कहानी टेलिस्कोप की

दृष्टि I - लेंस/फोटोग्राफी
06-10-2020 02:11 AM
Post Viewership from Post Date to 06- Nov-2020 32nd Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
2622 453 0 3075
* Please see metrics definition on bottom of this page.
कहानी टेलिस्कोप की

लखनऊ के इंदिरा गांधी नक्षत्र भवन में बहुत टेलीस्कोप (Telescope) हैं। टेलिस्कोप के जरिए ही हम पूरे ब्रह्मांड को देखने में सक्षम होते हैं। यहां तक कि उसमें हम अपना स्थान भी देख सकते हैं। यह भारत के लिए गौरव की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े टेलिस्कोप के निर्माण का भागीदार रहा है। यह 30 मीटर टेलीस्कोप या टीएमटी (TMT) का निर्माण हवाई (Hawaii) समूह के मौना की (Mauna Kea) द्वीप में होना था। भारतीय उद्योग टेलिस्कोप के सेंसर (Sensor), एक्चुएटर (Actuator) और उसके सहयोगी तकनीकी तथा आकृति का निर्माण किये थे।


टेलिस्कोप और उसके उपयोग
टेलिस्कोप एक ऑप्टिकल उपकरण (Optical Equipment) होता है, जिसमें लगे लेंस, घुमावदार दर्पण, यह दोनों के समन्वय से दूर की चीजें नजदीक दिखाई देती हैं। 20वीं शताब्दी में नए ढंग के टेलिस्कोप का आविष्कार हुआ।

इतिहास
1608 में पहले टेलिस्कोप का निर्माण नीदरलैंड में हुआ था। इसके वास्तविक अन्वेषक का तो पता नहीं लेकिन यूरोप तक इसकी खबर पहुंची। 16 सालों में गैलीलियो (Galileo) ने अपना टेलिस्कोप बनाया। 1668 में आइज़क न्यूटन (Isaac Newton) ने पहला व्यावहारिक अपवर्तन टेलिस्कोप बनाया। जिसे न्यूटोनियन रिफ्लेक्टर (Newtonian Reflectors) कहते हैं। 1733 में अरोमैटिक लेंस (Aromatic Lens) का आविष्कार हुआ, जिसने साधारण लेंस के दोषों को दूर किया। 20वीं शताब्दी में टेलिस्कोप का काफी विकास हुआ। जिसमें रेडियो से गामा किरणों तक की विविधता उपलब्ध थी।


टेलिस्कोप और फोटोग्राफी
हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) ग्रहों, तारों और आकाश गंगा के बहुत साफ़ चित्र लेता है। इसने एक मिलियन से ज्यादा सर्वेक्षण किया। इन में शामिल थे- तारों के जन्म मृत्यु के बहुत स्पष्ट चित्र, बिलियन प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा के चित्र और बृहस्पति के वातावरण में धूमकेतु के टूटे टुकड़ों के चित्र। वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के बहुत से रहस्य के बारे में इन चित्रों से जानकारी मिली। कुछ चित्र तो बहुत आकर्षक थे।

क्या है अर्थराइज (Earthrise)?

यह पृथ्वी और चंद्रमा के कुछ हिस्से का फोटोग्राफ होता है, जो लूनर आर्बिट (Lunar Orbit) से अंतरिक्ष यात्री विलियम (William) द्वारा 24 दिसंबर 1968 को अपोलो-8 (Apollo-8) मिशन के दौरान लिया गया था। नेचर पत्रिका के फोटोग्राफर गैलन रोवेल (Galen Rowell) ने इसे सबसे ज्यादा प्रभावशाली पर्यावरणीय फोटोग्राफ बताया।
मानव सभ्यता के उदय से लेकर 400 साल पहले तक हम अपने ब्रह्मांड के बारे में जो कुछ जानते थे, वह सब हमारी नंगी आंखों से देखा होता था। तब गैलीलियो ने अपना टेलीस्कोप 1610 में अंतरिक्ष की ओर मोड़ा और दुनिया की आंखों के आगे ना जाने कितने रहस्य खुल गए।

सन्दर्भ:
https://www.nasa.gov/mission_pages/hubble/story/index.html
https://timesofindia.indiatimes.com/india/india-developing-worlds-largest-telescope/articleshow/69278700.cms
https://www.aninews.in/videos/national/rejoice-space-enthusiasts-indira-gandhi-planetarium-lucknow-installs-4-new-telescopes/
https://www.nasa.gov/audience/forstudents/5-8/features/nasa-knows/what-is-the-hubble-space-telecope-58.html
https://en.wikipedia.org/wiki/Telescope
https://en.wikipedia.org/wiki/Earthrise
चित्र सन्दर्भ:
पहली छवि से पता चलता है कि आधुनिक टेलीस्कोप आमतौर पर रिकॉर्डिंग छवियों के लिए फिल्म के बजाय CCDs का उपयोग करते हैं।(wikipedia)
दूसरी छवि दूरबीन की है।(canva)
तीसरी छवि दूरबीनों से ली गई पृथ्वी वृद्धि को दिखाती है।(wikipedia)