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जौनपुर के करीब स्थित सोनभद्र डोलोमाइट (Dolomite) नामक खनिज का एक समृद्ध स्रोत है। डोलोमाइट न केवल सोनभद्र में उच्च मात्रा में पाया जाता है बल्कि यह पूरे विश्व भर में काफी आम है। इस खनिज को सर्वप्रथम वैज्ञानिकों द्वारा 18वीं शताब्दी में वर्णित किया गया था लेकिन आज तक इसकी उतपत्ति के विषय में कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। डोलोमाइट खनिज आमतौर पर एक तलछटी चट्टान के जमाव में पाया जाता है जिसे डोलोस्टोन (Dolostone) कहा जाता है, इसका नाम फ्रांसीसी खनिजविज्ञानी डीयोडाट डी डोलोमियु के नाम पर रखा गया था।
ऐसा माना जाता है कि जब तलछट उच्च दबाव पड़ता है तब कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate) में कैल्शियम का मैग्नीशियम (Magnesium) से प्रतिस्थापन होता है जिसके द्वारा डोलोमाइट का गठन होता है। डोलोमाइट के विशाल भंडार भूवैज्ञानिक रिकॉर्ड (Record) में मौजूद हैं, लेकिन आधुनिक वातावरण में यह खनिज अपेक्षाकृत दुर्लभ हो गए हैं। 1999 में पहली बार डोलोमाइट और मैग्नेसाइट (Magnesite) के अकार्बनिक निम्न-तापमान संश्लेषण प्रकाशित किए गए थे।
डोलोमाइट की इतनी अधिक जानकारी प्राप्त होने के बाद आपके मन में ज़रूर यह विचार आ रहा होगा कि इनका उपयोग किस लिए किया जाता है, निम्न कुछ डोलोमाइट के उपयोग हैं:
• डोलोमाइट का उपयोग एक सजावटी पत्थर और मैग्नीशियम ऑक्साइड के स्रोत के साथ-साथ मैग्नीशियम के उत्पादन के लिए पिजन (Pidgeon) प्रक्रिया में किया जाता है।
• वहीं फ्लोट ग्लास (Float Glass) के उत्पादन में बड़ी मात्रा में संसाधित डोलोमाइट का उपयोग किया जाता है।
• डोलोमाइट का उपयोग समुद्री (खारे पानी) एक्वैरियम (Aquarium) में सब्सट्रेट (Substrate) के रूप में किया जाता है ताकि पानी के पीएच (pH) के प्रतिरोधी परिवर्तन में मदद मिल सके।
• उच्च तापमान पर बायोमास (Biomass) के गैसीकरण में टार (Tar) के विनाश के लिए उत्प्रेरक के रूप में कैल्साइंड डोलोमाइट (Calcined Dolomite) का उपयोग किया जाता है।
• निर्माण और निर्माण उत्पादों के लिए चूने के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है।
• लौह अयस्क की पेलेटाइजेशन (Pelletization) में या स्टील (Steel) बनाने में फ्लक्स एजेंटों (Flux Agents) के रूप में कार्य करता है।
• औद्योगिक खनिज होने के अलावा, डोलोमाइट जब बड़े पारदर्शी क्रिस्टल (Crystal) के रूप में होते हैं तो इन्हें संग्राहकों और संग्रहालयों द्वारा अत्यधिक महत्व दिया जाता है।
प्राकृतिक डोलोमाइट की विशेषताएं :-
• उच्च शुद्धता, गीला होने की क्षमता और सफेदी की गुणवत्ता इसमें मौजूद रहती है।
• प्राकृतिक डोलोमाइट अपनी संपीड़ित ताकत के लिए लोकप्रिय है।
• यह अग्नि प्रतिरोधक और ठोस होता है।
• यह काफी लंबे समय तक चलने के साथ-साथ कठोर होता है।
• साथ ही यह कम प्रतिक्रियाशीलता के साथ उच्च विशिष्ट गुरुत्वाकर्षण (स्पेसिफिक ग्रेविटी / Specific Gravity) और उच्च घनत्व वाला खनिज है।
संदर्भ:
1. https://www.sciencedaily.com/releases/2012/06/120607105815.htm
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Dolomite_(mineral)
3. https://www.devintl.co.in/dolomite.html
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://pixabay.com/photos/dolomites-mountains-italy-2287011/
2. https://bit.ly/343Esbn
3. https://pixabay.com/photos/dolomites-mountains-belluno-italy-2287001/
4. https://www.maxpixel.net/Dolomite-Nature-Italy-Alpine-Mountains-Landscape-2972791
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://www.flickr.com/photos/nrcgov/16016668166
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Uranium#/media/File:HEUraniumC.jpg
3. https://bit.ly/2PfoLJZ
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Uranium#/media/File:UraniumCubesLarge.jpg