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आपने अभी हाल ही में महाकुंभ, प्रयागराज में एवं दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटनाओं के बारे में अवश्य ही सुना होगा। ये कोई हैरानी की बात नहीं होगी कि, आपमें से कुछ लोग, अपने जीवन में कम से कम एक बार भगदड़ में फंसे हों या आपने इसे देखा हो। वास्तव में, भारत जैसे देश में, जहां जनसंख्या बहुत ज़्यादा है, अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए मानवीय रणनीतियों के साथ-साथ, हाल के वर्षों में कई देशों ने प्रौद्योगिकी के उपयोग से ऐसे उपाय लागू किए हैं जिससे इन आपदाओं की आवृत्ति काफ़ी हद तक कम हो गई है। तो आइए, आज यह जानते हैं कि विश्व के कई देश ए आई प्रौद्योगिकियों और वास्तविक समय वीडियो निगरानी (real time video surveillance) का उपयोग करके कैसे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इसके साथ ही, हम दुनिया भर में अब तक हुई कुछ सबसे घातक भगदड़ के बारे में जानेंगे।
विकसित देश, भगदड़ को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे करते हैं:
कई देशों में भीड़ को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और भगदड़ को रोकने के लिए उन्नत तकनीकों और रणनीतियों को अपनाया गया है। जापान और चीन में रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence (AI))-संचालित भीड़ विश्लेषण प्रणाली लागू की गई है। वास्तविक समय वीडियो निगरानी का उपयोग करके, ए आई प्रणाली, भीड़ की निगरानी एवं भविष्यवाणी करके, रेलवे अधिकारियों को अलर्ट भेजती है जिससे अधिकारी समय पर उचित निर्णय ले पाते हैं। टोक्यो स्टेशनों पर, ए आई-संचालित निगरानी उपकरण भीड़ की आवाजाही के पैटर्न का विश्लेषण करते हैं। हाई-स्पीड रेल नेटवर्क्स (High-speed rail networks) में ए आई-संचालित निगरानी प्रणाली (AI-powered monitoring systems) का उपयोग किया जाता है जो अधिकतम भीड़भाड़ वाले समय की भविष्यवाणी कर, तदनुसार संचालन को समायोजित करती है।
वहीं, यूरोपीय शहरों में, यात्री प्रवाह को विनियमित करने के लिए स्वचालित टिकटिंग और प्रवेश प्रतिबंध जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है। लंदन के किंग्स क्रॉस स्टेशन (King’s Cross Station) पर, प्लेटफ़ॉर्म पर लोगों की संख्या सीमित करने के लिए टिकट-आधारित पहुंच नियंत्रण का उपयोग किया जाता है। फ्रैंकफर्ट सेंट्रल स्टेशन (Frankfurt Central Station) पर प्रवेश द्वार केवल उन्हीं लोगों के लिए खुलते हैं जिनके पास वैध टिकट होती है, जिससे भीड़ को रोकने में सहायता मिलती है।
दुबई मेट्रो में बोर्डिंग और डीबोर्डिंग प्रक्रियाओं को विनियमित करने के लिए स्वचालित भीड़ नियंत्रण बाधाओं का उपयोग किया जाता है। भीड़ की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए, सिंगापुर एम आर टी (MRT) में वास्तुशिल्प नवाचार के माध्यम से एकाधिक निकास और व्यापक प्रतीक्षा क्षेत्र बनाए गए हैं।
पिछली त्रासदियों से सबक लेते हुए, दक्षिण कोरिया और फ्रांस जैसे कुछ देशों ने अपनी आपातकालीन तैयारियों को सुदृढ़ बनाया है। दक्षिण कोरिया में, 2022 में घटित हुई सियोल हेलोवीन आपदा के बाद, अधिकारियों ने वास्तविक समय आपातकालीन अभ्यास और निकासी प्रशिक्षण शुरू किया है। वहीं फ़्रांस में, पेरिस मेट्रो आपात स्थिति के दौरान प्रतिक्रिया में सुधार के लिए कर्मचारियों और यात्रियों के लिए नियमित निकासी अभ्यास आयोजित करता है।
भगदड़ अधिकतर धार्मिक स्थलों पर ही क्यों होती है:
विश्व की कुछ सबसे घातक भगदड़ें:
संदर्भ
मुख्य चित्र: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला : (wikimedia)
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