समय - सीमा 268
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1036
मानव और उनके आविष्कार 802
भूगोल 264
जीव-जंतु 306
| Post Viewership from Post Date to 02- Mar-2023 (5th Day) | ||||
|---|---|---|---|---|
| City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
| 3445 | 1001 | 0 | 4446 | |
| * Please see metrics definition on bottom of this page. | ||||
हम सभी के फोन में शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस (Short Messaging Service, SMS) की सुविधा उपलब्ध है, जिसका उपयोग 1990 के दशक तक व्यापक रूप से होने लगा था। ऐसा नामुमकिन है कि कोई भी फोन एसएमएस की सुविधा न देता हो। आज एसएमएस-आधारित ऐप्स लंबे संदेश और साधारण पाठ-आधारित वर्ण (जैसे इमोटिकॉन्स (Emoticons), चित्र, वीडियो इत्यादि) से अधिक भेज सकते हैं।वर्तमान समय में लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन पर व्यतीत कर रहे हैं।ऐसे में साइबर अपराधी भी इस बात का जमकर फायदा उठा रहे हैं।  
 
पिछले कुछ समय में साइबर अपराध (Cyber Crime) के मामलों में तीव्र वृद्धि देखी गई है। जालसाज कुछ तरीकों का इस्तेमाल करके आपके बैंक अकाउंट को कुछ मिनटों में ही खाली कर देते हैं। इनमें से एक तरीका स्मिशिंग (Smishing) या फिशिंग (Phishing) का भी है, जिसके अंतर्गत शॉर्ट मैसेज सर्विस (Short message service) या एसएमएस और ईमेल करना, दोनों शामिल होते हैं। हमारे मोबाईल पर हमें अक्सर ऐसे मैसेज मिलते हैं या मेल आती है, जिनमें यह दावा किया जाता है कि आपके बैंक अकाउंट्स में कुछ समस्या है तथा उसमें कुछ अपडेट करने की आवश्यकता है।जैसे ही आप ऐसा करते हैं या अपनी बैंक जानकारी साझा करते हैं, आपके बैंक खाते से अनेकों रुपए उड़ा लिए जाते हैं।  अपने जाल में फंसाने के लिए जालसाज प्रायः विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए वे ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि वे यू.एस. आंतरिक राजस्व सेवा द्वारा भेजे गए हैं। कुछ मैसेज ऐसे होते हैं, जिनमें यह दिखाया जाता है, कि आपने किसी उत्पाद का ऑर्डर दिया था तथा वह उत्पाद सफलतापूर्वक तैयार हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने एक लिंक भी भेजा होता है, जिसे क्लिक करने के लिए कहा जाता है।इसी प्रकार के अलग-अलग मैसेज विभिन्न लिंकों के साथ भेजे जाते हैं।
अपने जाल में फंसाने के लिए जालसाज प्रायः विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए वे ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि वे यू.एस. आंतरिक राजस्व सेवा द्वारा भेजे गए हैं। कुछ मैसेज ऐसे होते हैं, जिनमें यह दिखाया जाता है, कि आपने किसी उत्पाद का ऑर्डर दिया था तथा वह उत्पाद सफलतापूर्वक तैयार हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने एक लिंक भी भेजा होता है, जिसे क्लिक करने के लिए कहा जाता है।इसी प्रकार के अलग-अलग मैसेज विभिन्न लिंकों के साथ भेजे जाते हैं। 
इसके अलावा कभी हमारे पास ऐसे मैसेज भी आते हैं, जिनमें गूगल वेरिफिकेशन (Google verification) करने के लिए कहा जाता है। कभी-कभी ऐसे मैसेज भी दिखाई देते हैं, जिनमें यह लिखा होता है कि आपने विशेष गिफ्ट कार्ड जीता है। जैसे ही आप दिए गए लिंक पर क्लिक करते हैं, आपसे अन्य जानकारियां मांगी जाती हैं, जिन्हें उपलब्ध कराते ही आप एक बड़े जाल में फंस जाते हैं।
