिरता बनाए रखने की विधि को कलर कोडिंग कहा जाता है। रंग कोडिंग को दो बहुत महत्वपूर्ण भेदों में भी विभाजित किया जा सकता है, जिन्हें यदि सही ढंग से लागू किया जाए, तो रंग की स्थिरता बनाए रखने में काफी मदद मिल सकती है। रंग कोडिंग को बुनियादी रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: मुद्रण (Print) और ऑनस्क्रीन (Onscreen)। मुद्रित पृष्ठ पर रंग ऋणात्मक विधि से बनाए जाते हैं, जबकि Onscreen रंग धनात्मक विधि से बनाए जाते हैं ।
इन दोनों मूलभूत श्रेणियों को पुनः चार रंग प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:
➼ पीएमएस (PMS),
➼ सीएमवाईके (CMYK),
➼ आरजीबी (RGB)
➼ हेक्स (HEX)
PMS और CMYK का उपयोग मुद्रण में किया जाता है, जबकि RGB और HEX का उपयोग ऑनस्क्रीन के लिए किया जाता है। आमतौर पर वेबसाइटों और अन्य सॉफ़्टवेयर अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के रंग कोडिंग को पहचानने के लिए HTML रंग कोड का प्रयोग किया जाता है। आइए, विभिन्न प्रकार की रंग कोडिंग और प्रारुपों के विषय में जानते हैं।
पैनटोन रंग प्रणाली (Pantone Color System (PMS): पैनटोन रंग प्रणाली या PMS, एक मानकीकृत रंग मिलान प्रणाली है, जिसका दुनिया भर में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इस प्रणाली को मुख्य रूप से मुद्रण कार्यों के लिए रंगों को निर्दिष्ट और नियंत्रित करने में उपयोग किया जाता है। पैनटोन रंग प्रणाली की सहायता से उन रंगों को भी निर्दिष्ट किया जा सकता है जिन्हें पारंपरिक CMYK प्रणाली में मिश्रित नहीं किया जा सकता है। पैनटोन रंग प्रणाली में प्रत्येक रंग के लिए एक आवंटित संख्या होती है, उदाहरण के लिए, गुलाबी रंग के लिए आवंटित संख्या PMS 205 है। पैनटोन रंग मिलान प्रणाली में 1,000 से अधिक रंगों की पहचान की गई है, जिनमें धात्विक (Metallic) और फ्लोरोसेंट (Fluorescent) दोनों तरह के रंग शामिल हैं। इसमें एक प्रत्यय कोड भी शामिल होता है जो उस पेपर स्टॉक (Paper Stock) को संदर्भित करता है जिस पर रंग मुद्रित होता है।
C कोड का उपयोग कोटेड पेपर (Coated Paper), M का मैट पेपर (Matte Paper) और U का अनकोटेड पेपर (Uncoated Paper) के लिए किया जाता है। प्लास्टिक सामग्री पर रंगीन मुद्रण के लिए, पैनटोन प्लास्टिक रंग संदर्भ संख्या का उपयोग किया जाता है। रंग कोड को ‘Q’ या ‘T’ द्वारा दर्शाया जाता है, उसके बाद तीन अंकों की संख्या होती है जो रंग की पहचान करती है। अक्षर Q अपारदर्शी प्लास्टिक पर मुद्रण के लिए और T पारदर्शी प्लास्टिक पर मुद्रण के लिए उपयोग किया जाता है। उपयुक्त सभी रंगों के मानकीकरण के कारण पैनटोन रंग प्रणाली का उपयोग मुख्य रूप से पैकेजिंग में, अक्सर बोतल निर्माण, सजावटी वस्तुओं या ब्रांड लोगो (Brand Logo) पर रंग विनिर्देश निर्दिष्ट करने के लिए किया जाता है। रंग सटीकता सुनिश्चित करने के किसी भी वस्तु के निर्माण के प्रत्येक चरण में रंग की आवश्यकता को संप्रेषित करने के लिए पैनटोन रंग प्रणाली का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।
