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 पिछले कुछ वर्षों में, गोमती उत्तर प्रदेश की सबसे प्रदूषित नदी बन गई है। राज्य प्रदूषण
नियंत्रण बोर्ड के अनुसार इसका पानी अब उपभोग के लिए अनुपयुक्त है। प्रदूषण का स्तरइतना बढ़ गया है कि नदी की जैव विविधता प्रभावित हो रही है।मोलस्क
(Molluscs),सोलारिल्ला (Solariella) की एक समुद्री प्रजाति हाल ही में नदी में पाई गई थी। यह
चिंताजनक है, क्योंकि सोलारिएला तटीय जल वाली स्थानिक प्रजाति है जिसमें आमतौर पर
पीएच का उच्च स्तर होता है।
यह परिदृश्य नदी में बढ़े हुए प्रदूषण स्तर को दर्शाता है, जो
यहां पाई जाने वाली विभिन्न मछली प्रजाति को प्रभावित कर रहा है। यह समस्या केवल
गोमती नदी की ही नहीं है, बल्कि पूरे विश्व के अधिकांश जलीय तंत्रों की है।जलीय तंत्रों में
प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है, कि प्रजातियों का अस्तित्व संकट में आ गया है।यह
संकट मानव को विभिन्न रूपों से प्रभावित करता है, जिनमें से एक उनकी पोषण सम्बंधी
आवश्यकता भी है।यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया भर में लगभग 2 अरब लोग
अपनी पोषण संबंधी जरूरतों के लिए मछली, कीड़े, फल और अन्य गैर-कृषि रूप से उत्पादित
खाद्य उत्पादों पर निर्भर रहते हैं। 
इनमें से, मछली एक महत्वपूर्ण उत्पाद है, जिसे जंगली
खाद्य पदार्थ माना जाता है क्योंकि इनमें प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की उच्च
मात्रा होती है। यदि मछलियों की संख्या में निरंतर गिरावट आती रहती है, तो इसका असर
मनुष्य के पोषण स्तर पर भी देखने को मिलेगा।उदाहरण के लिए लोरेटो (Loreto) में लोग
प्रति व्यक्ति सालाना लगभग 50 किलोग्राम मछली खाते हैं, तथा यह दुनिया के उन क्षेत्रों में
से एक है, जो सबसे ज्यादा मछली खाते हैं।एक औसत अमेरिकी हर साल मांस की लगभग
आधी मात्रा का उपभोग करता है।कैच डेटा (Catch data) के अनुसार, लोरेटो निवासी मछलियों
की लगभग 60 विभिन्न प्रजातियों का सेवन करते हैं। 
उनके द्वारा उपभोग की जाने वाली
मछलियों में कैटफ़िश (Catfish) भी शामिल है।लेकिन अब यहां परिदृश्य यह है कि मछ्लियों
के अत्यधिक उपभोग और उनका रास्ता अवरुद्ध करने वाले जल विद्युत बांधों के कारण
उनकी संख्या दिन-प्रति-दिन घटती जा रही है। मछलियां मुख्य रूप से अनेकों महत्वपूर्ण
पोषक तत्वों से युक्त होती हैं, जिनमें प्रोटीन, आयरन, जस्ता, कैल्शियम और तीन ओमेगा -3
फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) जिनमें लिनोलेनिक एसिड(Linolenic acid),इकोसापेंटेनोइक
एसिड (Eicosapentaenoic acid), और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (Docosahexaenoic acid) शामिल
हैं। जबकि सभी प्रजातियों में प्रोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत समान होती है, वहीं छोटी और
अधिक गतिहीन मछलियों में ओमेगा-3 की मात्रा अधिक होती है।जिंक और आयरन जैसे
सूक्ष्म पोषक तत्वों के स्तर भी प्रजातियों के बीच भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। छोटी, गतिहीन
प्रजातियों ने बड़ी प्रवासी प्रजातियों की गिरावट में भरपाई करते हुए फैटी एसिड की आपूर्ति
में वृद्धि की लेकिन उसी बीच जस्ता और आयरन की आपूर्ति में कमी देखी गई। ऐसे क्षेत्रों
में जहां लोहे की कमी के कारण उच्च रक्ताल्पता दर मौजूद है, वहां समस्या और भी विकट
हो जाती है।इस प्रकार भले ही एक प्रजाति को दूसरी प्रजाति द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया
जाता है, लेकिन वे केवल एक ही प्रकार के पोषण चक्र की पूर्ति कर रहे हैं, सभी प्रकार के
पोषण चक्र की नहीं।मछलियों का उपभोग मनुष्य को अनेकों पोषक तत्व प्रदान करता है, जो
यह भी दर्शाता है, कि कैसे जलीय तंत्र में मछलियों का घटता स्तर मानव में पोषक तत्वों के
स्तर को प्रभावित कर सकता है। 
पिछले कई दशकों में, कई अलग-अलग कारकों ने जंगली
मछलियों की जैव विविधता में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।जैसे जिन क्षेत्रों में मछलियों का
अत्यधिक सेवन होता है, वहां उनका अत्यधिक मात्रा में शिकार किया जाता है।जलवायु
परिवर्तन के कारण मछलियों के अस्तित्व के लिए परिस्थितियां प्रतिकूल होती जा रही हैं।
आवासों के नुकसान के कारण मछलियों के प्रजनन में समस्या उत्पन्न हो रही है।
जलीय तंत्रों
में जल विद्युत बांधों का निर्माण मछलियों के मार्ग को अवरूद्धकर रहा है तथा सबसे प्रमुख
कारण प्रदूषण जो मछलियों के संज्ञानात्मक और व्यवहारात्मक विकास को बाधित कर रहा
है।यदि मछली की एक भी प्रजाति का नुकसान होता है, तो परिस्थितियां आगे चल कर और
भी खराब हो सकती हैं।इस प्रकार मछलियों की आबादी में कमी तथा पोषण दोनों ही
महत्वपूर्ण रूप से आपस में जुड़े हुए हैं।शोधकर्ताओं का अनुमान है कि मछलियों की 40
प्रजातियों के विलुप्त होने या नष्ट होने से उपभोग के लिए उपलब्धशेष प्रजातियों का पोषण
सेवन काफी कम हो सकता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3QcBA3r
https://bit.ly/3TChmmM
https://bit.ly/3KD0vfr
चित्र संदर्भ
1. हाथ में पकड़ी छोटी मछलियों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. मछली पकड़ते नाविकों को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. बाजार में मछली विक्रेताओं को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. उथले पानी में तैरती मछलियों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)