वर्तमान जीवन के समान था, सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों का जीवन

सभ्यता : 10000 ई.पू. से 2000 ई.पू.
07-02-2021 12:07 PM
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सिंधु घाटी सभ्यता इस युग की प्रारंभिक सभ्यता थी। मोहनजोदड़ो इस सभ्यता का एक प्रमुख शहर था, जिसके नाम का अर्थ है, "मृतकों का टीला"। राखालदास बनर्जी (Rakhaldas Banerjee), काशीनाथ नारायण (Kasinath Narayan), जॉन मार्शल (John Marshall) आदि लोगों द्वारा यहां समय-समय पर खुदाई की गई। इन खुदाईयों से ज्ञात होता है कि, इस सभ्यता का जीवन ठीक उसी प्रकार का था, जैसा आज हम जीते हैं।  उदाहरण के लिए, उस समय भी सभी प्रकार के बर्तन, गहने, घर, बाथरूम (Bathrooms) आदि का उपयोग किया जाता था। यह सभ्यता सिंधु नदी के पास थी, और इसलिए इसे सिंधु घाटी सभ्यता का नाम दिया गया। इस सभ्यता के प्रमाणों से पता चलता है कि, उनके पास पूर्ण नियोजित संरचना, शहरी केंद्र जैसे मोहनजोदड़ो, लोथल, हड़प्पा, धोलावीरा आदि थे। सभी जगह समान आकार की ईंटों का उपयोग किया गया था जो उस समय वहां एकल शासन होने का संकेत देती है। सभ्यता की जल निकासी प्रणाली इस युग की प्रारंभिक जल निकासी प्रणाली थी, जिसे योजनाबद्ध और एक समान तरीके से बनाया गया था।  यह जल निकासी प्रणाली वर्तमान स्थिति के लिए आदर्श साबित होती है। एक ऐसी सभ्यता जिसमें लगभग 50 लाख लोग रहते थे, प्राकृतिक आपदा के कारण समाप्त हो गई।  इसने भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अद्भुत सभ्यता का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

 

संदर्भ:

https://youtu.be/c8cW2DV2pgs