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  हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश की युवा आबादी में अत्यधिक बढ़ोतरी देखी गई है, किंतु समस्या यह है कि इस आबादी के लिए रोजगार सृजन पर्याप्त रूप से नहीं हो पाया है। परिणामस्वरूप ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें रोजगार के नाम पर युवाओं के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। लखनऊ में इस तरह के कई घोटालों के मामले सामने आए हैं, जिसमें नौजवानों को करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। तो आइए इनमें से कुछ घोटालों को समझने की कोशिश करते हैं तथा जानते हैं, कि कैसे इस तरह के नकली नौकरी प्रस्तावों से बचा जा सकता है। 
वर्तमान समय में रोज़गार के नाम पर घोटाले आम होते जा रहे हैं। ऐसे लोग जो नौकरी की तालाश में  हैं, वे चालाक जालसाजों के निशाने पर बने हुए हैं। लखनऊ सहित पूरे उत्तरप्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें नौकरी के नाम पर युवाओं से कई रुपयों की ठगी की गई है। कुछ समय पूर्व ही उत्तर प्रदेश की साइबर क्राइम विंग (Cybercrime wing) ने कुछ साइबर ठगों को अपनी हिरासत में लिया। इन साइबर ठगों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर नौकरी चाहने वाले लोगों से एक महत्वपूर्ण राशि वसूली।साइबर क्राइम टीम द्वारा एक मामले की जांच शुरू करने के बाद आरोपी पुलिस के रडार पर आए, जिसमें उन्होंने एक पीड़ित से एक लाख रुपये की ठगी की थी। 
भारत भर में कई नौकरी के इच्छुक लोगों को इस गिरोह द्वारा धोखा दिया गया था। उन्होंने एक फर्जी वेबसाइट बनाई तथा नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को निशाना बनाया। उन्होंने नौकरी.कॉम (Naukri.com), शाइन.कॉम (Shine.com) जैसी वास्तविक वेबसाइटों की प्रीमियम सदस्यता भी ली, ताकि नौकरी चाहने वालों के रिज्यूमे (Resume) और संपर्क विवरण तक सीधी पहुंच प्राप्त की जा सके। गिरोह ने उम्मीदवारों से मात्र 25 रुपये का भुगतान करके अपनी वेबसाइट पर पंजीकरण करने के लिए कहा, ताकि अधिक से अधिक लोग उनके जाल में फंस सकें। इसके बाद, पंजीकरण भुगतान के रूप में 25 रुपये लेने के बहाने, गिरोह ने सभी महत्वपूर्ण बैंकिंग विवरण, व्यक्तिगत जानकारी और यहां तक कि उम्मीदवारों के ओटीपी भी दर्ज किए। जैसे ही उम्मीदवारों द्वारा विवरण प्रस्तुत किया गया, गिरोह द्वारा उनके खाते से बड़ी राशि निकाल ली गई। अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए गिरोह ने उन सिम कार्डों का इस्तेमाल किया, जो दूसरे राज्यों से फर्जी विवरणों पर लिए गए थे। गिरोह ने किसी और के विवरण और दस्तावेजों पर बैंक खाते के विवरण और जॉब पोर्टल प्रीमियम एक्सेस का भी इस्तेमाल किया था। 
कुछ समय पूर्व विशेष कार्य बल ने नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में 59 लोगों को गिरफ्तार किया था, जो भारत भर के बेरोजगार युवाओं को प्रतिष्ठित जॉब पोर्टल्स के माध्यम से नौकरी की पेशकश कर रहे थे। वे नौकरी चाहने वाले प्रत्येक युवा को 10,000 रुपये जमा करने के लिए कहते थे। इसके लिए उन्होंने फोन पर युवाओं के फर्जी साक्षात्कार भी आयोजित किए थे। 
तो इस प्रकार हम देख सकते हैं, कि कैसे नौकरी चाहने वाले युवाओं के साथ जालसाजों द्वारा धोखाधड़ी की जा रही है।यदि आप एक नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप इन घोटालों के प्रति सतर्क रहें। इस प्रकार के घोटालों से बचने के लिए आपको कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। उदाहरण के लिए रोजगार के नाम पर अगर आपको कोई सामान्य ईमेल आती है, तो आपको उससे सावधान रहना होगा।जालसाज बहुत कम या किसी विशिष्ट जानकारी के द्वारा एक व्यापक जाल बिछाने का प्रयास करते हैं। हमेशा ऐसे ईमेल से सावधान रहें जो अत्यधिक सामान्य दिखते हैं। 
आपको ईमेल पतों की जांच करनी चाहिए कि उनकी वर्तनी सही है या नहीं। चालाक जालसाज सामान्यतः भौतिक साक्षात्कार के बिना ही रोजगार की पेशकश करते हैं, जबकि वास्तव में नियुक्ति देने वाली कंपनी या नियोक्ता आपका व्यक्तिगत साक्षात्कार अवश्य लेगा। जालसाज आपको प्रायः ऐसे रोजगार का धोखा देंगे, जिसके लिए किसी ख़ास कौशल या अनुभव की आवश्यकता नहीं होती है। रोजगार की पेशकश करते समय अक्सर जालसाज आपसे आपकी वित्तीय जानकारी साझा करने का अनुरोध करते हैं। जबकि कोई कंपनी या नियोक्ता किसी पद के लिए संभावित सहकर्मियों को भुगतान करने के लिए नहीं कहती है।
संदर्भ:
https://tmsnrt.rs/3KvntqW
https://bit.ly/41hFIG4
https://bit.ly/3XTI7E5
https://bit.ly/3xMIZzQ
चित्र संदर्भ
1. नकली नौकरी प्रस्ताव को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
2. ऑनलाइन नौकरी मंच को दर्शाता एक चित्रण (Pix4free)
3. मार्क रॉबर्ट (Mark Robert), द्वारा पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
4. फ्रॉड चेतावनी को दर्शाता एक चित्रण (youtube)