पारंपरिक सौंदर्य से अधिक, विचारों या अवधारणाओं को प्राथमिकता देती है,अवधारणात्मक कला

दृष्टि III - कला/सौंदर्य
11-11-2021 08:28 AM
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पारंपरिक सौंदर्य से अधिक, विचारों या अवधारणाओं को प्राथमिकता देती है,अवधारणात्मक कला

कला के विविध रूप होते हैं, जिनमें से एक अवधारणात्मक कला भी एक है। इस शब्द का मतलब समझना अन्य कला रूपों या अंदोलनों जितना सीधा या आसान नहीं है। इस शब्द के अर्थ को समझने में हर कोई व्यक्ति भ्रमित हो सकता है। हालांकि यह शब्द आमतौर पर 1960 और 1970 के दशक के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका (America) में उभरे कला आंदोलन को संदर्भित करता है। ऐसे कई तरीकें हैं, जिनके जरिए इस शब्द को समझा जा सकता है। तो आइए जानते हैं, कि वास्तव में यह शब्द क्या दर्शाता है तथा इसकी शुरूआत कब हुई। अवधारणात्मक कला, जिसे अवधारणावाद के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी कला है, जिसमें कार्य में शामिल अवधारणा या विचारों को पारंपरिक सौंदर्य, तकनीकी और भौतिक विचारों से अधिक प्राथमिकता दी जाती है। अवधारणात्मक कला के कुछ कार्य, जिन्हें कभी-कभी इंस्टॉलेशन (Installation) कहा जाता है, किसी के द्वारा लिखित निर्देशों के एक सेट का अनुसरण करके ही बनाया जा सकता है।यह विधि अमेरिकी कलाकार सोल लेविट (Sol LeWitt's) की अवधारणात्मक कला की परिभाषा के लिए मौलिक थी, जो मुद्रित रूप में पेश होने वाली पहली परिभाषाओं में से एक थी। इसके अनुसार “अवधारणात्मक कला में विचार या अवधारणा कार्य का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। जब कोई कलाकार कला के एक वैचारिक या अवधारणात्मक रूप का उपयोग करता है, तो इसका मतलब है, कि सभी योजनाएँ और निर्णय पहले से ही निर्मित कर ली गयी हैं तथा निष्पादन कार्य असावधानी पूर्वक किया गया कार्य है। इसमें विचार एक मशीन की भांति कार्य करती है जो कला बनाती है।इस शब्द को 1961 में, दार्शनिक और कलाकार हेनरी फ्लायंट (Henry Flynt) ने एक लेख में उपयोग किया था।फ्रांसीसी कलाकार मार्सेल डुचैम्प (Marcel Duchamp) ने प्रोटोटाइपिक रूप से वैचारिक कार्यों के उदाहरण प्रदान करके (उदाहरण के लिए,रेडीमेड्स (readymades)) अवधारणावादियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया। डुचैम्प के रेडीमेड्स में सबसे प्रसिद्ध फाउंटेन (Fountain -1917) था, जिसे छद्म नाम आर.मट (R.Mutt) के साथ कलाकार द्वारा हस्ताक्षरित किया गया था और न्यूयॉर्क (New York) में सोसाइटी ऑफ़ इंडिपेंडेंट आर्टिस्ट्स (Society of Independent Artists) की वार्षिक, गैर-न्यायिक प्रदर्शनी में शामिल करने के लिए प्रस्तुत किया गया। हालांकि वहां इसे अस्वीकार कर दिया गया।1956 में, लेट्रिस्म (Lettrism),के संस्थापक इसिडोर इसौ (Isidore Isou) ने कला के एक काम की धारणा विकसित की, जो अपने स्वभाव से, वास्तविकता में कभी भी नहीं बनाई जा सकती थी, लेकिन फिर भी बौद्धिक रूप से चिंतन करके सौंदर्य पुरस्कार प्रदान कर सकती थी।कला इतिहासकार पॉल वुड (Paul Wood) ने अपनी व्यापक पुस्तक कॉन्सेप्टुअल आर्ट (Conceptual Art) में इस शब्द के इस्तेमाल के विभिन्न तरीकों के बीच अंतर किया है। उनके अनुसार अवधारणावाद को अक्सर एक नकारात्मक शब्द के रूप में प्रयोग किया जाता है, इसे एक ऐसी समकालीन कला माना जाता था, जो अवधारणा के इर्द-गिर्द घूमती है, तथा लोग जिसे नापसंद करते थे। अवधारणावाद एंग्लो-अमेरिकन (anglo-american) कला आंदोलन को संदर्भित करता है जो 1960 और 1970 के दशक में फला-फूला। कलाकृति के विचार, योजना और उत्पादन प्रक्रिया को वास्तविक परिणाम से अधिक महत्वपूर्ण माना जाता था।