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यूं तो, मनोदशा या अन्य मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करने वाले मादक पदार्थों को सदियों से जाना जाता रहा है, लेकिन वर्तमान समय में नार्को टूरिस्टों द्वारा ऐसे अनेकों स्थलों की खोज की जा रही है, जहां इन पदार्थों के उपभोग के लिए जाया जा सकता है। ऐसे स्थलों में दक्षिण पूर्व एशिया (Asia) और दक्षिण अमेरिका के देश और कुछ यूरोपीय देश शामिल हैं। भारत की यदि बात करें तो, यहां ड्रग टूरिज्म निरंतर बढ़ता जा रहा है। मादक पदार्थों के लिए हिमाचल, केरल, राजस्थान, गोवा आदि क्षेत्रों का ड्रग टूरिस्टों द्वारा दौरा किया जाता है। हिमाचल में मालन की हशीश (Hashish), केरल में इडुक्की गोल्ड (Idukki Gold), राजस्थान की भांग और अफीम, गोवा की साइकेडेलिक (Psychedelic) ड्रग्स आदि घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित करती हैं। गोवा में नशीले पदार्थों का व्यापार होता है, और पर्यटकों का एक प्रमुख वर्ग केवल ड्रग्स के लिए ही गोवा जाना पसंद करता है। इसी प्रकार से हिमाचल के कुल्लू जिले में कुल्लू, सैंज घाटी आदि क्षेत्रों में जहां भांग की संगठित खेती होती है, वहीं चंबा, कांगड़ा, ऊपरी शिमला और उत्तराखंड से सटे इलाकों में भांग, जंगली रूप से वृद्धि करता है। इनके अलावा पंजाब, ओडिशा, मुंबई जैसे राज्य हर प्रकार की ड्रग्स की उपलब्धता के लिए जाने जाते हैं। मादक पदार्थों के उपभोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक इन स्थलों पर कई दिन बिताते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर देंखे तो, शिक्षित बेरोजगार युवक और युवतियां, तनावग्रस्त श्रमिक वर्ग के लोग, कलाकार आदि ड्रग टूरिज्म की प्रवृत्ति का अनुसरण कर रहे हैं। 
स्कूल के बच्चे से लेकर वरिष्ठ नागरिक तक ड्रग्स टूरिज्म से प्रभावित हो गये हैं। अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के कारण भारत में नशीली दवाओं का दुरुपयोग हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटक ड्रग्स का उपभोग करने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा कर रहे हैं। एक ड्रग टूरिस्ट, मादक पदार्थ को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय सीमा को पार कर सकता है। इसके अलावा शराब या तंबाकू जैसे पदार्थों को आसानी से खरीदने के लिए वह एक प्रांत से दूसरे प्रांत में भी यात्राएं कर सकता है। ये यात्राएं भारत में स्थानीय सामुदायिक प्रशासन और नागरिकों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं, विशेषकर युवा नागरिकों को। ड्रग्स की तस्करी और इसका उपयोग अनेकों क्षेत्रों में एक अपराध है। यदि कोई इससे संलग्न होता है, तो उसके लिए दंड के प्रावधान भी बनाए गए हैं। देश के बेहतर भविष्य के लिए ड्रग पर्यटन के प्रभाव को कम करने की तत्काल आवश्यकता है। इस प्रभाव को निजी, सार्वजनिक और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से संचालित गतिविधियों के द्वारा कम किया जा सकता है।