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वर्ष 2019 में जौनपुर में साइबर अपराध की कुल 183 घटनाएँ हुईं। यह भारत के 750 से ज्यादा जिलों में साइबर अपराधों के मामलों में 26 वीं श्रेणी पर आता है, साथ ही यह उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में साइबर अपराध में 10 वीं श्रेणी पर है। वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश में कुल साइबर अपराध 11,416 थे, जिनमें से 1.6% जौनपुर में हुए। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2019 में उत्तर प्रदेश के हर जिले में साइबर अपराधों की औसत संख्या 150 थी जो कि 2021 में घटकर 111 हो गई। 2021 में जौनपुर में साइबर अपराध की घटनाएं घटकर 77 हुई, जिससे यह भारत में साइबर अपराध की श्रेणी में 26 से गिरकर 105वें स्थान पर और उत्तर प्रदेश राज्य में 10 से 24 वें स्थान पर आ गया। साइबर अपराध की रोकथाम और रिपोर्टिंग की सुविधा के लिए हाल ही में जौनपुर जिले में एक नवनिर्मित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन का उद्घाटन किया गया है। वर्तमान में जिले में साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों की संख्या, प्रकृति और जटिलता को देखते हुए सरकार ने राज्य में अतिरिक्त साइबर पुलिस स्टेशन खोलने की योजना की घोषणा की थी।
 सूचना प्रौद्योगिकी जालसाजी, हैकिंग के माध्यम से धोखाधड़ी, सोशल मीडिया और एटीएम के माध्यम से धोखाधड़ी से संबंधित मामलों की जांच इन साइबर पुलिस स्टशनों द्वारा की जाएगी।
 उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ रहा था, आखिरकार 2021 में इन मामलों की संख्या में गिरावट आई। 2019 में उत्तर प्रदेश में 11,416 साइबर अपराध दर्ज किए गए, जबकि 2021 में यह संख्या लगभग 20% घटकर 8829 हो गई। प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के जिलों की सूची में शीर्ष स्थान पर है, जो की समूचे प्रदेश के 12% प्रतिशत से अधिक है।
 जिले ने 2021 में 1,073 मामलों की सूचना दी जो की वर्ष 2019 से लगभग 70% प्रतिशत अधिक है। हालांकि, सूची में अगले दो जिलों लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में क्रमशः 19% प्रतिशत की कमी के साथ 1067 व 72% प्रतिशत की कमी के साथ 699 मामले दर्ज हुए। सबसे अधिक व बार-बार होने वाले अपराधों में 5623 मामले कंप्यूटर जालसाज़ी से संबंधित थे, जो उत्तर प्रदेश में सभी साइबर अपराधों के 64% से अधिक के लिए जिम्मेदार थे जिनमें 1646 मामले अश्लील सामग्री के प्रसारण से सम्बन्धित थे, जो कि उत्तर प्रदेश में कुल साइबर अपराधों का 19% है।
 जिले ने 2021 में 1,073 मामलों की सूचना दी जो की वर्ष 2019 से लगभग 70% प्रतिशत अधिक है। हालांकि, सूची में अगले दो जिलों लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में क्रमशः 19% प्रतिशत की कमी के साथ 1067 व 72% प्रतिशत की कमी के साथ 699 मामले दर्ज हुए। सबसे अधिक व बार-बार होने वाले अपराधों में 5623 मामले कंप्यूटर जालसाज़ी से संबंधित थे, जो उत्तर प्रदेश में सभी साइबर अपराधों के 64% से अधिक के लिए जिम्मेदार थे जिनमें 1646 मामले अश्लील सामग्री के प्रसारण से सम्बन्धित थे, जो कि उत्तर प्रदेश में कुल साइबर अपराधों का 19% है।
 
                                         
                                         
                                         
                                        