हाल ही में हमारे जौनपुर में भी इस तरह के बैंक फ्रॉड (फर्जी एसएमएस के माध्यम से) के कुछ मामले सामने आए हैं। चूंकि डिजिटल भुगतान का चलन बढ़ रहा है, इसलिए ऐसे मामले और भी अधिक सामने आ रहे हैं। जौनपुर में यूनियन बैंक की रामनगर लाइन बाजार शाखा में कुछ ग्राहकों के खाते से लाखों रुपये की धनराशि बिना किसी सूचना के निकाल लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। अब धोखाधड़ी के नए तरीके भी सामने आने लगे हैं, जिसमें बताया गया है कि जालसाज आसानी से पीड़ित के मोबाइल डिवाइस का रिमोट एक्सेस (Remote access) ले सकता है और लेनदेन कर सकता है।  जालसाज पीड़ित को प्लेस्टोर (Playstore) या एपस्टोर (Appstore) से 'एनीडेस्क' (AnyDesk) नाम का एप डाउनलोड करने का झांसा देता है।'एनीडेस्क' के समान और भी ऐप हैं, जिन्हें डाउनलोड करने का झांसा दिया जाता है।पीड़ित के डिवाइस पर ऐप कोड (9 अंकों की संख्या) उत्पन्न होगी, जिसे जालसाज पीड़ित को साझा करने के लिए कहेगा। जैसे ही जालसाज इस ऐप कोड को अपने डिवाइस पर डालेगा, वैसे ही वह पीड़ित से कुछ अन्य अनुमतियां देने के लिए कहेगा। विभिन्न अनुमतियां प्राप्त होने के बाद जालसाज पीड़ित के डिवाइस तक पहुंच प्राप्त कर लेगा। इसके बाद जालसाज ग्राहक के डिवाइस पर पहले से इंस्टॉल मोबाइल एप के जरिए लेनदेन कर सकता है।
जालसाज पीड़ित को प्लेस्टोर (Playstore) या एपस्टोर (Appstore) से 'एनीडेस्क' (AnyDesk) नाम का एप डाउनलोड करने का झांसा देता है।'एनीडेस्क' के समान और भी ऐप हैं, जिन्हें डाउनलोड करने का झांसा दिया जाता है।पीड़ित के डिवाइस पर ऐप कोड (9 अंकों की संख्या) उत्पन्न होगी, जिसे जालसाज पीड़ित को साझा करने के लिए कहेगा। जैसे ही जालसाज इस ऐप कोड को अपने डिवाइस पर डालेगा, वैसे ही वह पीड़ित से कुछ अन्य अनुमतियां देने के लिए कहेगा। विभिन्न अनुमतियां प्राप्त होने के बाद जालसाज पीड़ित के डिवाइस तक पहुंच प्राप्त कर लेगा। इसके बाद जालसाज ग्राहक के डिवाइस पर पहले से इंस्टॉल मोबाइल एप के जरिए लेनदेन कर सकता है।  इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए हमारा सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है।यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि बैंक आपको कभी भी आपके खाते, पिन, पासवर्ड या व्यक्तिगत अथवा गोपनीय विवरण के लिए ई-मेल नहीं करता है। आईडी,पासवर्ड,कार्ड नंबर आदि को अपडेट या सत्यापित करने के लिए कहने वाले ई-मेल, मैसेज,कॉल आदि का कभी भी जवाब न दें।बैंक की साइट तक पहुँचने के लिए कभी भी किसी ई-मेल के किसी लिंक पर क्लिक न करें।किसी भी एप पर अपनी संवेदनशील जानकारी दर्ज न करें। जब भी आपको संदेहास्पद ईमेल या मैसेज आता है, जिनमें आपके बैंक के नाम और लोगो (Logo) का इस्तेमाल किया गया है, तो अपने बैंक को इस बारे में सूचित करें।नियमित तौर पर अपने बैंक अकाउंट को चेक करते रहें, ताकि समस्या का तुरंत पता चल सके।
इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए हमारा सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है।यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि बैंक आपको कभी भी आपके खाते, पिन, पासवर्ड या व्यक्तिगत अथवा गोपनीय विवरण के लिए ई-मेल नहीं करता है। आईडी,पासवर्ड,कार्ड नंबर आदि को अपडेट या सत्यापित करने के लिए कहने वाले ई-मेल, मैसेज,कॉल आदि का कभी भी जवाब न दें।बैंक की साइट तक पहुँचने के लिए कभी भी किसी ई-मेल के किसी लिंक पर क्लिक न करें।किसी भी एप पर अपनी संवेदनशील जानकारी दर्ज न करें। जब भी आपको संदेहास्पद ईमेल या मैसेज आता है, जिनमें आपके बैंक के नाम और लोगो (Logo) का इस्तेमाल किया गया है, तो अपने बैंक को इस बारे में सूचित करें।नियमित तौर पर अपने बैंक अकाउंट को चेक करते रहें, ताकि समस्या का तुरंत पता चल सके।  
  
संदर्भ:   
https://bit.ly/3xMTyTq  
https://bit.ly/3m23pSt  
https://bit.ly/3kosW80  
https://bit.ly/3Ip5r6T  
https://bit.ly/3Sq0iQD  
https://bit.ly/41lh33j  
  
चित्र संदर्भ  
1. फिशिंग को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)  
2. फेसबुक के नकली पेज को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)  
3. ऑनलाइन झांसे को दर्शाता एक चित्रण (Max Pixel)  
4. फिशिंग चेतावनी को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)    
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        