अश्लील चलचित्र का इस डिजिटल युग में पड़ता है, सभी पर प्रभाव

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	अश्लील चलचित्र का इस डिजिटल युग में पड़ता है, सभी पर प्रभाव

आधुनिक युग में भारत को जो मुद्दे प्रभावित कर रहे हैं उनमें से एक यौन क्रांति का मुद्दा है जो राजनीतिक दलों और धार्मिक समूहों जैसे रूढ़िवादी और साथ ही उदारवादी शक्तियों के बीच बहस का विषय बन गया है। यह मुद्दा हमारे देश में, जहां संविधान में स्वतंत्रता और समानता की गारंटी दी गई है, नैतिक महत्व का विषय भी है। भारत में पॉर्नोग्राफी (Pornography) या अश्लील चलचित्र का वितरण और उत्पादन दोनों ही अवैध हैं। हालाँकि, निजी तौर पर पॉर्नोग्राफी तक लोगों की पहुँच अवैध नहीं है। हमारे देश में यौन-संबंधों पर बात करना भी अनैतिक माना जाता है; हालांकि, कई अश्लील वेबसाइटों (Websites) पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन पर वैश्विक स्तर पर अश्लील या पॉर्न चलचित्र (Porn Video) देखने के मामले में भारत सबसे आगे है। जैसे-जैसे भारत में स्मार्टफोन की संख्या बढ़ रही है, वैसे–वैसे पॉर्न चलचित्रों का चलन भी चरम सीमा पर पहुंच रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2019 में 89% लोगों ने मोबाइल उपकरणों के माध्यम से पॉर्न चलचित्र देखे। 2019 का यह आंकड़ा 2017 के आंकड़े की तुलना में 3% अधिक था। वयस्क मनोरंजन के लिए प्रसिद्ध ‘पॉर्नहब’ (Pornhub) वेबसाइट के अनुसार, विश्व में प्रत्येक चार में से तीन लोग अपने मोबाइल पर ही पॉर्न चलचित्र देखते हैं तथा अब लोगों द्वारा डेस्कटॉप (Desktop) और लैपटॉप (Laptop) जैसे उपकरण पॉर्न चलचित्र देखने के लिए कम इस्तेमाल किए जाते हैं। वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार 2019 में, वैश्विक स्तर पर इस वेबसाइट का उपयोग करने के लिए 77% मामलों में मोबाइल का प्रयोग किया गया था। और 2018 की तुलना में 2019 के इस आंकड़े में 10% की वृद्धि हुई थी।
मोबाइल पर पॉर्न चलचित्र देखने का चलन पॉर्नहब वेबसाइट के अलावा कुछ अन्य प्रमुख वेबसाइटों पर भी देखा गया है। भारत में स्मार्टफोन पर पॉर्न चलचित्र की बढ़ती खपत कम कीमतों पर उपलब्ध डेटा प्लान (Data Plan) या मोबाईल रिचार्ज (Mobile Recharge) के साथ-साथ स्मार्टफोन की कीमतों में आई कमी के कारण भी है जिसके कारण भारत में 450 दशलक्ष से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के लिए इंटरनेट तक पहुंच आसान हो गई है। भारत में प्रति स्मार्टफोन औसतन 9.8 GB प्रति माह के हिसाब से, दुनिया में सबसे अधिक डेटा का उपयोग होता है, जो 2024 तक दोगुना यानी 18GB होने की संभावना है। और तो और 2021 में भारत का कुल इंटरनेट उपयोगकर्ता वर्ग 829 दशलक्ष हो चुका था । 2017 के अंत में भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या लगभग 48.1 करोड़ थी। 91.8 करोड़ ग्रामीण आबादी में से 18.6 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे थे। जबकि 45.5 करोड़ शहरी आबादी में से 29.5 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते थे। जरा सोचिए ये संख्या आज कितनी बढ़ गई होगी! यदि आप गूगल (Google) पर खोजेंगें तो पाएंगे कि आज भारत की लगभग 44% आबादी द्वारा सक्रिय रूप से इंटरनेट का उपयोग किया जाता है और इस कार्य के लिए भी आपको इंटरनेट का ही उपयोग करना पड़ेगा !
दूरसंचार पोर्टल ‘द मोबाईल इंडियन’ (The Mobile Indian) की 2012 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 9 दशलक्ष से अधिक भारतीय अपने मोबाइल फोन पर प्रतिबंधित अश्लील चलचित्र डाउनलोड करके देखते थे। हालांकि, इस रिपोर्ट में उन लाखों लोगों का जिक्र तक नहीं है जो, फोन के अलावा ‘पॉर्न बाजार’ या ‘पॉर्न विक्रेताओं’ से खरीदी गई डीवीडी (DVD) के माध्यम से पॉर्न चलचित्र देखते थे। तो आप अंदाजा लगाइए कि यदि 2012 में ही यह स्थिति थी तो आज भर्ती इंटरनेट सुविधाओं के साथ अश्लील चलचित्र देखने के विषय में क्या स्थिति होगी?
