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  शारदीय नवरात्र, हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पर्वो में से एक है,जिसमें बड़े धूम-धाम से नौ दिनों
तक देवी दुर्गा की आराधना की जाती है। देवी दुर्गा को प्रकृति देवी, शक्ति, आदिमाया,
भगवती, सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता है, जो हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से
एक मानी जाती हैं। वे सुरक्षा, शक्ति, मातृत्व, विनाश और युद्ध का प्रतिनिधित्व करती हैं। मां
दुर्गा की कथा मुख्य रूप से इस बात पर आधारित है, कि कैसे उन्होंने शांति, समृद्धि और
धर्म के लिए खतरा पैदा करने वाली बुराइयों और राक्षसी ताकतों का विनाश किया, जिससे
बुराई पर अच्छाई की जीत हुई। देवी दुर्गा को एक मातृ आकृति के रूप में प्रदर्शित किया
जाता है, और अक्सर एक खूबसूरत महिला के रूप में चित्रित किया जाता है, जो शेर या बाघ
की सवारी करती हैं।  उनके पास कई हथियार हैं, जिनसे वे अक्सर राक्षसों का वध करती हैं।
वे संप्रदाय जो देवी-केंद्रित हैं, तथा शक्तिवाद, शैववाद और वैष्णववाद का अनुसरण करते हैं,
उनके द्वारा देवी दुर्गा की व्यापक रूप से पूजा की जाती है। शक्तिवाद, देवी महात्म्य और
देवी भागवत पुराण के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ, देवी दुर्गा को ब्रह्मांड का निर्माता मानते हैं।
पूरे भारत, बांग्लादेश, नेपाल और कई अन्य देशों में देवी दुर्गा के अनेकों अनुयायी हैं। उनकी
पूजा ज्यादातर वसंत और शरद ऋतु की फसल के बाद की जाती है, खासकर दुर्गा पूजा, दुर्गा
अष्टमी, विजयदशमी, दीपावली और नवरात्रि के त्योहारों के दौरान।मां दुर्गा जैसा एक रूप
तिब्बती बौद्ध धर्म में भी देखने को मिलता है, जहां उन्हें "पालडेन ल्हामो" (PALDEN
LHAMO) के रूप में जाना जाता है। उन्हें अक्सर गहरे नीले रंग में दर्शाया जाता है,जिनका
स्वभाव काफी गुस्से वाला है।देवी पाल्डेन ल्हामो बौद्ध धर्म की रक्षक हैं और वे आठ महान
धर्मपालों में से एकमात्र महिला हैं।
उनके पास कई हथियार हैं, जिनसे वे अक्सर राक्षसों का वध करती हैं।
वे संप्रदाय जो देवी-केंद्रित हैं, तथा शक्तिवाद, शैववाद और वैष्णववाद का अनुसरण करते हैं,
उनके द्वारा देवी दुर्गा की व्यापक रूप से पूजा की जाती है। शक्तिवाद, देवी महात्म्य और
देवी भागवत पुराण के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ, देवी दुर्गा को ब्रह्मांड का निर्माता मानते हैं।
पूरे भारत, बांग्लादेश, नेपाल और कई अन्य देशों में देवी दुर्गा के अनेकों अनुयायी हैं। उनकी
पूजा ज्यादातर वसंत और शरद ऋतु की फसल के बाद की जाती है, खासकर दुर्गा पूजा, दुर्गा
अष्टमी, विजयदशमी, दीपावली और नवरात्रि के त्योहारों के दौरान।मां दुर्गा जैसा एक रूप
तिब्बती बौद्ध धर्म में भी देखने को मिलता है, जहां उन्हें "पालडेन ल्हामो" (PALDEN
LHAMO) के रूप में जाना जाता है। उन्हें अक्सर गहरे नीले रंग में दर्शाया जाता है,जिनका
स्वभाव काफी गुस्से वाला है।देवी पाल्डेन ल्हामो बौद्ध धर्म की रक्षक हैं और वे आठ महान
धर्मपालों में से एकमात्र महिला हैं। 
उन्हें महाकाल की महिला साथी माना गया है। तिब्बत में
उनसे सम्बंधित पंथ सांगवा शेरप द्वारा पेश किया गया था। पंद्रहवीं शताब्दी में उन्हें गर्डन
(Garden) जो कि प्रथम दलाई लामा द्वारा स्थापित महान गेलुग्पा (Gelugpa) मठों में से
एक है, का धर्म रक्षक नियुक्त किया गया। तब से वह ल्हासा (Lhasa) और ताशी-लंपो
(Tashi-Lumpo) के दलाई लामाओं की विशेष संरक्षक रही हैं। पांचवें दलाई लामा ने उन पर
ध्यान केंद्रित करने के लिए निर्देश लिखे, और दलाई लामा जहां भी जाते हैं, पाल्डेन ल्हामो का