अवधारणावाद की एक अधिक विस्तारित धारणा यह मानती है कि 1950 के दशक से दुनिया के सभी कोनों में मौजूद पुरुष और महिलाएं साम्राज्यवाद से लेकर व्यक्तिगत पहचान तक के विषयों पर एक वैचारिक या अवधारणात्मक तरीके से काम कर रहे थे। इस अर्थ में, अवधारणावाद एक वैश्विक अवधारणावाद बन जाता है।1960 के दशक में उभरी यह कला पहले मौजूद आधुनिकतावादी आंदोलन की आलोचना करती है,जो केवल कला के सौंदर्य पर ध्यान केंद्रित करती है। अवधारणात्मक कलाकारों ने अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए उन सभी सामग्रियों का उपयोग किया जो सबसे उपयुक्त थे। इसके परिणामस्वरूप बहुत अलग प्रकार की कलाकृतियां सामने आईं जो लगभग किसी भी चीज़ की तरह दिख सकती थीं। इनमें प्रदर्शन से लेकर लेखन और रोज़मर्रा की वस्तुएं तक शामिल थीं। इस प्रकार वैचारिक कला अमूर्त विचारों को यथार्थवादी, सुलभ कार्यों में फ़िल्टर करती है जो यादों को उत्तेजित करती हैं और विचारों को साझा करती है। अवधारणावाद न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और इंग्लैंड (England) में महत्वपूर्ण था, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी व्यापक रूप से खोजा और विकसित किया गया था, जहां काम का अक्सर अधिक राजनीतिकरण किया जाता था। फ्रांस (France) में, 1968 के छात्र विद्रोह के समय, डेनियल ब्यूरन (Daniel Buren)ऐसी कला का निर्माण कर रहे थे जो संस्था को चुनौती देने और उसकी आलोचना करने के लिए थी।इटली (Italy) में, आर्टे पोवेरा (Arte Povera) 1967 में उभरा, जो पारंपरिक प्रथाओं और सामग्रियों के प्रतिबंधों के बिना कला बनाने पर केंद्रित था।लैटिन अमेरिका में, कलाकारों ने उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के वैचारिक कलाकारों की तुलना में अपने काम में अधिक प्रत्यक्ष राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का विकल्प चुना। ब्राज़ीलियाई (Brazilian) कलाकार सिल्डो मीरेल्स (Cildo Meireles) ने अपने इंसर्शन्स इन आइडियोलॉजिकल सर्किट सीरीज़ (Insertions into Ideological Circuits series - 1969) के साथ रेडीमेड को फिर से प्रस्तुत किया।कुछ प्रसिद्ध अवधारणात्मक कलाओं में इरेज़ेड डी कूनिंग ड्रॉइंग (Erased de Kooning Drawing - 1953),वन एंड थ्री चेयर्स (One and Three Chairs-1965),लंबवत पृथ्वी किलोमीटर (Vertical Earth Kilometer - 1977) आदि शामिल हैं, जिनके कलाकार क्रमशः रॉबर्ट रोसचेनबर्ग (Robert Rauschenberg),जोसेफ कोसुथो (Joseph Kosuth), वाल्टर डी मारिया (Walter de Maria) हैं।आज के समय में भी कुछ कलाकार अवधारणात्मक या प्रतिनिधित्वात्मक कला का निर्माण करते हैं।

संदर्भ:
https://bit.ly/3EWYO8u
https://bit.ly/3C0WnzI
https://bit.ly/3bWOTTP
https://bit.ly/3bSmxds
https://bit.ly/3EW4nUE

चित्र संदर्भ

1. पिक्सारा के पीछे का विज्ञान (science behind Pixara) से ली गई अवधारणात्मक कला को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2  मेलबर्न में बारबरा क्रूगर स्थापना विवरण देती अवधारणात्मक कला को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. कॉन्सेप्टुअल आर्ट (Conceptual Art) को दर्शाता एक चित्रण (unsplash)
4. ओलाफ निकोलाई (Olaf Nikolai), नाजी सैन्य न्याय के पीड़ितों के लिए स्मारक, वियना में बॉलहौसप्लात्ज़ (Ballhausplatz in Vienna) को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)