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लखनऊ में लिथियम-आयन बैटरियाँ (Lithium Ion Batteries) हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गई हैं। ये बैटरियाँ स्मार्टफ़ोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और इनवर्टर जैसे उपकरणों को ऊर्जा देती हैं। इनकी मदद से हमारा जीवन और आसान और सुविधाजनक हो गया है। चाहे इलेक्ट्रिक रिक्शा से सफ़र करना हो, मोबाइल चलाना हो, या बिजली कटने पर इनवर्टर का इस्तेमाल करना हो, लिथियम-आयन बैटरियों की ज़रूरत हर जगह पड़ती है। इन बैटरियों को बनाने में सबसे ज़रूरी तत्व लिथियम होता है। यह एक हल्का और असरदार धातु है, जो बैटरी को तेज़ चार्ज करने और लंबा चलने में मदद करता है। इसी वजह से यह आज की ऊर्जा तकनीक का एक बेहद अहम हिस्सा बन गया है।
आज हम बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले मुख्य तत्वों के बारे में जानेंगे। सबसे पहले, हम लिथियम-आयन बैटरियों के ऐनोड और कैथोड में प्रयोग होने वाली सामग्रियों के बारे में बात करेंगे। फिर, दुनिया के चार सबसे बड़े लिथियम भंडारों के बारे में जानेंगे, जो बढ़ती ऊर्जा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बेहद ज़रूरी हैं। इसके बाद, हम भारत में लिथियम आयात से जुड़े अहम पहलुओं को समझेंगे और जानेंगे कि हमारा देश लिथियम की आपूर्ति के लिए किन देशों पर निर्भर है। आखिर में, हम भारत में मौजूद लिथियम भंडारों की स्थिति पर नज़र डालेंगे।
बैटरियों का परिचय
बैटरियाँ, हर तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाई जाती हैं, लेकिन एक समय के बाद इन्हें फेंकना ज़रूरी हो जाता है। कुछ बैटरियों में ज़हरीले और प्रतिक्रिया करने वाले तत्व होते हैं, इसलिए इन्हें सावधानी से फेंकना चाहिए ताकि पर्यावरण और इंसानों को नुकसान न पहुँचे।
अधिकतर बैटरियों में कैडमियम, सीसा (Lead), ज़िंक (Zinc) , मैंगनीज़ (Manganese), निकल (Nickel), चाँदी (Silver), पारा (Mercury) और लिथियम जैसी धातुएँ होती हैं। अगर इन बैटरियों को गलत तरीके से फेंका जाए, तो इनमें मौजूद ज़हरीले तत्व मिट्टी और पानी को दूषित कर सकते हैं, जिससे इंसानों और जानवरों को नुकसान हो सकता है। खासकर पारा और कैडमियम (Cadmium) कचरे को जलाने की प्रक्रिया में हवा में मिल सकते हैं और साँस के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
लिथियम-आयन बैटरियों में ऐनोड और कैथोड में कौन-कौन से पदार्थ इस्तेमाल होते हैं?
लिथियम-आयन बैटरियों में ऐनोड (Anode) और कैथोड (Cathode) अलग-अलग सामग्रियों से बनाए जाते हैं। कैथोड आमतौर पर धातु ऑक्साइड (Metal Oxide) से बनता है। लिथियम-आयन बैटरियों में इस्तेमाल होने वाले सबसे सामान्य कैथोड में लिथियम कोबाल्ट ऑक्साइड (Lithium Cobalt Oxide) (LiCoO2), लिथियम मैंगनीज़ ऑक्साइड (Lithium Magnese Oxide)(LiMn2O4), लिथियम आयरन फॉस्फेट (Lithium Iron Phosphate)(LiFePO4 या LFP) और लिथियम निकल मैंगनीज़ कोबाल्ट ऑक्साइड (Lithium Nickle Magnese Cobalt Oxide ) (LiNiMnCoO2 या NMC) शामिल हैं। ये सामग्रियाँ बैटरी को अलग-अलग स्तर की ऊर्जा क्षमता, गर्मी सहने की ताकत और लागत में संतुलन प्रदान करती हैं।
ऐनोड, आमतौर पर कार्बन से बनाए जाते हैं। इसमें ग्रैफ़ाइट, सिलिकॉन या दोनों का मिश्रण होता है। ग्रैफ़ाइट सबसे ज़्यादा उपयोग होने वाला ऐनोड सामग्री है, क्योंकि यह बिजली को अच्छे से प्रवाहित करता है, सस्ता होता है और मज़बूत होता है। सिलिकॉन ऐनोड अधिक ऊर्जा स्टोर कर सकता है, लेकिन इसका आकार बदलने की समस्या होती है, जिससे बैटरी जल्दी खराब हो सकती है। कई बार ग्रैफ़ाइट में थोड़ी मात्रा में सिलिकॉन मिलाया जाता है, ताकि बैटरी की क्षमता और प्रदर्शन बेहतर हो सके।
