सचेत पूंजीवाद और नई पीढ़ी में इसका बढ़ता महत्व

विचार II - दर्शन/गणित/चिकित्सा
30-08-2022 10:32 AM
Post Viewership from Post Date to 28- Sep-2022 (30th Day)
City Readerships (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
3090 23 0 3113
* Please see metrics definition on bottom of this page.
सचेत पूंजीवाद और नई पीढ़ी में इसका बढ़ता महत्व

यदि आप एक व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, या इस बात का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं, कि अपने मौजूदा व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कैसे करें, तो लाभ बनाम उद्देश्य की चर्चा जोर-शोर से होती है। इस बारे में बहस लगभग 50 साल पहले तब शुरू हुई, जब पूंजीवादी आइकन मिल्टन फ्रीडमैन (Milton Friedman) ने उस समय उभर रहे कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व आंदोलन (Corporate social responsibility movement) को दबाने की कोशिश की। फ्रीडमैन ने तर्क दिया कि जब से पूंजीवाद का उदय हुआ है तब से मालिकों के लिए लाभ कमाना जनादेश रहा है।हालांकि फ्रीडमैन ने सामाजिक जिम्मेदारी का विरोध नहीं किया, तथा तर्क दिया कि जब कंपनियां मालिकों के लिए अधिकतम लाभ कमाती हैं तो समाज की बेहतर सेवा होती है, तब वे उस मुनाफे के साथ सामाजिक कारकों में निवेश कर सकते हैं। सचेत पूंजीवाद (Conscious capitalism) सामाजिक रूप से उत्तरदायी आर्थिक और राजनीतिक दर्शन है, जिसे जॉन मैके (John Mackey) और राज सिसोदिया द्वारा निर्मित किया गया था। इसके समर्थकों का मानना ​​है कि व्यवसायों को इसमें शामिल सभी हितधारकों के हितों की सेवा करके नैतिक रूप से काम करना चाहिए,न कि केवल कॉर्पोरेट प्रबंधन और शेयरधारकों के लिए। सचेत पूंजीवाद के चार मार्गदर्शक सिद्धांतों में उच्च उद्देश्य, हितधारक अभिविन्यास, सचेत नेतृत्व और जागरूक संस्कृति शामिल है।हालांकि सचेत पूंजीवाद कंपनी की व्यावसायिक योजना में सभी सामान्य हितों को आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसका अर्थ लाभ की मांग को कम करना नहीं है। जहां इसमें प्रतिस्पर्धा, उद्यमिता, व्यापार की स्वतंत्रता, कानून का शासन और स्वैच्छिक विनिमय शामिल हैं,वहीं विश्वास, करुणा, सहयोग और मूल्य निर्माण जैसे तत्व भी शामिल हैं। सचेतपूंजीवाद में मुनाफे को नकारा नहीं गया है, यह इस बात पर आधारित है, कि एक कंपनी में सभी प्रमुख हितधारकों के हितों को एकीकृत करके मुनाफा कमाया जाए।
वर्तमान समय में सचेत पूंजीवाद व्यापार जगत में एक लोकप्रिय अवधारणा बन गया है। ऐसे अनेकों व्यवसाय हैं, जो इसके सिद्धांतों को अपनाकर आगे बढ़ रहे हैं।ऐसे व्यवसाय जिन्होंने इस दर्शन को अस्वीकार किया है,उनके राजस्व और मुनाफे पर प्रतिकूल प्रभाव देखा गया है। ऐसे कई निगम हैं, जिन्होंने खुद को सामाजिक रूप से लाभकारी कंपनियों के रूप में दर्शाने के लिए सचेत पूंजीवाद की अवधारणा का उपयोग किया है।
इस अवधारणा को अपनाने वाले कुछ उद्यमियों ने यह स्वीकार किया है कि उनकी कंपनियां अपने समुदायों में सामाजिक भलाई को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं। हालांकि अधिकांश निगम ऐसे भी हैं, जो लाभ को पहले स्थान पर रखते हैं तथा सामाजिक भलाई को दूसरे स्थान पर। इस प्रकार सचेत पूंजीवाद उद्यमिता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहा है। सचेत पूंजीवाद के साथ-साथ शार्क टैंक (Shark Tank) और ड्रैगन्स डेन (Dragons Den) जैसे कार्यक्रमों का प्रसारणभी उद्यमिता पर अपना प्रभाव डाल रहा है।ये कार्यक्रम ऐसे दर्शकों को प्रभावित कर रहे हैं, जो उद्यमी बनने की आशा में हैं किंतु शुरूआत करने में असमर्थ हैं या डर रहे हैं। शुरुआती उद्यमियों के लिए फंडिंग प्राप्त करने के लिए ये मंच महत्वपूर्ण हैं, जहां निवेशकों का एक पैनल मौजूद होता है तथा नए उद्यमियों के आइडिया या विचारों के अनुसार उनके उद्यम पर निवेश करता है। साथ ही विभिन्न टिप्स और ट्रिक्स के जरिए उन्हें उद्यम को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए गाइड भी करता है। उनके सुझाव उद्यमियों को अपनी व्यावसायिक योजनाओं को विकसित करने में मदद कर सकते हैं।