आज वास्तविक या फिल्मित बलात्कार, कौटुंबिक व्यभिचार, बाल यौन शोषण और हिंसक यौन संबंधों को दर्शाने वाले सबसे घृणित चलचित्र लगभग हर मोबाइल की दुकान पर या कुछ ‘पॉर्न विक्रेताओं’ के साथ-साथ साइबर कैफे (Cyber Cafe) या फुटपाथ फेरी वालों के पास तक मेमोरी कार्ड (Memory card) या पेन ड्राइव (Pen drive) पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं।
अतः प्रश्न उठता है कि क्या भारतीय लोग यौन हिंसा के चित्रण के लिए एक विकृत आकर्षण साझा करते हैं? ‘गूगल ऐडवर्ड्स’ (Google AdWords) के अनुसार, 2012 में ‘बलात्कार चलचित्र’ (Rape Video)शब्द के साथ गूगल पर खोज करने के लिए एक महीने में औसतन 4.1 दशलक्ष बार मोबाइल फोन का उपयोग किया गया था। और इस के चलचित्रों में लोगों को हिंसक एवं घृणास्पद बलात्कार की भी चाह थी, जो अत्यंत शर्मनाक है।फरवरी 2013 में, मैसूर स्थित ‘नैतिक चेतना’ पर आधारित एक संघ, ‘रेस्क्यू’ (Rescue) द्वारा 964 विद्यार्थियों के साथ किए गए सर्वेक्षण का निष्कर्ष था कि सभी पुरुष छात्रों में से 75% नियमित रूप से पॉर्न चलचित्र देखते थे। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि मोबाइल फोन पर अश्लील चलचित्र देखने में लड़कियों की तुलना में लड़कों की संख्या छह गुना अधिक होने की संभावना थी। आज तो स्थिति यह है कि छोटे बच्चों के पास भी 20 करोड़ से अधिक अश्लील चलचित्र और ग्राफिक तथा हिंसक, क्रूर, विचलित करने वाली और विनाशकारी सामग्री के चलचित्र उपलब्ध हैं, जिससे भारतीय समाज गंभीर संकट में है।
आज जब महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों की बात आती है तो स्मार्टफोन और सस्ते डेटा प्लान इन अपराधों में नवीनतम सहायक बन गए हैं। यौन अपराधों के कई गुनहगारों ने स्वीकार किया है कि वे अपराध करने के लिए पॉर्न चलचित्रों से प्रेरित हुए थे। और कुछ रिपोर्ट्स में यह सामने भी आया है कि ऐसे कई अपराधों को अंजाम देने से पहले अपराधियों ने अश्लील चलचित्र देखे थे। अब यह सोचने वाली बात है कि पॉर्न चलचित्र भारत के लिए कितना खतरनाक साबित हो रहे हैं।
पॉर्न चलचित्रों का बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के दिमाग पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हम ऐसे बलात्कार जैसे यौन अपराधों के मामलों में वृद्धि देख रहें है, जहां आरोपी 15 से 17 वर्ष की आयु के हैं। यह एक ऐसी उम्र है, जब यौन जिज्ञासा तो बहुत होती है, किंतु यौन समझ बहुत कम होती है। इसलिए, ऐसे अपराधी टेलीविजन और इंटरनेट जैसे विभिन्न स्रोतों से जो कुछ भी यौन सामग्री जुटा सकते हैं, इकट्ठा करते हैं। वे इस आधी-अधूरी जानकारी को कुछ अर्थ देते हैं और इस तरह के अपराध करने के लिए उत्साहित हो जाते हैं। यदि बच्चों का मस्तिष्क जो शीघ्र प्रभावित हो जाता है, पॉर्न चलचित्रों का आदी हो जाता है, तो यह अपराध को जन्म दे सकता है। आज, कोई भी फोन में एक क्लिक करके अश्लील सामग्री तक पहुंच सकता हैं। इससे युवा पॉर्न चलचित्रों के आदी हो रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप यौन अपराधों में वृद्धि हो रही है। यह अपराध की लत धीरे-धीरे महामारी बनती जा रही है और यह एक चिंता का विषय है।
हालांकि हम इसे रोकने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं। हम कुछ अश्लील वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। माता-पिता अपने छोटे बच्चों पर कड़ी निगरानी रख सकते हैं। साथ ही, विद्यालयों में यौन शिक्षा अनिवार्य कर देनी चाहिए। शायद इससे इस परिदृश्य को बदलने में हमें मदद मिले…

संदर्भ
https://bit.ly/3o1gexr
https://bit.ly/41oJZHc
https://bit.ly/3UtumvM
https://bit.ly/41iggA5

चित्र संदर्भ
1. कंप्यूटर चलाते व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. एक पोर्न वेबसाइट पोर्न हब द्वारा भारत में पोर्न देखने वालों की संख्या के आंकड़ों को दर्शाता एक चित्रण (indiatoday)
3. कंप्यूटर चलाते भारतीय को दर्शाता एक चित्रण ( Wallpaper Flare)
4. मोबाइल चलाते भारतीय युवा को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
5. पोर्न प्रतिबन्ध को दर्शाता चित्रण (wikimedia)