कैथोड बनाने में इस्तेमाल होने वाली धातुएँ और सामग्री एक लिथियम बैटरी सेल की कुल लागत का लगभग 30-40% होती हैं, जबकि ऐनोड सामग्री आमतौर पर कुल लागत का 10-15% होती है।
दुनिया के चार सबसे बड़े लिथियम भंडार
दुनिया में कई देश लिथियम का उत्पादन करते हैं और वहाँ कई बड़ी लिथियम कंपनियाँ भी मौजूद हैं। इन देशों में लिथियम के बड़े भंडार हैं, जिससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में वे लिथियम उत्पादन में कितना आगे बढ़ सकते हैं।
1. चिली (Chile)
लिथियम भंडार: 9.3 मिलियन मेट्रिक टन
चिली के पास दुनिया में सबसे ज़्यादा लिथियम भंडार हैं, जो 9.3 मिलियन मेट्रिक टन के करीब हैं। कहा जाता है कि चिली के पास दुनिया के सबसे अधिक आर्थिक रूप से निकाले जाने योग्य लिथियम भंडार हैं। यहाँ का सालार डी अटकामा इलाका दुनिया के लगभग 33% लिथियम भंडार को समेटे हुए है। साल 2023 में चिली 44,000 मेट्रिक टन लिथियम उत्पादन के साथ दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश था। चिली में प्रमुख लिथियम उत्पादक कंपनियाँ एस क्यू एम (SQM) और अल्बेमार्ले (Albemarle) हैं, जिनकी खदानें, सालार डी अटकामा में स्थित हैं।
अप्रैल 2023 में, चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक ने देश की लिथियम उद्योग को आंशिक रूप से राष्ट्रीयकृत करने की योजना की घोषणा की। उनका मानना था कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी और पर्यावरण की रक्षा भी होगी। चिली की सरकारी खनन कंपनी कोडेलको (Codelco) ने एस क्यू एम और अल्बेमार्ले की लिथियम खदानों में बड़े हिस्से के लिए समझौता किया है, जिससे सरकार को यहाँ की खदानों पर अधिक नियंत्रण मिलेगा।
2. ऑस्ट्रेलिया (Australia)
लिथियम भंडार: 4.8 मिलियन मेट्रिक टन
ऑस्ट्रेलिया के पास 4.8 मिलियन मेट्रिक टन लिथियम भंडार हैं, जो मुख्य रूप से वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं। चिली और अर्जेंटीना के लिथियम भंडार से अलग, यहाँ लिथियम कठोर चट्टानों में स्पोड्यूमीन खनिज के रूप में मौजूद होता है।
भले ही ऑस्ट्रेलिया लिथियम भंडार के मामले में चिली से पीछे है, लेकिन 2023 में यह दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक देश था। यहाँ कई लिथियम खदानें सक्रिय हैं, जिनमें ग्रीनबुशेस लिथियम खदान प्रमुख है। इस खदान का संचालन टैलिसन लिथियम (Talison Lithium) नाम की कंपनी करती है, जो तियानकी लिथियम (Tianqi Lithium), आई जी ओ (IGO) और अल्बेमार्ले की संयुक्त भागीदारी में चलती है। यह खदान, 1985 से लिथियम उत्पादन कर रही है।
हाल ही में लिथियम की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे ऑस्ट्रेलिया की कुछ लिथियम कंपनियों को अपनी परियोजनाएँ रोकनी पड़ी हैं। आर्केडियम लिथियम (Arcadium Lithium) और कोर लिथियम (Core Lithium) जैसी कंपनियों ने अपने खनन कार्य अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं और बाज़ार में हालात सुधरने का इंतज़ार कर रही हैं।
3. अर्जेंटीना (Argentina)
लिथियम भंडार: 3.6 मिलियन मेट्रिक टन
अर्जेंटीना के पास 3.6 मिलियन मेट्रिक टन लिथियम भंडार हैं, जिससे यह इस सूची में तीसरे स्थान पर आता है। अर्जेंटीना, चिली और बोलीविया को मिलाकर “लिथियम ट्रायंगल” कहा जाता है, क्योंकि यहाँ दुनिया के आधे से अधिक लिथियम भंडार स्थित हैं। अर्जेंटीना दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक देश भी है, जिसने 2023 में 9,600 मेट्रिक टन लिथियम का उत्पादन किया।
मई 2022 में, अर्जेंटीना सरकार ने अपने लिथियम उद्योग में अगले तीन सालों में 4.2 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई, ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके। अप्रैल 2024 में, सरकार ने अर्गोसी मिनरल्स (Argosy Minerals) को साल्टा क्षेत्र में अपनी लिथियम उत्पादन क्षमता बढ़ाने की अनुमति दी, जिससे वार्षिक उत्पादन 2,000 मेट्रिक टन से बढ़कर 12,000 मेट्रिक टन हो जाएगा।