ऐसे देशों में जहां औपचारिक शिक्षा दुर्लभ है, वहां ये शो उद्यमियों को आवश्यक कौशल सिखाने में मदद कर सकता है।यूनाइटेड किंगडम(United Kingdom) के 30% सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होंने ड्रैगन डेन को देखने के बाद अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के बारे में सोचा। इन टीवी शो की शुरुआत के बाद नए व्यवसायों की संख्या में वृद्धि हुई है, उदाहरण के लिए शो शुरू होने के बाद के वर्ष में नई पंजीकृत फर्मों की संख्या में लगभग 12% से 14% की महत्वपूर्ण अल्पकालिक वृद्धि हुई।उद्यमियों को व्यवसाय शुरू करने के लिए अनेक बाधाओं जैसे न्यूनतम पूंजी आवश्यकताएं, कम प्रशासनिक प्रक्रियाएं, कम समय और व्यवसाय शुरू करने के लिए कम लागत आदि का सामना करना पड़ता था, लेकिन इन कार्यक्रमों ने इन बाधाओं को कम करने में मदद की है। अब संभावित उद्यमियों के पास अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने का अवसर है। शार्क टैंक और अन्य शो में शामिल कई निवेशक सचेत पूंजीवाद का समर्थन करते हैं।उनके अनुसार व्यवसाय की उत्तरजीविता किसी भी व्यवसाय का एक बड़ा लक्ष्य होता है, तथा सचेत पूंजीवाद इसमें सहायक है। उनके अनुसार जब आप किसी व्यवसाय का नेतृत्व कर रहे होते हैं, तो आपका उत्तरदायित्व पूरे संगठन की सफलता के लिए होता है, न कि केवल किसी एक व्यक्ति के लिए या आपके खुद के लिए। आपकी निष्ठा हमेशा ग्राहकों और शेयरधारकों के साथ बनी रहनी चाहिए। उनका यह भी कहना है कि उद्यमी को लाभ-संचालित व्यवसाय से भी जुड़े रहना चाहिए, क्यों कि उद्यमिता वास्तव में एक कठिन विषय है। इसे अन्य मुद्दों के साथ उलझाने से विफलता का खतरा बढ़ जाता है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3whlPRC 
https://bit.ly/3CtDoSo
https://bit.ly/3PM7XFN

चित्र संदर्भ
1. सचेत पूंजीवाद जागरूकता प्रोग्राम को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. पूंजीवाद (Conscious capitalism) पुस्तक को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. मध्य में सचेत पूंजीवाद पुस्तक के लेखक जॉन मैके (John Mackey) को दर्शाता एक चित्र (flickr)
4. शार्क टैंक प्रोग्राम को दर्शाता एक चित्रण (flickr) 



Definitions of the Post Viewership Metrics

A. City Readerships (FB + App) - This is the total number of city-based unique readers who reached this specific post from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App.

B. Website (Google + Direct) - This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.

C. Messaging Subscribers - This is the total viewership from City Portal subscribers who opted for hyperlocal daily messaging and received this post.

D. Total Viewership - This is the Sum of all our readers through FB+App, Website (Google+Direct), Email, WhatsApp, and Instagram who reached this Prarang post/page.

E. The Reach (Viewership) - The reach on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion (Day 31 or 32) of one month from the day of posting.