'विघ्न हरण मंगल करण',श्री गणपति को प्रथम निमंत्रण:अमेरिका के मंदिरों में भक्ति व् दर्शन

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
12-07-2023 09:44 PM
Post Viewership from Post Date to 17- Aug-2023 31st
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
2465 632 0 3097
* Please see metrics definition on bottom of this page.
'विघ्न हरण मंगल करण',श्री गणपति को प्रथम निमंत्रण:अमेरिका के मंदिरों में भक्ति व् दर्शन

क्या आप जानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 4 मिलियन भारतीय रहते हैं। इतनी बड़ी भारतीय जनसंख्या होने के कारण वहां पर सनातन धर्म की लोकप्रियता भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। और यही लोकप्रियता वहां पर हिंदू देवताओं और मंदिरों के विकास को भी प्रेरित कर रही है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू धर्म, देश का तीसरा सबसे बड़ा धर्म माना जाता है। वहाँ पर अनुयायियों के मामले में हिंदू धर्म भी बौद्ध धर्म, इस्लाम और यहूदी धर्म के बराबर है। अमेरिका में हिंदुओं की आबादी लगभग 1% है। अधिकांश अमेरिकी हिंदू, दक्षिण एशिया, मुख्य रूप से भारत से आए अप्रवासी हैं। कुछ हिन्दू नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों से भी यहाँ पहुंचे हैं। यहां कैरेबियन (Caribbean), दक्षिण पूर्व एशिया, कनाडा, ओशिनिया (Oceania), अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व और अन्य देशों से आए हिंदू भी रहते हैं। अप्रवासियों के अलावा, ऐसे अमेरिकी भी हैं जिन्होंने धर्म परिवर्तन के बाद हिंदू धर्म अपना लिया है। जनसांख्यिकी के संदर्भ में, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 15 लाख हिंदू रहते हैं, जो कुल जनसंख्या का लगभग 0.5% है। एशियाई अमेरिकियों में, जो अमेरिकी आबादी का 5.8% हैं, लगभग 10% हिंदू धर्म का पालन करते हैं। अमेरिका में अधिकांश हिंदू अप्रवासी (87%) हैं, जबकि 9% अप्रवासियों के बच्चे हैं, और 10% हिंदू धर्म में परिवर्तित हो गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदुओं की उपस्थिति 1965 के आप्रवासन और राष्ट्रीयता अधिनियम तक बहुत सीमित थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका में अन्य धार्मिक समुदायों की तुलना में हिंदू-अमेरिकियों में शिक्षा का स्तर काफ़ी उच्च माना जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि अमेरिकी आव्रजन नीतियां, अत्यधिक कुशल और शिक्षित प्रवासियों का खुले दिल से स्वागत करती हैं। इसके अलावा हिंदू धर्म की कई अवधारणाएं और प्रथाएं, जैसे कि ध्यान, कर्म, आयुर्वेद, पुनर्जन्म की विचारधारा और योग आदि भी अमेरिकी संस्कृति में काफी प्रसिद्ध और स्वीकृत हो गये हैं। 2009 में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि 24% अमेरिकी पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं, जो हिंदू धर्म में एक मौलिक अवधारणा है। हिंदू धर्म में शाकाहार और अहिंसा से जुड़े मूल्य भी अमेरिका में अधिक लोकप्रिय हो रहे हैं। हिंदू संस्कृति और विरासत की मान्यता में, अमेरिका के न्यू जर्सी राज्य (New Jersey State) ने विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से अक्टूबर को हिंदू विरासत माह के रूप में घोषित किया। आनंदीबाई जोशी, एक हिंदू महिला थीं जिनके बारे में माना जाता है कि वह भारत से अमेरिका आने वाली पहली हिंदू महिला थीं। वह जून 1883 में 19 वर्ष की आयु में न्यूयॉर्क (New York) पहुंचीं थीं। 11 मार्च, 1886 को, उन्होंने पेंसिल्वेनिया (Pennsylvania) के महिला मेडिकल कॉलेज से मेडिकल डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इससे वह संयुक्त राज्य अमेरिका में पश्चिमी चिकित्सा की डिग्री के साथ स्नातक होने वाली दक्षिण एशियाई मूल की पहली महिला बन गईं। 1893 में, भारत के प्रमुख हिंदू आध्यात्मिक नेता स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (Chicago) में विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म के बारे में भाषण दिया। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू धर्म के बारे में शुरुआती रूप से सबसे महत्वपूर्ण चर्चाओं में से एक थी। स्वामी विवेकानन्द ने अमेरिका में दो साल बिताए और डेट्रॉयट (Detroit), बोस्टन (Boston) और न्यूयॉर्क जैसे शहरों में कई प्रभावशाली व्याख्यान दिए। एक अन्य हिंदू दार्शनिक, स्वामी राम तीर्थ ने भी 1902 में अमेरिका का दौरा किया और वेदांत के दर्शन के बारे में व्याख्यान देते हुए दो साल बिताए। 