 
                                            समय - सीमा 268
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                                            पृथ्वी हमारे सौर मण्डल का एक महत्वपूर्ण ग्रह है। इस ग्रह को सूर्य और भी महत्वपूर्ण बनाता है। सूर्य पृथ्वी से जिस दूरी पर स्थित है, वह पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाता है। सूर्य से निकली किरणें पृथ्वी पर इस प्रकार से पड़ती हैं जिससे यहां के पारिस्थितिकी तंत्र पर किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं पहुंचती है। इसके अलावा पृथ्वी के चारों ओर बनी ओज़ोन (Ozone) परत भी सूर्य की पराबैगनी किरणों की तीव्रता को सोख लेती है। सूर्य के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव हो सका है। पृथ्वी पर पायी जाने वाली वनस्पतियाँ पूर्ण रूप से सूर्य पर आश्रित हैं। ये सूर्य से ही ऊष्मा लेकर प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कर पाती हैं।
मानव शरीर के लिए भी सूर्य की ऊष्मा उतनी ही ज़रूरी है जितना कि मानव को जल की आवश्यकता है। सूर्य की ऊष्मा मानव शरीर के अन्दर कई प्रकार के विटामिनों (Vitamins) की पूर्ती करती है। परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि क्या होगा यदि सूर्य एक मृत तारे में तब्दील हो जाये? यह सोच मात्र ही हमारे दिल में सिहरन पैदा कर जाती है। परन्तु यह जानने की हमें कोशिश करनी चाहिए कि आखिर सूर्य भी तो इस सौर्यमंडल में स्थित एक तारा ही तो है और हम कई रात कोई न कोई तारा मृत होता देखते ही हैं।
अब ऐसी स्थिति में सूर्य के इतिहास पर एक नज़र डाल लेते हैं- सूर्य की उम्र तकरीबन 450 करोड़ साल है। यह पूरे ब्रह्माण्ड की उम्र का करीब एक तिहाई हुआ। अगले कुछ और करोड़ सालों में यह और भी चमकदार होता जाएगा और जब ऐसा होगा तब पृथ्वी के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) का क्षरण होगा जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी पर उपस्थित तमाम वनस्पतियाँ मृत हो जाएँगी। वनस्पतियों की मृत्यु से पृथ्वी पर ऑक्सिजन (Oxygen) गैस की कमी हो जाएगी जो यहाँ पर उपस्थित तमाम जीवों की मृत्यु का कारण बनेगी। एक सर्वेक्षण के अनुसार 250 से 300 करोड़ सालों में पृथ्वी का तापमान उबलने के तापमान पर पहुँच जाएगा जिससे यहाँ पर उपस्थित पूरा पानी सूख जायेगा और इस प्रकार से पृथ्वी शुक्र ग्रह से भी बदतर हो जाएगी।
जैसा कि सूर्य एक तारा है और यदि देखा जाए तो तारे मृत होने से पहले अत्यंत तीव्र ऊष्मा छोड़ते हैं और यदि सूर्य ने इतनी तीव्र ऊष्मा का रिसाव किया तो पृथ्वी एक आग के गोले की तरह हो जायेगी।
लाइव साइंस (Live Science) के अनुसार सूर्य के मृत होने की तिथि करीब 700 से 800 करोड़ साल है। और यह बिलकुल संभव है कि वह दिन अवश्य आएगा जब सूर्य एक मृत तारे के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। सूर्य के मृत होने पर यह भी संभव है कि यहाँ का गुरुत्वीय केंद्र टूट जाए और पृथ्वी अपनी कक्षा से भटक जाए। ऐसा होने पर भी एक बेहद बड़ी घटना हो सकती है। हालाँकि अभी सूर्य के मृत होने में समय है परन्तु प्रदूषण से पृथ्वी जिस प्रकार से संक्रमित हो रही है यह एक सोचनीय विषय है।
संदर्भ:
1.	https://www.livescience.com/32879-what-happens-to-earth-when-sun-dies.html
2.	https://bit.ly/2OaQo7M
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/File:Magnificent_CME_Erupts_on_the_Sun_-_August_31.jpg
 
                                         
                                         
                                         
                                        