एक थंगका उनके साथ यात्रा करता है। वह तेरहवीं शताब्दी में युआन (Yuan) राजवंश से
बीसवीं शताब्दी में किंग (Qing) राजवंश के अंत तक शाही चीन की रक्षक भी थीं। पाल्डेन
ल्हामो के कई रूप हैं और तिब्बती बौद्ध धर्म के विभिन्न पंथ उनमें से एक या दूसरे को
अपना विशेष रक्षक मान सकते हैं।
उन्हें शांतिपूर्ण और क्रोधी दोनों रूपों में प्रदर्शित किया जाता है। उनका शांतिपूर्ण रूप एकमात्री
श्रीदेवी के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है,जबकि क्रोधी रूप गहरे नीले रंग में पाल्डेन
ल्हामो के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। तिब्बत में उन्हें कई अलग-अलग नामों से जाना
जाता है, मुख्य रूप से पाल्डेन ल्हामो, रेमती और पाल्डेन ल्हामो मैगज़ोरमा (Palden Lhamo
Magzorma)। उनकी प्रचलित भयानक छवि नकारात्मक शक्तियों को हराने वाली शक्ति का
प्रतिनिधित्व करती है, जो व्यक्ति को जीवन और मृत्यु के चक्र से बांधती हैं।  वे राक्षस
महिषासुर को मारने वाली देवी दुर्गा के समान हैं, जिन्होंने आसुरी शत्रुओं या राक्षसों पर
विजय प्राप्त की है। उन्हें एक खच्चर पर सवार दिखाया जाता है, जो खून के समुद्र के ऊपर
तेजी से दौड़ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि लंका के राजा को धर्म के रास्ते पर लाने के
असफल प्रयास के बाद, वह साइबेरिया (Siberia) की ओर जा रही हैं। उनकी तीन आंखें हैं,
जो खून से भरी हुई हैं। उनके बाल ऊपर की ओर खड़े हैं तथा सिर के ऊपर मोर पंखों से
बना एक पंख मौजूद है। उनके चार नुकीले दांत हैं तथा उनके हंसने पर एक गड़गड़ाहट की
आवाज आती है।
वे राक्षस
महिषासुर को मारने वाली देवी दुर्गा के समान हैं, जिन्होंने आसुरी शत्रुओं या राक्षसों पर
विजय प्राप्त की है। उन्हें एक खच्चर पर सवार दिखाया जाता है, जो खून के समुद्र के ऊपर
तेजी से दौड़ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि लंका के राजा को धर्म के रास्ते पर लाने के
असफल प्रयास के बाद, वह साइबेरिया (Siberia) की ओर जा रही हैं। उनकी तीन आंखें हैं,
जो खून से भरी हुई हैं। उनके बाल ऊपर की ओर खड़े हैं तथा सिर के ऊपर मोर पंखों से
बना एक पंख मौजूद है। उनके चार नुकीले दांत हैं तथा उनके हंसने पर एक गड़गड़ाहट की
आवाज आती है। 
वे पांच खोपड़ी से बना एक मुकुट, गहने और ताजा कटे हुए सिरों से बनी
एक माला पहनती हैं। उनके दाहिने हाथ में एक छड़ है, तथा बाएं हाथ में खोपड़ी से बना
एक प्याला है। उनके गले और कंधों पर एक दुपट्टा, पीठ के ऊपरी हिस्से में मानव त्वचा
मौजूद है। उन्हें बाघ की खाल वाली स्कर्ट पहने हुए दिखाया गया है। उन्हें तिब्बत और
उसकी सरकार के संरक्षक देवता के रूप में वर्णित किया गया है। पाल्डेन ल्हामो का अर्थ है
"गौरवशाली देवी" और इसमें क्रोधी स्वभाव वाली महिला रक्षकों और डाकिनियों की एक
विस्तृत श्रृंखला शामिल हो सकती है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3rgX3Ox
https://bit.ly/2NDZ4SO
https://bit.ly/2uxNgcF
चित्र संदर्भ
1. मां दुर्गा एवं पालडेन ल्हामो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. माँ दुर्गा की लोकप्रिय छवि को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
३. रॉयल ओंटारियो संग्रहालय, टोरंटो, ओंटारियो, कनाडा में प्रदर्शनी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
४. वपाल्डेन ल्हामो मैगज़ोरमा को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)  
 
                                         
                                         
                                         
                                        