क्या रहा समयसीमा के अनुसार, अब तक प्रारंग और लखनऊ का सफर

उत्पत्ति : 4 अरब ई.पू. से 0.2 लाख ई.पू.
21-07-2020 08:30 AM
क्या रहा समयसीमा के अनुसार, अब तक प्रारंग और लखनऊ का सफर

प्रारंग शहर की स्थानीय भाषा में विभिन्न शहरों/स्थानों की संस्कृति और प्रकृति पर हर रोज उपयोगी अंतर्दृष्टि प्रदान करके, संस्कृति - प्रकृति संतुलित करने का उद्देश्य रखता है। हम शहर विशेष की संस्कृति और प्रकृति के संदर्भ में दुनिया के अन्य हिस्सों के साथ शहर के संसर्गों पर शोध करते हैं और उन्हें प्रस्तुत करते हैं। प्रारंग के लेखों की रूपरेखा में, हमने प्रकृति और संस्कृति दोनों का ही निम्नलिखित 6 (प्रत्येक में 3) भागों के माध्यम से प्रतिनिधित्व किया है:

संस्कृति

1. समयसीमा : इस बिंदु में पृथ्वी की शुरुआत से लेकर अब तक के समयकाल के बारे में बहुत से नये तथ्यों का पता चलेगा। हम दुनिया भर में सभ्यताओं के विकास के संश्रय में हमारे विशिष्ट शहर के विकास का पता लगाते हैं।

2. मानव व उनकी इन्द्रियाँ : शहर के संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, हम मनोरंजन और संवर्धन की वस्तुओं और मानव आवश्यकता की गतिविधियों के विकास का पता लगाते हैं, जो ध्वनि, गंध, स्पर्श, स्वाद, दृष्टि और विचार के रूप में मानव अपनी इंद्रियों के माध्यम से अनुभव करते हैं।

3. मानव व उसके अविष्कार : हम दस्तकारी और औद्योगिक उत्पादों और सेवाओं में हुए आविष्कारों और नवाचारों का पता लगाते हैं, क्यूंकि इनके द्वारा ही दुनिया ने विभिन्न सभ्यताओं की वृद्धि देखी है।

प्रकृति

1. भूगोल : प्रकृति के इस बिंदु में हम अपने शहर और विश्व के भूगोल के बारे में प्राप्त जानकारियों को संदर्भित करते हैं। यह भाग पृथ्वी पर मौजूद स्थानों की प्राकृतिक विषेशताओं पर रौशनी ड़ालता है जैसे नदियाँ, समुद्र, जंगल इत्यादि।

2. जीव–जन्तु : जीव-जन्तु प्रकृति का एक अहम हिस्सा होते हैं। प्रारंग के प्रकृति खण्ड के इस भाग में जानिए अपने शहर और विश्व भर में पाये जाने वाले जीव-जन्तुओं से जुडी रोचक जानकारी का वर्णन।

3. वनस्पति : पेड़-पौधों अथवा वनस्पति लोक का अर्थ, किसी क्षेत्र का वनस्पति जीवन या भूमि पर मौजूद पेड़-पौधे और इसका संबंध किसी विशिष्ट जाति, जीवन के रूप, रचना, स्थानिक प्रसार या अन्य वानस्पतिक या भौगोलिक गुणों से है।


क्या रहा समयसीमा के अनुसार, अब तक प्रारंग और लखनऊ का सफर


1. शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

आश्चर्यों से भरा है हमारी पृथ्‍वी का जन्म

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3156/The-birth-of-our-earth-is-full-of-surprises


2. जन: 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

मानव के क्रमिक विकास के साक्ष्य

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/1387/postname


3. सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

लखनऊ के करीब मिले लौह युगीन सभ्यता के प्रमाण

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3763/Evidence-of-Iron-Age-Civilization-found-near-Lucknow


4. ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

लखनऊ से प्राप्त हुए भिन्न प्राचीन सभ्यताओं के सबूत

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/1376/postname


5. धर्म का उदयः 600 ईसापूर्व से 300 ईस्वी तक

कौन से महाजनपद का भाग था हमारा लखनऊ?

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/1353/postname


6. छोटे राज्य 300 ईस्वी से 1000 ईस्वी तक

लखनऊ और गुर्जर प्रतिहार का सम्बन्ध

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/1364/postname


7. मघ्यकाल के पहले : 1000 ईस्वी से 1450 ईस्वी तक

लखनऊ और तुर्की में मशहूर मुल्ला नसीरुद्दीन की नैतिक कहानियाँ

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/1273/postname


8. मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

लखनऊ की छत्तर मंज़िल से प्राप्त हुई दो सौ वर्ष पुरानी नाव

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/3298/The-200-year-old-gondola-found-at-the-chattar-manzil--lucknow


9. उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

पुस्तक 'कोर्टेसन्स ऑफ़ लखनऊ' का संक्षिप्त वर्णन

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/2501/Brief-description-of-book-Cortesons-of-Lucknow


10. आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

क्यों, कब और कैसे बना लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी

लिंक - https://prarang.in/lucknow/posts/1390/postname


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