सोशल मीडिया में बढ़ रहा है फर्जी खबरों का सिलसिला

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण
05-01-2019 12:59 PM
सोशल मीडिया में बढ़ रहा है फर्जी खबरों का सिलसिला

भारत में फर्जी खबरों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर गलत और झूठी सूचनाओं को आग की तरह फैलाया जा रहा है। नवंबर 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में विभिन्न सोशल मीडिया के प्रशंसकों/अनुयायियों की औसत संख्या इस प्रकार है, फेसबुक - 5,515,560; ट्विटर - 1,591,984; यूट्यूब - 1,173,158। वहीं भारत में नवंबर 2018 में उपयोग की जाने वाली सोशल मीडिया में शीर्ष ब्रांड की एक औसत गणना इस प्रकार हैं

उपर्युक्त दिए गये आंकड़ों से अब यह साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया का प्रसार काफी तेजी से हो रहा है, और इस बढ़ते प्रसार के साथ फर्जी खबरें भी काफी फैल रही हैं। खबरों के अनुसार, पिछले साल व्हाट्सएप पर प्रसारित अफवाहों के कारण कम से कम 30 भारतीयों की जान जा चुकी है। जिस पर नियंत्रण करने के लिए कई तकनिकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, जून में, कुछ लोगों ने व्हाट्सएप-आधारित संदेशों के कारण असम में दो लोगों की हत्या कर दी। हाल ही में बीबीसी द्वारा भारत में किए गए शोध में पाया गया है कि देश में राष्ट्रवाद का बढ़ता ज्वार फर्जी खबरों का एक महत्वपूर्ण संचालक है। भारत, केन्या और नाइजीरिया के अस्सी प्रतिभागियों ने बीबीसी को सात दिनों की अवधि के लिए अपने मोबाइल फोन में एक्सेस (Access) दी, जिससे शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के मीडिया उपभोग के साथ-साथ व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम उनके द्वारा साझा की जाने वाली जानकारीयों का पता लगाया। भारतीय प्रतिभागियों द्वारा व्हाट्सएप पर साझा किए गए 30% से अधिक संदेश आम सम्स्याओं और अपनी संस्कृति को संरक्षित करने की आवश्यकता के बारे में थे, जिनमें से सभी स्वाभाविक रूप से राष्ट्रवादी थे। जबकि, लगभग 23% वर्तमान ख़बरें और लगभग 40% विभिन्न घोटालों और साजिशों से युक्त थे। अधिकांश प्रतिभागी फर्जी खबरों पर यकीन करने वाले थे, जिनमें कुछ ने ही यह जानने का प्रयास किया कि सांझा की गयी खबर फर्जी है या नहीं।

डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन (डीइफ)(Digital Empowerment Foundation) ने भारत के 14 राज्यों के 1,081 व्यक्तियों से फर्जी सूचना फैलाने में व्हाट्सएप की भूमिका को समझने के लिए डेटा एकत्र किया। जिसमें 14% उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें व्हाट्सएप पर प्राप्त होने वाली किसी भी चीज पर भरोसा नहीं है। और केवल 8% उत्तरदाताओं ने दावा किया कि उन्होंने व्हाट्सएप पर प्राप्त होने वाली सभी चीजों पर भरोसा किया। वहीं जब उनसे पुछा गया कि क्या वे मानते हैं कि व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज हिंसा की घटनाओं को जन्म दे सकते हैं, तो 51.6% लोगों ने सहमति व्यक्त की।

वहीं गूगल (Google) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, विश्व के मुताबिक भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। भारत में हर साल लगभग 4 करोड़ नए उपयोगकर्ता ऑनलाइन आते हैं, जिनकी केवल महानगरीय केंद्रों से नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से भी वृद्धि हो रही है। वहीं दिसंबर 2015 में रिलायंस जियो के लॉन्च के बाद से टियर-2 और टियर-3 शहरों में इंटरनेट की पहुंच कई गुना बढ़ गई है। वहीं भारत में व्हाट्सएप के 20 करोड़ से अधिक मासिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं।

व्हाट्सएप द्वारा फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए रेडियो और अखबारों के बाद अब टेलीविजन (Television) पर विज्ञापन प्रसारित भी करे जा रहें हैं। साथ ही एक नए फीचर (feature) को भी जोड़ा गया है, जिससे सांझा किया गया संदेश फॉरवर्ड किया गया है या स्वयं का है का पता लगाया जा सकता है, फॉरवर्ड किए गये संदेश के ऊपर फॉरवर्ड लिखा आ जाता है। और अब व्हाट्सएप उपयोगकर्ता एक समय में पांच से अधिक लोगों को संदेश सांझा नहीं कर सकते हैं।

भारत में विकसित हुआ शेयरचैट ऐप एक क्षेत्रीय भाषी चैटिंग ऐप है। इस एप के जरिए हम अपनी स्थानीय भाषा में एक दूसरे से अपनी बातें व्यक्त कर सकते हैं। यह ऐप अंग्रेजी सहित 10 भाषाओं में उपलब्ध है।

संदर्भ :-
1. https://bit.ly/2C4eU1a
2. https://thewire.in/media/fake-news-india
3. https://bit.ly/2RFaW60
4. https://www.bbc.com/news/world-asia-india-46341633