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कोरियाई (Korean) राष्ट्रीय खेल “ताइक्वांडो” (Taekwondo "ताइक्वांडो" का शाब्दिक अर्थ है "हाथ और
पैर से लड़ाई की कला"।) के नाम और खेल के नियमों से यह तो पुष्टि होती है कि इसका उद्भव
कोरिया में ही हुआ है।लेकिन इसकी उत्पत्ति अस्पष्ट है, क्योंकि कई लोगों का ऐसा अनुमान कि
प्राचीन काल में,इसे चीन (China) के शाओलिन (Shaolin) मंदिरों में भारतीय बौद्ध भिक्षु, बोधिधर्मा
द्वारा ही विकसित किया गया था, तथा इससे ही कुंग फू (Kung Fu) की उत्पत्ति हुई थी।किंवदंती और
प्राचीन चैन बौद्ध ग्रंथों (Chan Buddhist texts) के अनुसार, बोधिधर्मा छठी शताब्दी ईस्वी में चीन
आए, जहां उन्होंने शाओलिन-सो में एक मठ की स्थापना की। उन्होंने वहां के लोगों को सांस नियंत्रण
और ध्यान सिखाना शुरू किया। लेकिन उनके अनुयायी शक्तिशाली तकनीकों का अभ्यास करने में
शारीरिक रूप से असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने शिष्यों को शरीर और भावना को मजबूत करने के तरीकों
को सिखाना शुरू किया। बाद में ये विधियां ताओवाद (Taoism) और आई-चिंग (I-Ching) के साथ
मिलकर कुंग फू, केम्पो (Kempo) और ताई ची चुआन (Tai Chi Chuan) के चीनी मार्शल आर्ट्स का
आधार बनाने के लिए संयुक्त किया गया। वहीं कोरिया में, ताइक्वांडो का पहला ठोस सबूत तीन साम्राज्यों की अवधि से प्राप्त किया जा सकता
है जहां ट्यूनस्को (Tunsko–गोगुरीओ (Goguryeo) की राजधानी) में स्थित एक भित्तिचित्र मायंग-चोंग
(Myung-Chong) के मकबरे की दीवार पर चित्रित और लगभग पहली शताब्दी में गोगुरियो साम्राज्य
में बनाया गया था।भित्तिचित्र में दो युवाओं को लड़ाई करते हुए देखा जा सकता है। इस अवधि में
पाए गए अन्य कब्रों में समान मूर्तियां पाई गई हैं, जो मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करने वाले मूर्ति को
दिखाती हैं।तदनुसार, इस बात का हमें सबूत मिलता है कि बोधिधर्म के चीन पहुंचने से पहले से ही
कोरिया अपनी मार्शल आर्ट विकसित कर रहा था और इससे यह भी लगता है कि ताइक्वांडो की
मार्शल आर्ट शैली कोरिया में ही उद्भव हुई थी।
वहीं कोरिया में, ताइक्वांडो का पहला ठोस सबूत तीन साम्राज्यों की अवधि से प्राप्त किया जा सकता
है जहां ट्यूनस्को (Tunsko–गोगुरीओ (Goguryeo) की राजधानी) में स्थित एक भित्तिचित्र मायंग-चोंग
(Myung-Chong) के मकबरे की दीवार पर चित्रित और लगभग पहली शताब्दी में गोगुरियो साम्राज्य
में बनाया गया था।भित्तिचित्र में दो युवाओं को लड़ाई करते हुए देखा जा सकता है। इस अवधि में
पाए गए अन्य कब्रों में समान मूर्तियां पाई गई हैं, जो मार्शल आर्ट्स का अभ्यास करने वाले मूर्ति को
दिखाती हैं।तदनुसार, इस बात का हमें सबूत मिलता है कि बोधिधर्म के चीन पहुंचने से पहले से ही
कोरिया अपनी मार्शल आर्ट विकसित कर रहा था और इससे यह भी लगता है कि ताइक्वांडो की
मार्शल आर्ट शैली कोरिया में ही उद्भव हुई थी।
ऐसा माना जाता है कि ताइक्वांडोको पहली बार जंगली जानवरों के हमलों से बचने के साथ-साथ
भोजन के शिकार में एक उपयोगी उपकरण और शरीर को मजबूत करने के साधन के रूप में भी एक
उपयोगी उपकरण के रूप में अभ्यास किया गया था। मार्शल आर्ट तकनीक को जानवरों के विरुद्ध
लड़ने से प्राप्त अनुभव से सीखा गया था, जिनकी रक्षात्मक और आक्रामक गति विश्लेषण और नकल
का विषय था।चूंकि हमला कहीं से भी हो सकता था, इसे देखते हुए मार्शल आर्ट के चाल को उसी
तरह विकसित किया गया था, जो किसी भी दिशा से हमले के प्रतिकूल आक्रमण करने की अनुमति
देती थीं।
 ताइक्वांडो भारत में सबसे लोकप्रिय और प्रचलित मार्शल आर्ट्स में से एक है।इस तकनीक में घूंसा
मारने और लात मारने की विशेषता मौजूद है। शिक्षक पुराण एंड्रयू गुरुंग ने हांगकांग (Hong
Kong)से भारत लौटने के बाद ताइक्वांडो को भारत में पेश किया। उन्होंने 1969 से 1974 तक
कोरियाई श्रेष्ठशिक्षक ली पायंग पाल (Lee Pyung Pal) के तहत ताइक्वांडो का अध्ययन
किया।1974 से वेशिक्षक ली पायंग पाल के तहत अपना दूसरा दान (Dan) अर्जित करने के बाद
