 
                                            समय - सीमा 268
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                                            भारतीय शास्त्रीय संगीत के रागों में राग जौनपुरी का एक विशेष महत्व है। विद्वानो के अनुसार जौनपुर के सुल्तान हुसैन शर्की ने राग जौनपुरी की रचना की थी। इस राग को आसावरी थाट से उत्पन्न माना गया है। 15 वीं शताब्दी में जौनपुर एक स्वतंत्र सल्तनत थी और वाराणसी के बाद जौनपुर को ही संगीत और संगीतकारों के केंद्र के रूप में जाना जाता था। लोककथाओं के आनुसार राग जौनपुरी जौनपुर से जुड़ा हुआ है, यहीं इसका विकास हुआ था।
विशेषता
राग जौनपुरी दिन के रागों में अति मधुर व सर्वप्रिय राग है। राग जौनपुरी एक सुबह का राग है,  इस राग को गाने का समय दिन का दूसरा प्रहर है। यह एक नरम और मनभावन राग है।
आरोह:- सा रे म प ध नी सां
अवरोह:- सां नी ध प म ग रे सा
पकड़:- म प , नी ध प , ध म प ग - रे म प
भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक रहस्यमय बात ये है कि इसमें दो रागों के स्वर समान होते हैं परंतु इन स्वरों का प्रयोग अलग अलग राग में भिन्न भिन्न तरीके से किया जाता है। हर राग में स्वर अलग अलग तरीके से गाए जाते हैं जिससे दो रागों को अलग किया जाता है। उदाहरणत: राग जौनपुरी, राग दरबारी कान्हड़ा और राग अडाना में स्वर समान होते हैं किंतु जिस तरह से ये गाए जाते हैं वो हर राग में पूरी तरह से अलग होता हैं। यदि आप इन राग के गाने के समय पर नज़र डालेंगे तो आपको पता चलेगा कि राग कान्हड़ा और राग अडाना मध्यरात्रि के समय गाए जाते हैं, जबकि राग जौनपुरी के स्वर दिन के दूसरे प्रहर में सबसे मधुर लगते हैं।
हिन्दी फिल्म जगत में अनेक सदाबहार गीत राग जौनपुरी में गाए गये हैं, जो आज भी श्रोता के मन को भा जाते हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं : 
गीत- चितनंदन आगे नाचूंगी
फिल्म- दो कलियां (1968) 
गीत-दिल छेड़ कोई ऐसा नगमा
फिल्म- इंस्पेक्टर(1956) 
 
गीत-दिल में हो तुम आंखों में तुम
फिल्म-सत्यमेव जयते (1985) 
गीत-घुंघट के पट खोल
फिल्म-जोगन(1950) 
 
गीत-जाएं तो जाएं कहां समझेगा कौन यहां
फिल्म-टैक्सी ड्राइवर(1954) 
गीत-मेरी याद में तुम ना आंसू बहाना
फिल्म-मदहोश(1951) 
इस लिंक (https://www.youtube.com/watch?v=RPPMHvXciNA&feature=youtu.be) में आप राग जौनपुरी पर आधारित एक संगीतमय कार्यक्रम देख सकते हैं जिसमें इस राग की बंदिश, सरगम, आरोह, अवरोह, गत, और गायन समय आदि के बारे में बताया गया है। इसके अलावा एक अन्य लिंक (https://www.youtube.com/watch?v=YcNO9lMWGqU&feature=youtu.be) में आप मेवाती घराने के संगीतकार संजीव अभयंकर (पंडित जसराज के प्रसिद्ध शिष्य) के स्वरों में राग जौनपुरी को भी सुन सकते हैं।
 संदर्भ: 
 
1.https://youtu.be/YcNO9lMWGqU
2.https://youtu.be/RPPMHvXciNA
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Jaunpuri
4.https://chandrakantha.com/raga_raag/film_song_raga/jaunpuri.shtml
5.https://abhijitbhaduri.com/2012/04/22/the-charm-of-raga-jaunpuri/
 
                                         
                                         
                                         
                                        