घर घर में जानी पहचानी जॉनसन एंड जॉनसन व एली लिली, कैसे बनीं दवा उद्योग का एक प्रमुख हिस्सा

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15-11-2025 09:20 AM
घर घर में जानी पहचानी जॉनसन एंड जॉनसन व एली लिली, कैसे बनीं दवा उद्योग का एक प्रमुख हिस्सा

जौनपुरवासियो, जब हम स्वास्थ्य और दवाओं की दुनिया की बात करते हैं, तो यह केवल तकनीक या विज्ञान की कहानी नहीं होती, बल्कि यह हमारे जीवन, हमारे परिवार और हमारे समाज की भलाई की कहानी होती है। ऐसी ही कुछ अमेरिकी फार्मास्यूटिकल (pharmaceutical) कंपनियाँ हैं, जिन्होंने अपने अनुसंधान, नवाचार और उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के जरिए न केवल दुनिया भर में, बल्कि हमारे भारत और यहाँ जौनपुर में भी लोगों की जिंदगी में सुधार लाया है। इनमें सबसे प्रमुख हैं जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) और एली लिली (Eli Lilly)। इन कंपनियों ने केवल दवाएँ बनाने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके उत्पाद सुरक्षित, प्रभावी और लोगों की वास्तविक ज़रूरतों के अनुसार हों। सोचिए, छोटी-छोटी दवाओं से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर और मधुमेह के इलाज तक, इन कंपनियों की खोजें लाखों लोगों की जिंदगी बदल चुकी हैं।
आज हम जानेंगे कि फार्मास्यूटिकल्स हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण हैं और ये वैश्विक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती हैं। इसके बाद, हम विस्तार से देखेंगे जॉनसन एंड जॉनसन का इतिहास और भारत में इसकी उपस्थिति, जिससे पता चलेगा कि कंपनी ने किस तरह शिशु देखभाल, स्त्री स्वास्थ्य और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में लोगों की मदद की है। इसके साथ ही हम एली लिली का इतिहास और भारत में उपलब्धियों पर ध्यान देंगे, जिसमें मधुमेह, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में इसका योगदान शामिल है। अंत में, हम इन कंपनियों की मुख्य दवाओं और हाल के वित्तीय प्रदर्शन की चर्चा करेंगे।

फार्मास्यूटिकल्स का महत्व और वैश्विक स्वास्थ्य में भूमिका
फार्मास्यूटिकल्स यानी औषधियाँ आज हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई हैं। मामूली सर दर्द से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर और मधुमेह तक, इनका उपयोग रोगों के उपचार और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाता है। इन दवाओं का निर्माण केवल औषधि बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वैज्ञानिकों और डॉक्टरों द्वारा अनुसंधान, परीक्षण और प्रयोगशालाओं में शोध का प्रक्रिया होती है। जॉनसन एंड जॉनसन और एली लिली जैसी कंपनियाँ इस क्षेत्र में अग्रणी हैं। ये कंपनियाँ नए रोगों का अध्ययन करती हैं, उनकी रोकथाम के तरीके खोजती हैं और सुनिश्चित करती हैं कि विकसित दवाएँ सुरक्षित और प्रभावी हों। उनके प्रयास से न सिर्फ वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, बल्कि भारत जैसे देशों में भी लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।

जॉनसन एंड जॉनसन का इतिहास और वैश्विक योगदान
जॉनसन एंड जॉनसन की स्थापना 1886 में अमेरिका के न्यू ब्रंसविक (New Brunswick), न्यू जर्सी (New Jersey) में तीन भाइयों - रॉबर्ट वुड जॉनसन (Robert Wood Johnson), जेम्स वुड जॉनसन (James Wood Johnson) और एडवर्ड मीड जॉनसन (Edward Mead Johnson) - ने की थी। प्रारंभ में उन्होंने सर्जिकल ड्रेसिंग (surgical dressing) का निर्माण किया, जो रेलकर्मियों और आम जनता के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई। इसके बाद कंपनी ने मातृत्व किट और शिशु देखभाल उत्पाद लॉन्च किए, जिससे महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
समय के साथ कंपनी ने अपने व्यवसाय का विस्तार किया और कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जैसे:
•    एथिकॉन (Ethicon) – सर्जिकल टांके और घाव बंद करने वाले उपकरण
•    मैकनील लेबोरेटरीज़ (McNeil Laboratories) और सिलाग केमी (Cilag Chemie) - फार्मास्यूटिकल उत्पादों में प्रवेश
•    जैनसेन फार्मास्यूटिका (Janssen Pharmaceuticals) – नवाचार और अनुसंधान में वैश्विक योगदान
जॉनसन एंड जॉनसन ने चिकित्सा उपकरण, कार्डियोलॉजी (Cardiology) और डायबिटीज़ मैनेजमेंट (Diabetes Management) जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण नवाचार किए। 1994 में कंपनी ने पहला कोरोनरी स्टेंट (Coronary stent) और बाद में ड्रग-एल्यूटिंग स्टेंट (Drug-eluting stents) पेश किया, जिसने हृदय रोग के उपचार में क्रांति ला दी।