ताइक्वोंडो को बढ़ावा दे रहे हैं।उन्होंने शुरू में कालीम्पोंग, दार्जिलिंग और सिक्किम में ताइक्वांडो
कक्षाएं शुरू कीं।बाद में उन्होंने अपने प्रशिक्षण को कोलकाता, दक्षिणी, पूर्वोत्तर और भारत के उत्तरी
हिस्सों में विस्तारित किया।उन्होंने 1984 तक भारत के प्रत्येक हिस्से में यात्रा कर ली।
उन्हें आधिकारिक ताइक्वोंडो हॉल ऑफ फेम अमेरिका (Taekwondo Hall of Fame United
States of America) द्वारा "भारत में ताइक्वांडोके पिता" का खिताब दिया गया है।विश्व ताइक्वोंडो
फेडरेशन (World Taekwondo Federation) ने 1978 में भारत के ताइक्वोंडो फेडरेशन
(Taekwondo Federation of India), 1982 में एशियाई ताइक्वोंडो यूनियन (Asian Taekwondo
Union), 1985 में भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (Indian Olympic Association) और 1994 में
दक्षिण एशियाई ताइक्वोंडो फेडरेशन (South Asian Taekwondo Federation) में संबद्धता प्रदान
की।
ताइक्वांडो भारत में सबसे लोकप्रिय और प्रचलित मार्शल आर्ट्स में से एक है।इस तकनीक में घूंसा
मारने और लात मारने की विशेषता मौजूद है। शिक्षक पुराण एंड्रयू गुरुंग ने हांगकांग (Hong
Kong)से भारत लौटने के बाद ताइक्वांडो को भारत में पेश किया। उन्होंने 1969 से 1974 तक
कोरियाई श्रेष्ठशिक्षक ली पायंग पाल (Lee Pyung Pal) के तहत ताइक्वांडो का अध्ययन
किया।1974 से वेशिक्षक ली पायंग पाल के तहत अपना दूसरा दान (Dan) अर्जित करने के बाद
ताइक्वोंडो को बढ़ावा दे रहे हैं।उन्होंने शुरू में कालीम्पोंग, दार्जिलिंग और सिक्किम में ताइक्वांडो
कक्षाएं शुरू कीं।बाद में उन्होंने अपने प्रशिक्षण को कोलकाता, दक्षिणी, पूर्वोत्तर और भारत के उत्तरी
हिस्सों में विस्तारित किया।उन्होंने 1984 तक भारत के प्रत्येक हिस्से में यात्रा कर ली।
उन्हें आधिकारिक ताइक्वोंडो हॉल ऑफ फेम अमेरिका (Taekwondo Hall of Fame United
States of America) द्वारा "भारत में ताइक्वांडोके पिता" का खिताब दिया गया है।विश्व ताइक्वोंडो
फेडरेशन (World Taekwondo Federation) ने 1978 में भारत के ताइक्वोंडो फेडरेशन
(Taekwondo Federation of India), 1982 में एशियाई ताइक्वोंडो यूनियन (Asian Taekwondo
Union), 1985 में भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (Indian Olympic Association) और 1994 में
दक्षिण एशियाई ताइक्वोंडो फेडरेशन (South Asian Taekwondo Federation) में संबद्धता प्रदान
की।  भारत सरकार के युवा कार्य और खेल विभाग द्वारा भी ताइक्वोंडो फेडरेशनको 1988 में भारत
में ताइक्वोंडो के शीर्ष न्यायिक और स्वायत्त राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्रदान करी।लेकिन क्या
आज किसी भी जौनपुर के मार्शल आर्ट (Martial Art) विद्यालय में कोई भी ताइक्वांडोकी तकनीक
को जानता है?
भारत सरकार के युवा कार्य और खेल विभाग द्वारा भी ताइक्वोंडो फेडरेशनको 1988 में भारत
में ताइक्वोंडो के शीर्ष न्यायिक और स्वायत्त राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्रदान करी।लेकिन क्या
आज किसी भी जौनपुर के मार्शल आर्ट (Martial Art) विद्यालय में कोई भी ताइक्वांडोकी तकनीक
को जानता है?
संदर्भ :-
https://bit.ly/3IJobx9
https://bit.ly/3dXavRj
https://bit.ly/3IGket3
https://bit.ly/3ENrFwq
https://bit.ly/3pQ6kvS
चित्र संदर्भ   
1. 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में “ताइक्वांडो” (Taekwondo) खिलाडी मिलाद खरचेगानी और खोदाबख्शी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. यांग-शैली की ताइक्वांडो करती एक चीनी महिला को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ली प्युंग पाल के साथ शुरुआती दिनों में उनके प्रशिक्षक पीए गुरुंग महान ग्रैंडमास्टर ,को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. भारत के ताइक्वोंडो फेडरेशन (Taekwondo Federation of India), के लोगो को दर्शाता एक चित्रण (twitter)
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        