1920 में, परमहंस योगानंद ने बोस्टन में आयोजित धार्मिक उदारवादियों की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू धर्म की लोकप्रियता और हिंदुओं की बढ़ती संख्या के कारण वहाँ पर मंदिरों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है। रॉबिंसविल, न्यू जर्सी (Robbinsville, New Jersey) में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर को भारत के बाहर सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है। वेदांत सोसाइटी (Vedanta Society) ने संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे पुराने मंदिरों का निर्माण किया, जिसकी शुरुआत 1905 में सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) में पुराने मंदिर से हुई थी। हालाँकि, इन मंदिरों को औपचारिक मंदिर नहीं माना जाता था। कैलिफोर्निया के कॉनकॉर्ड (Concord Of California) में शिव कार्तिकेय मंदिर को अमेरिका का सबसे पहला पारंपरिक मंदिर माना जाता है, जिसे 1957 में बनाया गया था। इसे पलानीसामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान में, संयुक्त राज्य भर में 1450 से अधिक हिंदू मंदिर हैं। उनमें से अधिकांश पूर्वी तट पर स्थित हैं। टेक्सस और मैसाचुसेट्स (Texas And Massachusetts) में भी बड़ी संख्या में मंदिर दिखाई देते हैं। न्यूयॉर्क शहर के फ्लशिंग में द हिंदू टेम्पल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (The Hindu Temple Society Of North America In Flushing) के स्वामित्व वाले महा वल्लभ गणपति देवस्थानम को 4 जुलाई, 1977 को प्रतिष्ठित किया गया था। इस मंदिर को उत्तरी अमेरिका का पहला प्रामाणिक हिंदू मंदिर माना जाता है, जिसे भारत से आयातित पारंपरिक ग्रेनाइट पत्थरों से बनाया गया है। यह मंदिर न्यूयॉर्क शहर में 45-57 बोवेन स्ट्रीट, फ्लशिंग, क्वींस (45-57 Bowen Street, Flushing, Queens) में स्थित है।
यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है, और यह न्यूयॉर्क मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण और वर्तमान में इसका प्रबंधन द हिंदू टेम्पल सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका द्वारा किया जाता है, जो एक गैर-लाभकारी धार्मिक संस्था है। इस मंदिर को 1977 में खोला गया था और यह संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय प्रवासियों द्वारा बनाया गया दूसरा हिंदू मंदिर था। भारतीय मूल की उमा मैसूरकर, 1994 से मंदिर के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। मंदिर में भगवान गणेश, वेंकटेश्वर, लक्ष्मी, शिव, पार्वती, दुर्गा, सरस्वती, हनुमान और कई अन्य सहित विभिन्न देवताओं की मूर्तियां दिखाई देती हैं। यह मंदिर पूर्व रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च (Russian Orthodox Church) की भूमि पर बनाया गया था। प्रारंभ में, 1977 में वर्तमान मंदिर संरचना के पूरा होने तक दैनिक अनुष्ठान और सप्ताहांत सेवाएं स्वयंसेवी पुजारियों द्वारा एक छोटे फ्रेम हाउस (Frame House) में आयोजित की जाती थीं। अभिषेक समारोह के हिस्से के रूप में, मद्रास के एक प्रसिद्ध सिद्ध श्री पंड्रिमलाई स्वामीगल द्वारा तैयार किए गए छब्बीस धन्य यंत्र (पवित्र ज्यामितीय चित्र) स्थापित किए गए थे। इसका निर्माण कार्य 1977 में पूरा हुआ, और मंदिर की प्रतिष्ठा 4 जुलाई, 1977 को अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की गई थी। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक हिंदू मंदिर डिजाइनों, खासकर दक्षिण भारत में पाए जाने वाले मंदिरों से प्रभावित नज़र आती है। मंदिर का बाहरी भाग दक्षिण भारतीय मंदिर वास्तुकला की विशिष्ट विशेषताओं को दर्शाता है। 1998 में, मंदिर में एक गणेश पाठशाला का उद्घाटन किया गया। यह पाठशाला युवाओं को गणित, भाषा विज्ञान, धर्म, भजन (भक्ति गीत) और नृत्य जैसे विषयों की कक्षाएं प्रदान करती है। मंदिर के आध्यात्मिक महत्व को नवीनीकृत करने के लिए 2009 में इसका पुनर्निर्माण भी किया गया था।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mrf6sk3r
https://tinyurl.com/24v5y3fd
https://tinyurl.com/2uarmedb
https://tinyurl.com/ye596rbu

चित्र संदर्भ
1. कैलिफोर्निया के कॉनकॉर्ड में शिव कार्तिकेय मंदिर के डिज़ाइन को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. देश के अनुसार हिंदू धर्म के प्रसार को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. बीएपीएस ह्यूस्टन मंदिर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. रॉबिन्सविले, न्यू जर्सी में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर परिसर, भारत के बाहर सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
5. उत्तरी अमेरिका की हिंदू मंदिर सोसायटी के बाहरी भाग को दर्शाता चित्रण (wikimedia)