File:Johnson & Johnson COVID-19 vaccine developed by Janssen.jpg
जॉनसन एंड जॉनसन की COVID-19 वैक्सीन (जैनसेन द्वारा विकसित)

जॉनसन एंड जॉनसन की भारत में उपस्थिति और योगदान
भारत में जे एंड जे (J&J) की शुरुआत 1947 में हुई और 1957 में इसे निगमित किया गया। कंपनी ने देश में स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में कई पहल कीं, जिनमें प्रमुख हैं:
•    1959: मुंबई में पहली उपभोक्ता उत्पाद विनिर्माण सुविधा
•    1962: पहली चिकित्सा उपकरण विनिर्माण सुविधा
•    1968: सेनेटरी नैपकिन (sanitary napkin) का निर्माण
•    1975: विक्रिल (Vicryl) का बाजार में प्रवेश और फार्मास्युटिकल सुविधा की स्थापना
इसके अतिरिक्त, कंपनी ने इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (Indian Academy of Pediatrics), एमडीआर-टीबी प्रोजेक्ट (MDR-TB project) और महाराष्ट्र सरकार के साथ स्वास्थ्य साझेदारियाँ शुरू कीं। वर्तमान में भारत में जे एंड जे के 3,500 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं और कंपनी तीन व्यावसायिक क्षेत्रों - उपभोक्ता स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा उपकरण और फार्मास्यूटिकल्स - में सक्रिय है।

एली लिली का इतिहास और वैश्विक योगदान
एली लिली की स्थापना 1876 में इंडियाना, अमेरिका में कर्नल एली लिली द्वारा की गई। कंपनी का मिशन हमेशा से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य में सुधार लाने पर केंद्रित रहा है। 135 वर्षों के अपने इतिहास में, एली लिली ने वैश्विक स्तर पर मधुमेह, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के उपचार में नई दवाएँ विकसित की हैं।
कंपनी पांच प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में सक्रिय है:
•    लिली जैव-औषधियाँ (Lilly Bio-Medicines)
•    लिली मधुमेह (Lilly Diabetes)
•    लिली ऑन्कोलॉजी (Lilly Oncology)
•    उभरते बाजार (Emerging Markets)
•    एलान्को पशु स्वास्थ्य (Elanco Animal Health)

File:Bad Homburg Zentrale Eli Lilly.JPG
एली लिली एंड कंपनी का जर्मन मुख्यालय बैड होम्बर्ग वोर डेर होहे

एली लिली की भारत में उपस्थिति और हाल की उपलब्धियाँ
भारत में एली लिली की स्थापना 1993 में हुई और 2016 में बैंगलोर में इसका क्षमता केंद्र खोला गया। भारत में कंपनी मधुमेह, कैंसर, हार्मोन (hormone) और अन्य गंभीर बीमारियों के लिए फार्मास्यूटिकल उत्पाद विकसित और विपणन करती है। हाल ही में, एली लिली की वज़न घटाने वाली दवा ‘ज़ेपबाउंड’ (Zepbound) ने मांग में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दिखाई, जिससे कंपनी की वार्षिक बिक्री $2 बिलियन (billion) तक बढ़ने की उम्मीद है। इसके प्रभाव से कंपनी के शेयरों में लगभग 6% की वृद्धि दर्ज की गई। 2024 के लिए एली लिली का राजस्व अनुमान $42.4-43.6 बिलियन रखा गया है, जो पिछले अनुमान $40.4–41.6 बिलियन से अधिक है।

संदर्भ-
https://tinyurl.com/2amwkyhn 
https://tinyurl.com/89ua55yh 
https://tinyurl.com/5n9y5e3n 
https://tinyurl.com/wykhw2j7 
https://tinyurl.com/2s47326k 



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