समय - सीमा 269
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अक्सर आपने घोड़ों को खड़े-खड़े सोते देखा है। उसे ऐसा देख कर आपके मन में कई सवाल उठने लगते हैं जैसे ये खड़े-खड़े कैसे सो रहा है? ये सो भी रहा है या नहीं यदि हाँ तो गिर क्यों नहीं रहा है? आदि। और ऐसे सावालों का जहन में आना लाजमी भी है क्योंकि हम तो खड़े हो कर नहीं सो पाते। वैसे अगर ऐसे हम सो पाते तो? सोचिए तब तक हम आपको बताते हैं कि भला ये घोड़े ऐसा कैसे कर पाते हैं।
पहले घोड़े जंगलों में रहते थे। तब वे शेर, भेड़िये, लकड़बग्घे जैसे जानवरों के आक्रमण से बैठ कर या लेट कर सोते समय खुद को बचा नहीं पाते थे। क्योकिं उन्हें उठ कर भागने में समय लग जाता था। ऐसे में अपनी सुरक्षा के लिए उन्होंने खड़े होकर सोने की आदत डाली। घोड़ों की विशेषता है कि दिनभर में वे मात्र 3 से 4 घंटे ही सोते हैं, वो भी एक बार में नहीं। खड़े होकर सोते समय गिरने से बचने के लिए उनके शरीर की हड्डियों में लिगामेंट्स होते हैं जो उनके जोड़ों को मनचाहे समय तक के लिए फिक्स कर देते हैं। इसी कारण घोड़े आराम से खड़े होकर बिना गिरे सो लेते हैं।
परंतु यह धारणा पूरे तौर पर सही नहीं है कि घोड़े हमेशा खड़े-खड़े ही सोते हैं। हाँ यह जरुर है कि वह अधिकांश समय में खड़े ही रहते हैं। घोड़ा केवल गहरी नींद की अवस्था में ही लेटता है, इस अवस्था को “REM” (Rapid Eye Movement) अवस्था भी कहते हैं। घोड़े की REM अवस्था बहुत कम समय के लिये ही होती है। कभी कभार ही ऐसा होता है कि घोड़ा आधे घंटे तक लेटा रहा हो। आदत के मुताबिक घोड़ा समय-समय पर नींद की झपकियां लेता रहता है और बस एक बार ही गहरी नींद में कुछ मिनटों के लिये ही सोता है, इस तरह से वो अपने 3 से 4 घंटे की नींद को पूरा कर लेता है। साथ ही साथ घोड़े के पिछले पैरों में एक चतुर्भुजाकर संरचना होती है, जो एक लॉक सिस्टम की भांति कार्य करती है। इसीलिये घोड़ा चाहे तो खड़े खड़े भी सो सकता है, यह लॉक सिस्टम उसे गिरने से बचाता है।
भारत राजा-महाराजाओं का देश रहा है। पहले से ही भारत में घोड़ों के प्रति एक लगाव रहा है। वे लोग जो घोड़ा पालन करते हैं, वह बेहतरीन नस्ल वाले घोड़ों को पालकर उनको घुड़सवारी के शौक़ीन, खेल में इस्तेमाल करने वालों को बेच अच्छी कमाई कर लेते हैं। भारत में घोड़ों का पालन अधिकतर राजस्थान, पंजाब, गुजरात और मणिपुर में किया जाता है। घोड़ों की कई नस्लें भारत में पायी जाती हैं, लेकिन मारवाड़ी, काठियावाड़ी घोड़े, स्पीती घोड़े, ज़नस्कारी नस्ल, मणिपुरी पोनी घोड़े, भूटिया नस्ल, को प्रमुख दर्जा प्राप्त है।
1.https://www.huffingtonpost.com/quora/why-do-horses-sleep-stand_b_2323212.html
2.https://www.petmd.com/blogs/thedailyvet/aobriendvm/2014/november/contraray-popular-belief-horses-do-not-sleep-standing-321
3.http://nrce.gov.in/breeds.php