CMYK रंग प्रणाली (CMYK Color System): CMYK रंग प्रणाली, जिसे चार-रंग प्रक्रिया भी कहा जाता है, वास्तव में एक ऋणात्मक रंग प्रणाली है जिसके तहत कागज से परावर्तित रंगों को "हटाने" के लिए चार स्याही रंगों – सियान (cyan), मैजेंटा (magenta), पीला (yellow) और काला (black) के छोटे पारदर्शी बिंदुओं को संयोजित करके मुद्रण किया जाता है। इसमें रंगों की एक विस्तृत श्रृंखला बनाने के लिए छोटे-छोटे पारदर्शी बिन्दुओं को संयोजित करके एक साथ अधिव्याप्त किया जाता है। CMYK का उपयोग मुख्य रूप से मुद्रण के लिए किया जाता है। एक आवर्धक कांच के माध्यम से CMYK मुद्रण पर CMYK रंगों के बिंदुओं का एक पैटर्न देखा जा सकता है जिसमें अंतिम रंग बनाने के लिए एक दूसरे पर अधिव्याप्त होते हैं।
RGB रंग प्रणाली (RGB Color System): RGB रंग प्रणाली CMYK के विपरीत है क्योंकि यह एक "धनात्मक" प्रक्रिया है जिसमे लाल, हरे और नीले रंग के संयोजन का उपयोग करके रंगों को स्क्रीन पर प्रस्तुत किया जाता है। RGB रंग प्रणाली के तहत तीनों रंगों (लाल, हरा और नीला) के पूरी तरह से संतृप्त संस्करणों को एक साथ मिलाकर शुद्ध सफेद रंग प्राप्त किया जाता है। इन तीनों रंगों को पूरी तरह से हटा देने पर काला रंग प्राप्त होता है। हालांकि RGB का उपयोग केवल डिजिटल अनुप्रयोगों के लिए किया जा सकता है। आधुनिक उपकरणों, जैसे कि कंप्यूटर, टीवी स्क्रीन और मोबाइल आदि में सबसे अधिक RGB रंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है।
रंग हेक्स कोड (Color Hex Code): रंग हेक्स कोड प्रणाली एक षोडसी (Hexadecimal) पद्धति है जिसमें RGB प्रारूप के तीन रंगों को एक निश्चित मात्रा में मिलाकर एक विशिष्ट रंग बनाया जाता है। वेब डिज़ाइन (Web Design) के लिए HTML में रंग हेक्स कोड अत्यन्त महत्वपूर्ण होते हैं। RGB प्रणाली में किसी रंग की संरचना दिखाने के लिए लाल, नीले रंगों के निश्चित मानों (0 से 255 तक) को सूचीबद्ध किया जाता है इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न कोड नौ अक्षर लंबा होता है। इसके विपरीत, षोडसी प्रारूप केवल छह अक्षर लंबा होता है। इसके तहत RGB मान को एक छह-अंकीय मान में संपीड़ित करके रंग की पहचान करने के लिए अक्षरों और संख्याओं सहित अक्षरांकीय वर्णों के संयोजन का उपयोग किया जाता है। इस प्रणाली में छह-अंकीय मान को फिर से RGB मान में विस्तारित भी किया जा सकता है। हेक्स कोड रंग मान सबसे कम तीव्रता 00 से लेकर उच्चतम तीव्रता FF तक होता है। उदाहरण के लिए, सफेद रंग तीन प्राथमिक रंगों में से प्रत्येक को उनकी पूरी तीव्रता पर मिलाकर बनाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप #FFFFFF हेक्स रंग कोड प्राप्त होता है।
जबकि काला रंग प्रत्येक रंग की न्यूनतम संभव तीव्रता पर प्रदर्शित होता है जिससे #000000 का हेक्स रंग कोड बनता है। तीन रंग मानों, लाल, हरे और नीले रंग में से प्रत्येक के लिए 0-256 श्रेणियों के संभावित क्रमपरिवर्तन के साथ, 16,777,216 रंग बनाए जा सकते हैं।
संदर्भ
https://shorturl.at/ckmPT
https://shorturl.at/esy05
https://shorturl.at/xCD04
https://shorturl.at/gsAS7
https://shorturl.at/fjJY5
चित्र संदर्भ
1. पैनटोन रंग प्रणाली और CMYK रंग प्रणाली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. पैनटोन रंग प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. CMYK रंग प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. RGB रंग प्रणाली को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. रंग हेक्स कोड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. #FFFFFF हेक्स रंग कोड को दर्शाता एक चित्रण (2Fprinterval)