फ़ास्टमार्केटस (Fastmarkets) की रिपोर्ट के अनुसार, अर्जेंटीना में लगभग 50 उन्नत लिथियम खनन परियोजनाएँ चल रही हैं। लिथियम अर्जेंटीना कंपनी के उपाध्यक्ष इग्नासियो सेलोरो के अनुसार, अर्जेंटीना का लिथियम उत्पादन कम कीमत वाले बाज़ार में भी प्रतिस्पर्धी बना हुआ है।
4. चीन (China)
लिथियम भंडार: 3 मिलियन मेट्रिक टन
चीन के पास 3 मिलियन मेट्रिक टन लिथियम भंडार हैं। यहाँ लिथियम अलग-अलग प्रकार के खदानों में पाया जाता है, जिसमें लिथियम ब्राइन सबसे प्रमुख है। इसके अलावा, यहाँ स्पोड्यूमीन (spodumene) और लेपिडोलाइट (Lepidolite) जैसी कठोर चट्टानों में भी लिथियम मौजूद है।
2023 में, चीन ने 33,000 मेट्रिक टन लिथियम का उत्पादन किया, जो पिछले साल की तुलना में 7,400 मेट्रिक टन ज़्यादा था। हालाँकि चीन लिथियम का उत्पादन बढ़ाने में लगा हुआ है, लेकिन अभी भी वह अपनी बैटरियों के लिए ज़्यादातर लिथियम ऑस्ट्रेलिया से आयात करता है।
चीन में लिथियम की भारी खपत होती है, क्योंकि यह इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में अग्रणी है। दुनिया की ज़्यादातर लिथियम-आयन बैटरियाँ चीन में ही बनाई जाती हैं, और यहाँ प्रमुख लिथियम प्रसंस्करण सुविधाएँ भी स्थित हैं।
अक्टूबर 2024 में, अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने चीन पर आरोप लगाया कि वह लिथियम की कीमतें गिराकर वैश्विक बाज़ार से अन्य प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका के आर्थिक विकास और ऊर्जा मामलों के अवर सचिव जोस फर्नांडीज ने कहा, “वे मूल्य को जानबूझकर कम रखते हैं, जब तक कि बाकी प्रतिस्पर्धी बाहर न हो जाएँ। यही अभी हो रहा है।”
भारत में लिथियम आयात के मुख्य संकेतक
भारत ने मार्च 2023 से फ़रवरी 2024 तक, 54,402 लिथियम शिपमेंट्स आयात किए हैं। ये शिपमेंट्स 3,139 विदेशी निर्यातकों द्वारा 1,669 भारतीय खरीदारों को आपूर्ति की गई। पिछले 12 महीनों की तुलना में इसमें 19% की वृद्धि हुई है। फ़रवरी 2024 में अकेले भारत ने 4,758 लिथियम शिपमेंट्स आयात किए। यह फ़रवरी 2023 की तुलना में 96% की सालाना वृद्धि है, और जनवरी 2024 की तुलना में -5% का मामूली बदलाव है।
भारत अपना अधिकांश लिथियम चीन, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका से आयात करता है।
दुनिया भर में लिथियम के प्रमुख आयातक देश भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम हैं। भारत लिथियम आयात में सबसे आगे है, जिसमें 273,470 शिपमेंट्स आयात किए गए हैं, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका 169,924 शिपमेंट्स के साथ दूसरे नंबर पर है, और वियतनाम 153,502 शिपमेंट्स के साथ तीसरे नंबर पर है।
भारत में लिथियम के भंडार
लिथियम एक मुलायम, चांदी जैसा सफ़ेद धातु है और यह रिचार्जेबल बैटरियों (Rechargeable Batteries) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जैसे मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरे और इलेक्ट्रिक वाहन। इसे कुछ नॉन-रिचार्जेबल बैटरियों में भी उपयोग किया जाता है, जैसे दिल के पेसमेकर, खिलौने और घड़ियाँ।
भारत सरकार की भूतत्व सर्वेक्षण संस्था (GSI) ने भारत के इतिहास में पहली बार जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में 5.9 मिलियन टन लिथियम संसाधनों का अनुमानित भंडार पाया था।
भारत के पहले लिथियम भंडार के कुछ महीनों बाद, भूतत्व सर्वेक्षण संस्था ने राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में एक और लिथियम का भंडार पाया है। ये भंडार जम्मू और कश्मीर में पाए गए भंडार से कहीं अधिक बड़े होने का अनुमान है और यह देश की कुल लिथियम मांग का 80% पूरा कर सकते हैं।
संदर्भ
मुख्य चित्र : पैनासॉनिक (Panasonic) की CR123A नामक एक लिथियम-आयन बैटरी (Wikimedia)